पेराई सत्र के शुभारंभ पर संग्राम, बेहड़-शुक्ला आमने-सामने
चीनी मिल के नवीन पेराई सत्र का शुभारंभ विधायक तिलकराज बेहड़ और पूर्व विधायक राजेश शुक्ला के समर्थकों के बीच नारेबाजी के कारण हंगामे में बदल गया। पुलिस को स्थिति संभालने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा।...
चीनी मिल पेराई सत्र के शुभारंभ के दौरान मंगलवार को विधायक तिलकराज बेहड़ और पूर्व विधायक राजेश शुक्ला के समर्थकों के बीच नारेबाजी होने लगी। इस कारण कार्यक्रम स्थल पर हंगामा हो गया। मामला इतना बढ़ा कि पुलिस को दोनों के कार्यकर्ताओं से दूरी बनाने की अपील करनी पड़ी। विधायक तिलकराज बेहड़ ने पूर्व विधायक राजेश शुक्ला पर गुंडागर्दी करने का आरोप लगाया। जबकि राजेश शुक्ला ने बेहड़ पर शुभारंभ कार्यक्रम में विघ्न डालने का आरोप लगाया। तनावपूर्ण वातावरण के बीच दोनों नेताओं ने चेन कैरियर में गन्ना डालकर पेराई सत्र का शुभारंभ किया। मंगलवार को चीनी मिल में नवीन पेराई सत्र का शुभारंभ था। विधायक तिलकराज बेहड़, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला और भाजपा जिलाध्यक्ष कमल जिंदल को कार्यक्रम सम्पन्न किराना था। इस मौके पर चीनी मिल यार्ड में सुबह ग्यारह बजे हवन यज्ञ इत्यादि का आयोजन किया गया। विधायक तिलकराज बेहड़ कांग्रेसियों और पूर्व विधायक राजेश शुक्ला पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ शुभारंभ कार्यक्रम में पहुंचे। तिलकराज बेहड़, राजेश शुक्ला, भाजपा जिलाध्यक्ष कमल जिंदल व चीनी मिल के अधिशासी निदेशक त्रिलोक सिंह मर्तोलिया ने शांतिपूर्वक तरीके से किसानों के साथ विधि विधान से पूजा अर्चना के साथ हवन कुंड में आहूति दी।
आरती के बाद बेहड़ और शुक्ला अपने समर्थकों के साथ चीनी मिल गेट पर लगे लाल रिवन को काटने पहुंचे। यहां राजेश शुक्ला के समर्थकों और राजेश शुक्ला के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी। इसपर बेहड़ ने शुक्ला से शांतिपूर्वक कार्यक्रम सफल कराने की अपील की, लेकिन इसके बावजूद राजेश शुक्ला नारेबाजी करते रहे। इससे खिन्न होकर बेहड़ समर्थकों के साथ चीनी मिल के चेन कैरियर पर आ गए।
इधर शुक्ला और कमल जिंदल भी समर्थकों के साथ चेन कैरियर पर पहुंच गए। दोनों नेताओं ने तनावपूर्ण माहौल में चेन कैरियर में गन्ना डालकर मिल के पेराई सत्र का शुभारंभ किया, लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं की नारेबाजी जारी रही। इस कारण बेहड़ और उनके समर्थकों की त्यौरियां चढ़ गईं। कांग्रेसियों ने भी बेहड़ के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी। कार्यक्रम स्थल पर हंगामा हो गया और स्थिती बिगड़ने लगी। कोतवाल धीरेन्द्र कुमार ने दोनों पक्षों को शांति बरतने का आग्रह किया। बेहड़ ने आरोप लगाया कि राजेश शुक्ला क्षेत्र के गुंडों को लाकर गुंडागर्दी करने का प्रयास कर रहे हैं। जबकि राजेश शुक्ला ने आरोप लगाया कि चीनी मिल के विकास से प्रभावित होकर जनता मुख्यमंत्री के समर्थन में नारेबाजी कर रही है। जोकि विधायक को बर्दाश्त नहीं हो रहा है। इधर बेहड़ प्रशासनिक अधिकारियों पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए अपने समर्थकों के साथ वापस चले गए।
विधायक बेहड़ और पूर्व विधायक शुक्ला ने एक दूसरे को देख लेने की दी नसीहत
बोले-विधायक तिलकराज बेहड़
किच्छा। घटना के बाद विधायक तिलकराज बेहड़ ने कार्यालय पर प्रेसवार्ता का आयोजन कर आरोप लगाया कि उन्हें नवीन पेराई सत्र कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शुभारंभ करना था। पिछले वर्ष की स्थिती देखते हुए उन्होंने गन्ना मंत्री सौरभ बहुगुणा से निवेदन किया था कि पूर्व विधायक कार्यक्रम में असामाजिक तत्वों को लेकर आते हैं, जिससे माहौल खराब होता है। गन्ना मंत्री कार्यक्रम में रहेंगे तो शांति से कार्यक्रम संपन्न होगा। तब गन्ना मंत्री ने उन्हें मिल प्रबंधन की ओर से पूरा सम्मान देने और असामाजिक तत्वों की गैरमौजूगदी का भरोसा दिया था। बेहड़ ने बताया कि उनके साथ क्षेत्र के