मुख्य आरोपी ने उगले राज, सोनीपत में बने थे फर्जी चेक
रुद्रपुर में इंडसइंड बैंक से भूमि अधिग्रहण के लिए 13.5 करोड़ रुपये का सरकारी धन कूटरचित चेकों से गबन किया गया। मुख्य आरोपी ललित कुमार महेन्द्रू को गिरफ्तार किया गया है, और पुलिस ने 52 संदिग्ध खातों को...
रुद्रपुर, वरिष्ठ संवाददाता। बीते 2 सितंबर को रुद्रपुर स्थित इंडसइंड बैंक की शाखा से भूमि अधिग्रहण के लिए सक्षम अधिकारी (सीएएलए) और एनएचएआई के संयुक्त खाते से कूटरचित चेकों से 13.5 करोड़ के सरकारी धन के गबन के मामले में मुख्य आरोपी को पुलिस कस्टडी रिमांड (पीसीआर) पर लेने के बाद कई अहम जानकारियां मिली हैं। पुलिस ने पीसीआर की अवधि समाप्त होने पर आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। वहीं अब पुलिस गुरुवार को आरोपी की फिर से चार दिन की पीसीआर लेने के लिए कोर्ट में आवेदन करेगी। एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि इस मामले में सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी सहायता के आधार पर बैंक में फर्जी और कूटरचित चेक लगाने के षड्यंत्र में ललित कुमार महेन्द्रू उर्फ लाली, चेयरमैन उर्फ रामकुमार, लाली की बहन मीनू बाठला को पुलिस ने मुख्य आरोपी बनाया था। एक अक्तूबर को मुख्य आरोपी ललित कुमार महेन्द्रू उर्फ लाली को पुलिस ने जीरतपुर पंजाब से गिरफ्तार किया था और उसे रुद्रपुर लाया गया था। आठ अक्तूबर को न्यायालय से पुलिस ने लाली और ब्रांच मैनेजर देवेन्द्र सिंह की पुलिस रिमांड प्राप्त की थी। इस दौरान आरोपियों के बताए विभिन्न स्थानों पर पुलिस ने जाकर पूछताछ और जांच की। एसएसपी ने बताया कि मामले में हुई पूछताछ के बाद मुख्य आरोपी लाली ने बताया है कि बैंक में लगाए गए फर्जी चेक सोनीपत हरियाणा में राज शर्मा ने बनाए थे। बताया कि आरोपी लाली की चार दिन की और रिमांड लेने के लिए गुरुवार को कोर्ट में आवेदन किया जाएगा, जिससे उसकी निशानदेही पर प्रयुक्त वाहन, फर्जी चेक लगाने में प्रयुक्त हुए उपकरण और मोबाइल की बरामदगी की जा सके। उन्होंने बताया कि मामले में फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है।
पुलिस अब तक 52 खाते कर चुकी है सीज
एसएसपी मिश्रा ने बताया कि इस पूरे मामले में पुलिस अब तक मनी ट्रेल में शामिल रहे खातों में से 52 खातों को सीज कर चुकी है, जिससे गबन की गई पूरी रकम की बरामदगी की जा सके। साइबर सेल की जांच में साफ हुआ था कि 13.5 करोड़ की धनराशि चंडीगढ़, मुम्बई और जयपुर के तीन अलग-अलग खातों में स्थानान्तरित की गई है। इसके बाद यह राशि 7 बार विभिन्न राज्यों और बैकों के 68 अलग-अलग खातों में भेजी गई थी। साइबर सेल ने इनमें से 52 खाते सीज करा दिए हैं। उन्होंने बताया कि तीनों प्रमुख आरोपियों के विरुद्ध संगठित अपराध की संगीन धाराओं की बढ़ोतरी की गई है।
गुजरात में भी धोखाधड़ी कर चुका है लाली
एसएसपी ने बताया कि मुख्य आरोपी लाली पूर्व में गुजरात में धोखाधड़ी के मामले में आरोपी रहा है। अब तक की जांच में जयपुर में लगभग 2.5 करोड़ की धनराशि अपने खातों में लेने वाले विनोद शर्मा निवासी सीकर और प्रवीन शर्मा निवासी कल्याणनगर जयपुर, मुम्बई के मुख्य खाताधारक के लिए काम करने वाले जीवराज माली उर्फ विशाल निवासी सिरोही राजस्थान और भरत कुमार मिश्रा निवासी झुनझुनू राजस्थान को पुलिस ने तस्दीक किया है और उनके विरुद्ध कार्यवाही की गई है।
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