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बोले रुद्रपुर : चालीस में मिली नौकरी, उस पर भी वेतन में कटौती

सालों बाद एएनएम की नई भर्ती की गई, लेकिन उनका ग्रेड-पे घटाकर 2000 रुपये कर दिया गया। एएनएम पदोन्नति में देरी और कोविड प्रोत्साहन भत्ते की कमी से नाराज हैं। कुमाऊं क्षेत्र में पदोन्नति प्रशिक्षण शुरू...

Newswrap हिन्दुस्तान, रुद्रपुरFri, 7 March 2025 02:41 AM
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बोले रुद्रपुर : चालीस में मिली नौकरी, उस पर भी वेतन में कटौती

सालों बाद एएनएम की नियुक्ति की जाती है, लेकिन इसके बाद भी उनके ग्रेड-पे में कटौती कर दी जाती है। एएनएम की नई भर्ती वर्ष-2013 में की गई थी, लेकिन उनका ग्रेड-पे घटाकर 2000 रुपये कर दिया गया। उनका कहना है कि राज्य सरकार के सभी विभागों में कर्मचारियों का ग्रेड-पे साल दर साल बढ़ाया जाता है, ऐसे में एएनएम के ग्रेड-पे में कटौती करना हास्यास्पद है। उनकी मांग है कि उनका ग्रेड-पे को बढ़ाकर पुन: 2800 रुपये किया जाना चाहिए। इसके अलावा, एएनएम की समय-समय पर पदोन्नति नहीं मिलने से भी नाराजगी है। वर्तमान में गढ़वाल मंडल में ही एएनएम को पदोन्नति प्रक्षिशण देने से कुमाऊं के एएनएम में खासी नाराजगी है। एएनएम (सहायक नर्स मिडवाइफरी) लंबे समय से कई मांगों को लेकर संघर्षरत हैं। उनका कहना है कि वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश के बाद भी उनकी पदोन्नति नहीं की जा रही है। कई एएनएम को एक ही पद पर कार्य करते हुए 38-40 साल तक हो गए हैं, लेकिन उनकी पदोन्नति की आस अब तक पूरी नहीं हो पाई है। बकायदा, कई एएनएम ऐसे हैं, जो पदोन्नत हुए बिना ही सेवानिवृत्त हो गए हैं। कुछ एएनएम इस साल सेवानिवृत्त होने वाले हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि सेवानिवृत्त से पहले पदोन्नति मिलेगी। हालांकि, लंबे समय से पदोन्नति नहीं होने से एएनएम में निराशा है। कुछ वर्ष पूर्व कुछ एएनएम को शिथिलीकरण का लाभ देते हुए पदोन्नति मिली थी, इसलिए उनकी मांग है कि अन्य कर्मचारियों को भी इसी तरह का लाभ दिया जाना चाहिए। वैसे, एएनएम को पदोन्नति के लिए प्रशिक्षण लेना जरूरी हैं। एएनएम के पदोन्नति के लिए बीते फरवरी में प्रशिक्षण शुरू किया जाना था। गढ़वाल क्षेत्र में यह प्रशिक्षण शुरू हो चुका है, लेकिन कुमाऊं क्षेत्र में अब तक प्रशिक्षण शुरू नहीं हो पाया है, जिससे उनमें घोर निराशा व नाराजगी है। उनका कहना है कि उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। इतना ही नहीं, सेवानिवृत्ति के बाद एएनएम की कोई सुध लेने वाला नहीं होता है। सेवानिवृत्त होने के सालों बाद भी उन्हें आसानी से अपना फंड और पेंशन तक नहीं मिल पाती है। फंड व पेंशन के लिए बुजुर्ग एएनएम कर्मी दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। बीते कुछ सालों में एएनएम का काम बढ़ गया है। उन्हें फील्ड में जाने के साथ ही कई तरह के एप में एंट्री आदि करनी होती हैं। सीनियर एएनएम कर्मी इस कार्य को बखूबी करती हैं। अपने कार्य और कार्यक्षेत्र को लेकर उन्हें कोई शिकायत नहीं है, लेकिन कोविड प्रोत्साहन भत्ता नहीं मिलने से उनमें थोड़ी बहुत नाराजगी है। एएनएम की नई भर्तियां समय पर नहीं होने को वह युवाओं के कॅरियर के साथ खिलवाड़ बताती हैं। उनका कहना है कि युवाओं की नौकरी समय से लगनी चाहिए। नई भर्ती हुई एएनएम का ग्रेड पे घटाने को वह युवाओं को छलने वाला बताती हैं।

