निलंबित पीसीएस अधिकारियों की संपत्ति हो सकती है सीज !

एनएच 74 फोरलेन प्रोजेक्ट में मुआवजे घाटाले में एसआईटी की अब तक की जांच में करीब 250 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आ चुका है। एसआईटी की जांच में मनी ट्रेल के भी साक्ष्य जुटा लिए गए हैं। इसके बाद कमीशन...

हिन्दुस्तान टीम रुद्रपुरWed, 4 April 2018 06:10 PM
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एनएच 74 फोरलेन प्रोजेक्ट में मुआवजे घाटाले में एसआईटी की अब तक की जांच में करीब 250 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आ चुका है। एसआईटी की जांच में मनी ट्रेल के भी साक्ष्य जुटा लिये गए हैं। इसके बाद कमीशन के रूप में मुआवजे की बंटरबांट सामने आ चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय भी मामले की जांच कर रहा है। माना जा रहा है कि प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत निलंबित पीसीएस अधिकारियों से पूछताछ कर सकता है। इस एक्ट के प्रविधानों के अनुरूप घोटाले में गई रकम की रिकवरी करने के लिए ईडी को ऐसी संपत्ति या खाते भी फ्रीज करने का अधिकार होता है। दरअसल, कुछ समय माह पहले जब एसआईटी ने एनएच घोटाले में कमीशन के रूप में डकारी कई करोड़ों रुपये की रकम के संबंध में मनी ट्रेल के मामले पकड़े थे, तो प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में तहकीकात शुरू कर दी थी। सूत्रों के मुताबिक, मनी ट्रेल को लेकर एसआईटी की जांच में सामने आए तथ्यों की भी रिपोर्ट में मांगी गई थी। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में जांच शुरू कर दी थी। इधर सूत्रों के मुताबिक, एनएच घोटाले में अब तक करीब 250 करोड़ का गोलमाल पकड़े जाने के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय मनी लॉड्रिंग को लेकर अपनी जांच को आगे बढ़ा सकता है। इसके तहत अधिकारियों से पूछताछ कर रिकवरी की कवायद तेज हो सकती है। इसके तहत निलंबित पीसीएस अधिकारियों, कर्मचारियों और किसानों से रिकवरी नहीं होने पर उनकी संपत्ति फ्रीज भी की जा सकती है।

एसआईटी के लिए रिकवरी करना है मुश्किल टास्क

एनएच घोटाले की जांच कर रही एसआईटी के सामने इस मामले में करोड़ों रुपये की रकम को ठिकाने लगाने के बाद इस रकम की रिकवरी करना मुश्किल टास्क है। कानूनी रूप से रिकवरी हर हाल में किए जाने को एसआईटी बाध्य भी नहीं है। वहीं रिकवरी को लेकर अलग से कोई प्राविधान भी नहीं है। दूसरी ओर ईडी ऐसे मामलों में सीधे प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत कार्यवाही करने के लिए स्वतंत्र है। इसके तहत ऐसे मामलों में आरोपितों की संपत्ति को जब्त कर सरकार की संपत्ति में निहित किया जा सकता है।

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