किसान व कांग्रेसी कार्यकर्ता पहुंचे थे। उन्होंने सभी से नारेबाजी न करने की अपील की थी। जबकि राजेश शुक्ला के साथ युवा असामाजिक तत्व पहुंचे थे। उन्होंने भाजपा जिलाध्यक्ष कमल जिंदल की मौजूदगी में राजेश शुक्ला से नारेबाजी बंद कराने का निवेदन किया, लेकिन उनकी नारेबाजी जारी रही। बेहड़ ने आरोप लगाया कि पूर्व विधायक होने के बावजूद राजेश शुक्ला को को फीता काटने के लिए स्वयं बुलाया और सम्मान दिया, लेकिन इसके बावजूद उनके लोगों ने माहौल खराब करने का काम किया। चीनी मिल के अधिशासी निदेशक की उन्हें प्रोटोकॉल देने की जिम्मेदारी बनती है। आरोप लगाया कि एलआईयू की माहौल खराब होने की रिर्पोट के बावजूद पूरी पुलिस व्यवस्था मौके पर नहीं थी। उनके लोग भी गुस्से में आ गए थे, बड़ी घटना हो सकती थी। पुलिस ने भी असामाजिक तत्वों को नहीं रोका। राजेश शुक्ला ने भाजपा जिलाध्यक्ष कमल जिंदल का भी अपमान किया है। राजेश शुक्ला शांति नहीं चाहते है। सुर्खियां बटोरने को शुक्ला नारेबाजी कराते हैं। सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। सत्ता किसी के साथ नहीं रहती है। जिनका चीनी मिल से कोई सरोकार नहीं है ऐसे असामाजिक तत्वों को वह नसीहत दे रहे हैं। उनके पास सब की वीडियो है।
बोले-पूर्व विधायक राजेश शुक्ला
किच्छा। पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने बेहड़ के आरोपों का पलटवार करने के लिए अपने कार्यालय पर प्रेसवार्ता आयोजित की। शुक्ला ने आरोप लगाया कि बेहड़ विकास पर बहस करने की बजाय धमकी की भाषा बोल रहे हैं। यह उनकी हताशा का परिचायक है। कांग्रेस के कार्यकाल में किसानों को गन्ना भुगतान एक साल तक नहीं होता था। जबकि भाजपा सरकार के बाद मात्र कुछ महीने का गन्ना भुगतान देर से हुआ था। तब कांग्रेसियों ने दरी बिछाकर धरना दे दिया था। जब से मुख्यमंत्री धामी और गन्ना मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कमान संभाली है। तब से चीनी मिल का लगातार विकास हो रहा है। पेराई सत्र के दौरान इसकी खुशी क्षेत्र की जनता नारेबाजी कर रही थी, जिसे विधायक बेहड़ असामाजिक तत्व कह कर देख लेने की धमकी दे रहे हैं। शुक्ला ने दावा किया कि यदि उनके साथ कार्यक्रम में पहुंचा एक भी व्यक्ति हिस्ट्रीशीटर होगा तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे, लेकिन जो व्यक्ति बेहड़ के साथ पहुंचे थे, उनका कोतवाली में दुराचारियों की सूची में नाम है। इस मामले में वह मीडिया के सामने बहस करने को तैयार हैं। कांग्रेस के कार्यकाल में विपक्षी विधायक की पूछ नहीं थी, लेकिन इसके बावजूद विधायक बेहड़ को कार्यक्रम में पूरा सम्मान दिया गया। सभी लोगों ने शांतिपूर्वक तरीके से पूजा संपन्न कराई। लेकिन विधायक भाजपा कार्यकर्ताओं और अधिकारियों को धमकाया। शुक्ला ने आरोप लगाया कि विधायक बेहड़ देख लेने की धमकी दे रहे हैं। बेहड़ हमें आंतकित करने का कार्य कर रहे है। शुक्ला ने कहा वह किसी की धमकी में आने वाले नहीं हैं। वह पहले भी बेहड़ के आतंक का डटकर सामना कर चुके है। शुक्ला ने चेतावनी देते हुए कहा कि भाजपा हर बात का जवाब देगी।
नारेबाजी को तूल देना उचित नहीं : कमल जिंदल
कमल जिंदल ने राजेश शुक्ला के साथ प्रेसवार्ता में कहा कि जब कोई सरकार जनता के हित में कार्य करती है तो खुशी में उस सरकार के समर्थन में नारे लगते हैं। इस बात को तूल देने का कोई कारण नहीं था। सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में कार्यक्रम सम्पन्न हो रहा था। किसान खुश हैं। कार्यक्रम में किसी का अपमान नहीं हुआ है।
मिल प्रबंधन ने चहेतों दिया निमंत्रण
अखिल भारतीय राहुल गांधी ब्रिगेड के पूर्व प्रदेश सचिव भूपेंद्र कुमार उर्फ बंटी पपनेजा ने आरोप लगाया कि शुभारंभ कार्यक्रम में मिल प्रबंधन ने सत्ता पक्ष के दबाव में केवल चहेते लोगों को ही बुलावा दिया। आम किसानों को चीनी मिल के पेराई सत्र का निमंत्रण तक नहीं दिया। प्रबंधन को किसानों के हितों से कोई लेना-देना नहीं है।
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