पदोन्नति के बिना सेवानिवृत्ति होते एएनएम: ज्यादातर एएनएम को एक ही पद पर कार्य करते-करते दशकों बीत गए हैं, लेकिन उनकी पदोन्नति नहीं हो पाती है। कई एएनएम ऐसे हैं, जो पदोन्नति की उम्मीद में सेवानिवृत्त तक हो गए, लेकिन नौकरी के दौरान उनकी पदोन्नति नहीं हो पाई। एएनएम कर्मी बताते हैं कि जिले में 50-60 कर्मचारी प्रमोशन के बिना ही रिटायर्ड हो गए हैं। वर्तमान में जिले में करीब 200 एएनएम हैं, जिनमें से 15-20 सीनियर हैं। इन्हें उम्मीद है कि सेवानिवृत्त होने से पहले उन्हें पदोन्नति मिलेगी। एएनएम ने बताया कि वर्ष-2022 में प्रदेश के करीब 200 एएनएम को शिथिलिकरण का लाभ देते हुए उन्हें पदोन्नति दी गई थी। पदोन्नति के लिए तब इन्हें प्रशिक्षण नहीं दिया गया था। एएनएम चाहते हैं कि शिथिलिकरण का लाभ अन्य कर्मचारियों को भी दिया जाए।

कुमाऊं के एएनएम के साथ सौतेला व्यवहार: प्रदेश में एएनएम की पदोन्नति के लिए प्रशिक्षण देने के उच्चस्तरीय आदेश के बावजूद सिर्फ गढ़वाल क्षेत्र में ही प्रशिक्षण शुरू किया गया है। कुमाऊं क्षेत्र में अब तक पदोन्नति प्रशिक्षण शुरू नहीं होने से यहां के एएनएम में भारी आक्रोश है। वह इसे अपने साथ सौतेला व्यवहार बताते हैं। एएनएम ने कहा कि 26 मई, 2024 को स्वास्थ्य सचिव ने प्रदेशभर में एक साथ पदोन्नति प्रशिक्षण शुरू करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद एएनएम ने तीन-तीन बार सहमति-पत्र भरे थे, लेकिन 17 फरवरी, 2025 से सिर्फ गढ़वाल मंडल में पदोन्नति प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया। वर्तमान में वहां 30 एएनएम को पदोन्नति प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एएनएम का कहना है कि कई कर्मचारियों को नौकरी में 38-40 साल हो गए हैं, वह पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं, जबकि कुछ वर्ष-2025 में ही सेवानिवृत्त होने वाले हैं, लेकिन कुमाऊं मंडल में पदोन्नति प्रशिक्षण शुरू नहीं होने से उनमें नाराजगी है। उन्होंने कहा कि कुमाऊं में पदोन्नति प्रशिक्षण नहीं देने के पीछे बजट का अभाव बताया जा रहा है। ऐसे में 15-15 कर्मचारियों को दोनों मंडलों में पदोन्नति प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए था। बताया कि पदोन्नति प्रशिक्षण छह माह का होता है, जिसमें एक माह का प्रशिक्षण सेंटर और पांच माह का प्रशिक्षण फील्ड में दिया जाता है।

समय पर नहीं मिलता फंड और पेंशन: एएनएम के साथ नौकरी के दौरान ही नहीं, सेवानिवृत्ति के बाद भी सौतेला व्यवहार किया जाता है। एएनएम ने बताया कि 60 साल में सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारी को अपनी ग्रेजुएटी, पीएफ, पेंशन आदि के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं। कई कर्मचारियों को सालों तक ग्रेजुएटी, अन्य फंड नहीं मिल पाता है, जिससे वह अवसाद से ग्रस्त हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि सेवानिवृत्ति के बाद एक एएनएम को करीब 60-70 लाख रुपये मिलते हैं। यदि इन रुपयों को कर्मचारी बैंक में अपने सेविंग एकाउंट में रखेगा, तो उसे इस पर प्रतिवर्ष 7.25 प्रतिशत ब्याज मिलेगा, लेकिन विभाग की ओर से समय पर ग्रेजुएटी नहीं मिलने से कर्मचारियों को कोई लाभ नहीं मिलता है। कुछ कर्मचारियों को मुख्यमंत्री हेल्प लाइन पर शिकायत दर्ज कराने के बाद ग्रेजुएटी आदि मिल चुकी है, लेकिन कई कर्मचारियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। एएनएम ने बताया कि सेवानिवृत्ति के बाद समय पर फंड नहीं मिलने पर कर्मचारी अवसाद की स्थिति में आ जाते हैं।

