मेले के आयोजन से बढ़ता है आपसी सौहार्द: कापड़ी
खटीमा में लालकोठी शारदा घाट पर दो दिवसीय उत्तरायणी कौतिक मेले का समापन हुआ। मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ रही और बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। विधायक भुवन कापड़ी ने संस्कृति के प्रसार की...
खटीमा, संवाददाता। लालकोठी शारदा घाट में दो दिवसीय उत्तरायणी कौतिक मेले का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ समापन हो गया। बुधवार को लालकोठी स्थित शारदा नहर के तट में हुए मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। मेले में पड़ोसी देश नेपाल सहित आसपास के क्षेत्रों से आए लोगों ने मेले का आनंद लिया। मेले के आखिरी दिन आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों के स्कूली बच्चों ने कुमाउनी लोकगीत व पंजाबी नृत्य कर लोगों का मनमोह लिया। मेले के समापन मौके पर मुख्य अतिथि विधायक भुवन कापड़ी ने कहा कि मेले हमारी संस्कृति का प्रसार करने में सहायक होते हैं। मेलों के आयोजन से आपसी सौहार्द व भाईचारा बढ़ता है। उन्होंने कहा कि अपनी संस्कृति को संजोए रखने के लिए आगे आने की जरूरत है। कापड़ी ने कहा कि उत्तरायणी पर्व का धार्मिक के साथ सांस्कृतिक महत्व भी है। यह लोगों को परस्पर जोड़ने का कार्य करता है। समिति के अध्यक्ष भूपेन्द्र खोलिया ने मुख्य अतिथियों का आभार जताया। विधायक कापड़ी ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले विभिन्न विद्यालयां के बच्चों को सम्मानित किया। इधर, तराई बीज निगम में चल रहे उत्तरायणी कौतिक का सातवें दिन समापन हो गया। कौतिक में स्कूली बच्चों की प्रस्तुति मलखंभ को खासा सराहा गया। संचालन मनोहर पांडेय व रमेश भट्ट ने संयुक्त रूप से किया। यहां किसान आयोग उपाध्यक्ष राजपाल सिंह, रंदीप पोखरिया, मेला संयोजक राम सिंह जेठी, नवीन बोरा, बसंत बल्लभ जोशी, पूरन चंद्र जोशी, देवेंद्र कन्याल, मोहन प्रसाद मन्नू, सुधीर वर्मा, बलवीर खोलिया, गोपाल सिंह, सुरेश उप्रेती आदि मौजूद रहे।
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