माकपा के सम्मेलन में उठी कई जन समस्याएं
रुद्रप्रयाग। संवाददाता भारत की कम्युनिष्ट पार्टी (मार्कस्वादी) के सातवें जिला सम्मेलन में जंगली जानवरों के विरुद्ध, श्रम कानून एवं न्यूनतम वेतनमान 25
भारत की कम्युनिष्ट पार्टी (मार्कस्वादी) के सातवें जिला सम्मेलन में जंगली जानवरों के विरुद्ध, श्रम कानून एवं न्यूनतम वेतनमान 25 हजार किए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया। दो दिवसीय सम्मेलन में तीन वर्षा की राजनैतिक एवं कार्रवाही रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। साथ ही लोगों के हक हकूकों व बेरोजगारी पर चर्चा की गई। मौके पर पार्टी के राज्य सचिव राजेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि यह सम्मेलन ऐसे समय पर हो रहा है जब देश की सत्ता पर ऐसे लोग बैठे है जिनका देश की आजादी से कोई लेना देना नहीं है। देश की एकता को धर्मो में बांटकर उसका बंटवारा किया जा रहा है वर्तमान सरकार ने कारर्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए जल, जंगल, जमीन व हिमालय को बार्बाद कर दिया है। जिससे देश में एक गंभीर पर्यावरणीय संकट पैदा हो गया है। पार्टी के राज्य सचिव मंडल सदस्य गंगाधर नौटियाल ने कहा कि कम्युनिष्ट पार्टी मजूदर व किसानों की पार्टी है। यह किसी व्यक्ति की पार्टी नहीं है। आम जन की इस पार्टी का गठन वर्ष 1964 में किया गया था। सम्मेलन में जिला मंत्री वीरेंद्र गोस्वामी ने पार्टी की तीन वर्षो की राजनैतिक एवं कार्यवाही रिर्पोट पेश की। जिस पर रविवार को जनपद के प्रतिनिधि बहस कर रिर्पोट को पारित करेंगे।
इससे पहले जिला मुख्यालय में आयोजित सम्मेलन का शुभारंभ पार्टी के वरिष्ठ नेता जय सिंह नेगी ने पार्टी ध्वजारोहण के साथ किया। जबकि कार्यक्रम का उदघाटन पार्टी राज्य सचिव राजेंद्र सिंह नेगी ने किया। पहले दिन पार्टी के पूर्व पोलित ब्यूरो सदस्य व बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य व जनपद में पार्टी नेता दामोदर प्रसाद उनियाल के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए दो मिनट का मौन धारण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
इस मौके पर पूर्व जिला मंत्री भूपाल सिंह रावत, भरत भंडारी, विक्रम सिंह पंवार, दौलत सिंह, धीरज सिंह, नरेंद्र रावत, दयाल, सतवीर रावत, भावना रावत, बीरा देवी अरविंद पंवार, जय सिंह समेत भारी संख्या में पार्टी से जुड़े लोग मौजूद थे।
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