नई एएनएम का घटाया वेतन: लगभग सभी विभागों में समय-समय पर कर्मचारियों का ग्रेड-पे बढ़ाया जाता है, लेकिन एएनएम का ग्रेड-पे में कटौती कर दी गई है। एएनएम ने बताया कि वर्ष-2013 में नई नियुक्ति हुई थी, लेकिन उनका ग्रेड-पे 2800 रुपये से घटाकर 2000 रुपये कर दी गई। उन्होंने कहा कि एक तो नई भर्तियां दशकों में की जाती है, उसके बावजूद ग्रेड-पे में कटौती की जा रही है। बताया कि पूर्व में 19-20 साल होने पर युवाओं को नौकरी मिल जाती थी, लेकिन अब युवा ट्रेनिंग करने के बाद कई सालों तक घर पर बैठे रहते हैं। 40-42 साल होने पर उनकी नौकरी लगती है, उनके ग्रेड-पे में कटौती करना उनके साथ छल करना है। ऐसे में, संपूर्ण नौकरी के दौरान उनका 46-48 सौ रुपये के ग्रेड-पे तक पहुंचना असंभव ही होगा।

मिले कोविड प्रोत्साहन भत्ता: कोविड भत्ता नहीं मिलने से एएनएम में नाराजगी है। उनका कहना है कि एएनएम ने कोविड के दौरान अपनी जान-जोखिम में डालकर लोगों की सेवा की, लेकिन उन्हें प्रोत्साहन भत्ता नहीं दिया गया। बताया कि स्टाफ नर्सों, आशा कार्यकर्ताओं, आयुष डॉक्टरों, कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर आदि सभी को कोविड भत्ता दिया गया। एएनएम ने उस दौरान प्रमुखता से कार्य किया। कोविड के दौरान ज्यादातर एएनएम ने रविवार तक की छुट्टी नहीं ली, लेकिन उन्हें कोई प्रोत्साहन राशि नहीं दी गई। एएनएम ने इसके लिए कई बार मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्र भी लिखा, लेकिन इसके बाद भी उन्हें प्रोत्साहन राशि नहीं दी गई।

शिकायतें

1- एएनएम को नौकरी करते हुए दशकों हो गए हैं और कई कर्मचारी रिटायर तक हो चुके हैं, लेकिन उन्हें प्रमोशन नहीं मिल पाया।

2- रिटायरमेंट के बाद एएनएम की ग्रेच्युटी, पेंशन आदि का भुगतान समय पर नहीं हो पाता है। अधिक उम्र होने से वह बार-बार कार्यालय के चक्कर नहीं लगा पाते हैं।

3- कोविड प्रोत्साहन भत्ता नहीं मिलने से एएनएम में रोष है। स्टाफ नर्स, आशा कार्यकर्ताओं आदि को प्रोत्साहन राशि दी गई है।

4- पूरे प्रदेश की बजाए सिर्फ गढ़वाल मंडल में पदोन्नति प्रशिक्षण शुरू किए जाने से कुमाऊं मंडल की एएनएम कर्मी नाराज हैं।

5- नई भर्तियों के बाद एएनएम का ग्रेड पे 28 हजार रुपये से घटाकर दो हजार रुपये कर दिया है। इससे उनमें रोष है।

सुझाव

1- सीनियर एएनएम का समय-समय पर प्रमोशन किया जाना चाहिए, जिससे उनका मनोबल कमजोर न पड़े।

2- एएनएम को समय पर ग्रेच्युटी, पेंशन आदि का लाभ मिले, इसके लिए विभागीय कमजोरियों को दूर किया जाना चाहिए।

3- कोविड के दौरान एएनएम ने निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा की थी, इसलिए वह प्रोत्साहन भत्ते के हकदार हैं। उन्हें कोविड प्रोत्साहन भत्ता दिया जाना चाहिए।

4- स्वास्थ्य सचिव के आदेश के अनुसार, प्रदेशभर में पदोन्नति प्रशिक्षण शुरू किया जाना चाहिए, इसलिए कुमाऊं मंडल में भी इसे शुरू किया जाना चाहिए।

5- प्रत्येक विभाग में समय-समय पर कर्मचारियों का ग्रेड पे बढ़ाया जाता है, इसलिए एएनएम के ग्रेड पे घटाने से उनका मनोबल कमजोर होगा।

साझा किया दर्द

सालों से प्रमोशन नहीं होने से एएनएम में नाराजगी है। पूर्व में कई कर्मचारी बिना प्रमोशन के ही रिटायर्ड हो गए थे। यह कर्मचारी का मनोबल तोड़ने वाला और इससे कार्य भी प्रभावित होते हैं, इसलिए नियमित तौर पर कर्मचारियों का प्रमोशन किया जाना चाहिए।

- भागीरथी कबडवाल

कुछ कर्मचारी वर्ष-2025 में रिटायर्ड होने वाले हैं। वह इस बात को लेकर चिंतित हैं कि रिटायरमेंट से पहले उनका प्रमोशन होगा या नहीं। कर्मचारियों को उनका हक दिया जाना चाहिए। सीनियर कर्मचारियों का प्रमोशन किया जाना चाहिए।

