बंदी छोड़ दिवस पर दरबार साहिब में संगत ने नवाया शीश
गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब में दीपावली मेले के दौरान हजारों संगत ने दरबार साहिब में हाजिरी लगाई और घी के दीपक जलाए। संगत ने सुख-शांति के लिए अरदास की। धार्मिक जत्थों ने शबद कीर्तन किया, जबकि लंगर और...
गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब में चल रहे दीपावली मेले में हजारों की संख्या में संगत ने दरबार साहिब में अपनी हाजिरी लगाकर पवित्र पंजा साहिब पर घी के दीपक जलाए और गुरु महाराज से सुख-शांति के लिए अरदास की। गुरुद्वारा साहिब में सजे धार्मिक दीवान में दिन-रात रागी, ढाडी, कविसरी और कीर्तनी जत्थों ने शबद कीर्तन से संगत को निहाल किया। इस दौरान गुरुनानक देव और गुरुओं के बताए मार्ग पर चलने के लिए संगत को प्रेरित किया। गुरुद्वारा प्रबंधन और डेरा कारसेवा की ओर से संगत के रहने और लंगर की विशेष व्यवस्था की गई है। गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब में बंदी छोड़ दिवस के उपलक्ष्य पर लगने वाले उत्तर भारत के प्रसिद्ध दीपावली मेले में संगत की भारी भीड़ उमड़ी। शुक्रवार को सुबह से ही संगत की लम्बी कतारें लग गईं। संगत ने पवित्र सरोवर में स्नान कर श्री हरमिंदर साहिब के दर्शन किए और पवित्र पंजा साहिब में घी के दीपक जलाकर सुख-शांति की अरदास की। बाबा अलमस्त दीवान हॉल में सजे धार्मिक दीवान में पंथ के प्रसिद्ध धार्मिक जत्थे और कथावाचक गुरुओं की महिमा का गुणगान कर रहे हैं। गुरुनानक इंटर कॉलेज के एनसीसी और स्काउट के स्वयंसेवियों और मंझ सेवा सोसायटी सितारगंज, यूथ सिख सोसायटी सितारगंज समेत तमाम सामाजिक और धार्मिक संगठन भी सेवाएं दे रहे हैं। मेले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से संगत के लिए नि:शुल्क चिकित्सा सहायता शिविर लगाया गया है। यातायात व्यवस्था दुरुस्थ रखने के लिए सेवादार व पुलिस, पीएसी भी तैनात है। मेला परिसर में अस्थायी पुलिस कैम्प स्थापित किया है। सीसीटीवी कैमरों से मेला परिसर व गुरुद्वारा परिसर में नजर रखी जा रही है। इसके बाद भी चेन छीनने, पर्स चोरी के मामले सामने आए। संगत के लिए गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से लंगर और ठहरने की विशेष व्यवस्था की गई है। संगत दिन-रात अटूट लंगर का प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं।
धार्मिक डेरा कार सेवा में संतों से लिया आशीर्वाद
हजारों की संख्या में संगत ने धार्मिक डेरे पर पहुंचकर संतों से आशीर्वाद प्राप्त किया। यहां अटूट लंगर बरताया जा रहा है। संगत ने गुरुद्वारा छेंवी पातशाही, भंडार साहिब, दूध वाला कुआं, लाल गुरु गुरुद्वारे में भी शीश नवाया। श्रद्धालुओं ने पवित्र बाऊली साहिब और अजायब घर में लगे सिखी के इतिहास को देखकर और पढ़कर खुद को गौरवान्वित किया। मेलार्थियों ने गुरुद्वारा साहिब में लंगर छककर पर्व पर लगे मेले में जमकर खरीदारी कर मनोरजंन के साधनों का लुत्फ उठाया।
लाल गुरु के दरबार में नानकपंथी संगत ने मत्था टेका
नानकमत्ता। गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नानकपंथियों की आस्था का केंद्र है। हर साल दीवाली पर पीलीभीत, बीसलपुर, बदायूं, बरेली, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी आदि क्षेत्रों से नानकपंथी पहुंचते हैं। बाबा अलमस्त जो लाल गुरु के नाम से प्रसिद्ध थे। उनके अनुयाई नानकपंथी कहलाते हैं। नानकपंथी गुरुद्वारा साहिब के साथ ही ध्यानपुर के नंदीश्वर मंदिर पर भी संगत ने घी चढ़ाकर पूजा-अर्चना की।
मेले में लगे झूले सकर्स में बच्चों ने जमकर लुत्फ उठाया
दीपावली पर्व पर आयोंजित मेले में लगी दुकानों में लोगों ने जमकर खरीदारी की। मेले में निशानी के तौर पर कृपाण, खंड़ा साहिब और कड़े लेने वाले अधिक संख्या में खरीदारी करते दिखाई दिए। तो वहीं मेला स्थल पर लगे झूले सर्कस में भी बच्चों ने झुला और सर्कस और मौत का कुंआ देखने वालों ने जमकर लुत्फ उठाया।
ये रहे मौजूद
गुरुद्वारा साहिब के प्रधान जोगेन्द्र सिंह संधु, महासचिव अमरजीत सिंह, सचिव हरभजन सिंह, डायरेक्टर गुरवंत सिंह सोनी, निर्मल सिंह, प्रकाश सिंह, देवेन्द्र सिंह, गुरुदयाल सिंह, सुखवंत सिंह पन्नु, चरणजीत सिंह, गुरबाज सिंह, प्रबंधक रणजीत सिंह, व्लाक प्रमुख अमरिया निशान सिंह, सुखवंत सिंह भुल्लर, रणजीत सिंह राणा आदि मौजूद रहे।
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