सीमांत साहित्य उत्सव में एआई पर विमर्श
खटीमा, संवाददाता। मॉडर्न युटोपियन सोसाइटी द्वारा अष्टम सीमांत साहित्य उत्सव 2025 का भव्य आयोजन किया गया। जिसमें देश के अलावा पड़ोसी देश नेपाल के साहित
खटीमा, संवाददाता। मॉडर्न युटोपियन सोसाइटी के अष्टम सीमांत साहित्य उत्सव 2025 का आयोजन किया गया। इसका शुभारंभ डॉ. महेंद्र प्रताप पांडेय ‘नंद और हरीश शर्मा ने मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इसके बाद राजीव गांधी नवोदय विद्यालय और उत्तरांचल संगीत विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने सरस्वती-गणेश वंदना की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में वक्ताओं ने साहित्य के साथ लोक गीत और परंपराओं पर प्रकाश डाला। थारु विकास भवन के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में एक जीवनी एक कविता सत्र के तहत छात्रा रोशनी बिष्ट ने प्रसिद्ध साहित्यकार नरेश सक्सेना के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। शिक्षिका दीपा नरियाल ने श्याम नारायण पांडेय की कविता को अपनी मधुर आवाज देकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। डॉ. प्रशांत जोशी के संचालन में हुए इस कार्यक्रम का आयोजन विभिन्न बौद्धिक सत्रों में हुआ। प्रथम सत्र के विषय ‘एआई और हम में मुख्य वक्ता रोबोटिक्स एवं ड्रोन विशेषज्ञ दीपक सिंह मेहरा और संयोजक नक्षत्र पांडेय रहे। दूसरे सत्र का विषय ‘अभिलेखों के संरक्षण एवं साहित्य संवर्धन में कायस्थ समाज का योगदान में डॉ. सिद्धेश्वर सिंह एवं डॉ. प्रवीण कुमार पांडेय ने चर्चा की। संयोजक की भूमिका संस्था के कोषाध्यक्ष शरद सक्सेना ने निभाई। ‘उत्तराखण्ड के गीत विषय पर आधारित तीसरे सत्र में संगीत विशारद डॉ. प्रदीप उपाध्याय और प्रसिद्ध लोक कलाकार रंगकर्मी ब्रजभूषण जोशी, संयोजक जितेंद्र भट्ट ने लोक गीतों की समृद्धशाली परंपरा पर प्रकाश डाला। विशेष सत्र में डीआरडीओ से सेवानिवृत्त उच्च अधिकारी डॉ. एससी पंत का साक्षात्कार संस्था के अध्यक्ष डॉ.सीएस जोशी ने किया। कार्यक्रम में नवाचारी शिक्षक नवीन पोखरिया की पुस्तक ‘ठग दा आ गयो भल पर चेतन भट्ट ने चर्चा की। यहां पर नानकमत्ता पब्लिक स्कूल एवं वर्ल्ड विजन संस्था के शैलेंद्र के पुस्तकों के स्टॉल आकर्षण का केंद्र रहे। संस्था के सदस्य डॉ. कमलेश अटवाल ने संस्था का परिचय दिया। संस्था के सचिव पूरन बिष्ट ने संस्था द्वारा वर्ष भर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों का सिलसिलेवार ढंग से उल्लेख किया।
हस्तकला की प्रदर्शनी के साथ राग एवं फाग की महफिल सजी
खटीमा। इसके अतिरिक्त भावना भट्ट एवं शिक्षा राणा तथा दीपा राणा ( महिला स्वयं सहायता समूह पहेनिया) ने हस्तकला प्रदर्शनी भी लगाई। राग एवं फाग के तहत सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। यहां पर डॉ. लता जोशी, शान्ति देवी, कैलाश पांडेय, ट्विंकल मैम, पंकज भट्ट, रवि पांडे, रमेश सिंह, दयाल पांडेय, पंकज पंत, पवनेश किरण, मीता पांडेय, रमेश सिंह आदि मौजूद रहे।
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