- गंगा धामी

कोविड के दौरान एएनएम ने अपनी जान की परवाह किए बिना निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा की, लेकिन उन्हें कोई प्रोत्साहन राशि नहीं दी गई। हमने कई बार शीर्ष अधिकारियों को इसके लिए कहा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

- इंद्रा धामी

प्रमोशन के लिए केवल गढ़वाल मंडल में ट्रेनिंग शुरू की गई है। इससे कुमाऊं मंडल की एएनएम में रोष है। दोनों मंडलों में एक साथ प्रमोशन ट्रेनिंग की जानी चाहिए थी। हमारी मांग है कि कुमाऊं क्षेत्र में भी जल्द ट्रेनिंग शुरू की जानी चाहिए।

- दीपा जोशी, पूर्व जिला मंत्री, मातृ एवं शिशु कल्याण महिला कर्मचारी संघ

नई एएनएम की नियुक्ति जरूर की गई है लेकिन उनके वेतनमान में कटौती कर दी गई। यह उनके साथ छलावा है। युवाओं की 38-40 साल उम्र होने पर नौकरी लग रही है, ऐसे में उन्हें 46 व 48 सौ रुपये का ग्रेड पे लेना असंभव है।

- नीलम डोगरा

रिटायरमेंट के बाद भी कर्मचारियों को विभाग की ओर से कोई सहयोग नहीं मिलता है। उन्हें ग्रेच्युटी, पेंशन आदि के लिए विभाग के चक्कर काटने पड़ते हैं। यह विभागीय कमजोरी है, उच्च अधिकारियों को इसे दुरुस्त करना चाहिए।

- दीपा मेहरा

कोविड के समय हमने कभी रविवार की छुट्टी नहीं ली, लेकिन इसके एवज में प्रोत्साहन राशि नहीं दी गई। इससे कर्मचारी निराश हैं। स्टाफ नर्स, आशा कार्यकर्ताओं आदि को प्रोत्साहन राशि दी गई, लेकिन एएनएम के साथ सौतेला व्यवहार किया गया।

- अंजुम

हमारी सबसे बड़ी मांग यह है कि समय पर प्रमोशन किया जाना चाहिए। मेहनत करने के बाद भी कर्मचारी का प्रमोशन नहीं होने से वह हीन भावना से ग्रसित हो जाता है। कर्मचारी बिना प्रमोशन के ही रिटायर हो रहे हैं, यह कर्मचारियों के हित में नहीं है।

- अंजलि

जिले में 15-20 कर्मचारी सीनियर हैं, इनका प्रमोशन होना है। इनमें से कई इसी साल रिटायर्ड हो जाएंगे। हमारी मांग है कि रिटायरमेंट से पहले इनका प्रमोशन किया जाना चाहिए।

- सीमा शाह

नई एएनएम के ग्रेड पे में कटौती करने से उनका मनोबल कम होगा। ट्रेनिंग करने के 10-10 साल तक इंतजार करने के बाद उन्हें नौकरी दी जा रही है, लेकिन उनका ग्रेड पे घटाया जाना तर्क संगत नहीं है। हर विभाग में कर्मचारियों का ग्रेड पे बढ़ाया जाता है।

- शशि कला

अपनी पेंशन प्राप्त करने के लिए कर्मचारियों को संघर्ष करना पड़ता है। 60 साल की उम्र में रिटायर होने के बाद ऑफिसों के चक्कर लगाना संभव नहीं होता है। विभागीय अधिकारियों को इस समस्या का हल निकालना चाहिए।

- मोनिका

जिस तरह पूर्व में शिथिलिकरण का लाभ देते हुए कर्मचारियों का प्रमोशन किया गया था, उसी तरह कुमाऊं में प्रमोशन ट्रेनिंग नहीं होने पर कर्मचारियों को शिथिलिकरण का लाभ दिया जाना चाहिए।

- शीतल

एएनएम के लिए आवासीय परिसर की कमी से फिलहाल गढ़वाल में प्रमोशन ट्रेनिंग शुरू की गई है। अप्रैल-मई से कुमाऊं में भी इसे शुरू किया जाएगा। कई मामले उच्च न्यायालय व सुप्रीम कोर्ट में हैं, जिसके बाद उत्तर प्रदेश के शासनादेश के अनुसार, राज्य में भी एएनएम का ग्रेड पे 2000 रुपये किया गया है।

- डॉ. सुनीता टम्टा, प्रभारी महानिदेशक, स्वास्थ्य विभाग, उत्तराखंड

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