किच्छा में भारत सरकार का नक्शा प्रोजेक्ट लांच, ड्रोन से की जाएगी शहर की मैंपिग
किच्छा में भारत सरकार का शहरी सर्वेक्षण कार्यक्रम नक्शा प्रोजेक्ट लांच किया गया। प्रोजेक्ट का उदेश्य शहरी भूमि अभिलेख के लिए सटीक और व्यापक भू-स्थानिक
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किच्छा, संवाददाता। किच्छा में भारत सरकार का शहरी सर्वेक्षण कार्यक्रम नक्शा प्रोजेक्ट लांच किया गया। प्रोजेक्ट का उद्देश्य शहरी भूमि अभिलेख के लिए सटीक और व्यापक भू-स्थानिक डाटाबेस तैयार करना है। नक्शा प्रोजेक्ट के लिए उत्तराखंड में किच्छा, अल्मोड़ा, टिहरी और भगवानपुर को चुना गया है। सर्वे ऑफ की इंडिया की टीम ड्रोन की मदद से एक हफ्ते में पूरे शहर का नक्शा तैयार करेगी। मंगलवार को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नक्शा प्रोजेक्ट का वर्चुअल शुभारंभ किया। नगरपालिका के कम्यूनिटी हॉल में एलईडी लगा कर एसडीएम कौस्तुभ मिश्रा, तहसीलदार गिरीश चंद्र त्रिपाठी, नगरपालिका अधिशासी अधिकारी गुरमीत सिंह समेत नगरवासियों ने शुभारंभ कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखा। जिसके बाद सर्वे ऑफ इंडिया टीम के अधिकारी सर्वेक्षक आलोक कुमार रावत ने बताया कि नक्शा प्रोजेक्ट का उद्देश्य नगरपालिका अंतर्गत सरकारी व निजी समेत सभी संपत्तियों का ड्रोन के माध्यम से नक्शा तैयार करना है। उनकी एक टीम लगभग एक हफ्ते में अपना सर्वे पूरा कर लेगी। सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ने इंदिरा गांधी खेल मैदान की ड्रोन की मदद से मैंपिग कर एसडीएम कौस्तुभ मिश्रा को डेमो दिखाया। इस दौरान पूर्व सभासद रंजीत सिंह नगरकोटि, सईदुल रहमान, ताहिर मलिक आरिफ कुरैशी, इकबाल कुरैशी, देवेन्द्र शर्मा, तुषार अग्रवाल, राजकुमार कोली, लियाकत अली, अफसार कुरैशी आदि मौजूद रहे।
तीन चरणों में होगी भूमि स्वामित्व की प्रक्रिया पूरी
किच्छा। नक्शा प्रोजेक्ट के माध्यम से भूमि स्वामित्व देने प्रक्रिया पूरी की जाएगी। नक्शा प्रोजेक्ट का कार्य तीन चरणों में पूरा होगा। पहले चरण में क्षेत्र, ड्रोन की उड़ान योजना, उड़ान भरना और डेटा कैप्चर करना, डेटा प्रोसेस करना और सटीक ऑर्थो- रेक्टिफाइड इमेज और विशेषताएं निकालना है। दूसरे चरण में मैदानी सर्वेक्षण, संपत्ति कर, पंजीकरण विलेख आदि का एकीकरण, मॉडल तैयार करना और भूमि स्वामित्व विवरण प्रकाशित करना है। अंतिम चरण में दावे आपत्तियां, शिकायत निवारण और अंतिम भूमि स्वामित्व है।
संपत्ति लेन देन और ऋण प्राप्ति होगी आसान
किच्छा। नक्शा प्राजेक्ट से प्रमाणित भूमि रिकॉर्ड से खरीद, बिक्री और पट्टे की प्रक्रिया तेज, सुरक्षित और धोखाधड़ी मुक्त होगी। जिससे ऋण स्वीकृति आसान होगी। यह बैंकिंग, बंधक स्वीकृति और भूमि आधारित निवेशों के लिए उपयोगी होगा। इससे सटीक भूमि डेटा से बेहतर जोनिंग, बुनियादी ढांचे के विकास और शहरी विस्तार में तेजी के साथ ही परिवहन योजना, आवासीय परियोजनाओं और सतत शहरी विकास में सहायता मिलेगी। आपदा प्रबंधन योजना को अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा।
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