बच्चों ने सीखी कविता लेखन की बारीकियां
खटीमा में बालप्रहरी की कार्यशाला का आयोजन किया गया। डॉ. आरसी रस्तोगी ने कहा कि मोबाइल संस्कृति के कारण बच्चे किताबों से दूर हो रहे हैं। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बच्चों को मौखिक और लिखित अभिव्यक्ति...
खटीमा। अल्मोड़ा से प्रकाशित बच्चों की पत्रिका बालप्रहरी की अभिव्यक्ति की कार्यशाला का आयोजन किया गया। उत्तराखंड बाल कल्याण एवं साहित्य संस्थान तथा भारत ज्ञान विज्ञान समिति ऊधमसिंहनगर के संयुक्त तत्वावधान में राणा प्रताप इंटर कॉलेज खटीमा में 1 जनवरी से हुई बच्चों की 5 दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. आरसी रस्तोगी ने किया। राणा प्रताप इंटर कॉलेज में हुई कार्यशाला के शुभारंभ के दौरान डॉ. रस्तोगी ने कहा कि मोबाइल संस्कृति के आज के दौर में बच्चे पुस्तकों से दूर होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए बच्चों को दोष देना ठीक नहीं हैं। एक शिक्षक, साहित्यकार व अभिभावक बतौर उन बड़े लोगों को पठन-पाठन की आदत विकसित करनी होगी। पुस्तकें तथा पत्र पत्रिकाएं स्वयं खरीदकर पठन-पाठन की संस्कृति को बढ़ावा देना होगा। तभी वह बच्चों को पठन- पाठन की संस्कृति से जोड़ पाएंगे। बालप्रहरी के संपादक उदय किरौला ने कहा कि बालप्रहरी द्वारा अभी तक भारत के 16 राज्यों में 308 पांच दिवसीय कार्यशालाएं आयोजित कर चुका है। कार्यशाला में बच्चों को मौखिक व लिखित अभिव्यक्ति के लिए प्रेरित किया जाना इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य है। उनके अनुसार कार्यशाला में प्रत्येक बच्चे की एक हस्तलिखित पुस्तक तैयार की जाएगी। कार्यशाला में बाल कवि सम्मेलन, समूह गीत तथा नुक्कड़ नाटक आदि विधाओं से बच्चों को जोड़ा जाएगा। कार्यशाला की शुरुआत ‘ज्ञान का दीया जलाने समूह गीत से हुई। अध्यक्ष मंडल में हीरा,पीहू,राधिका,नंदिनी,महिमा विनायक बोहरा जतिन जोशी आयुष, शुभम,खुशी, श्रेया को शामिल किया गया। नाम लेखन प्रतियोगिता, शब्द लेखन प्रतियोगिता, सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता में रिजम अंसारी, दिव्यांशी,अमन चौहान को पुरस्कार में बालसाहित्य दिया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता गीता राम बंसल ने तथा संचालन त्रिलोचन जोशी ने किया।
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