दादा-दादी भी लें सकेंगे नाबालिग पोते-पोती की कस्टडी
लक्सर, संवाददाता। लक्सर के ब्लाक सभागार में प्रशासनिक अधिकारियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर लगाया गया। इसमें उन्हें प्रदेश के यूसीसी (समान नागरि
लक्सर के ब्लॉक सभागार में प्रशासनिक अधिकारियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर लगाया गया। इसमें उन्हें प्रदेश के यूसीसी (समान नागरिक संहिता) पोर्टल के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही इससे संबंधित उनके सवालों के जवाब भी दिए गए। एसडीएम लक्सर सौरभ सिंह असवाल ने प्रशिक्षण शिविर की शुरुआत की। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में पहले कैबिनेट और फिर विधानसभा में यूसीसी बिल पास होने के बाद यह अब कानून बन चुका है। इसे लागू करने की जिम्मेदारी प्रशासन की है। मास्टर ट्रेनर गौरव नेगी ने बताया कि यूसीसी सभी पर समान रूप से लागू होगा। इसमें पारिवारिक संबंधों को बेहतर बनाने पर जोर दिया गया है। इसमें विवाह का पंजीकरण कराना जरूरी कर दिया गया है। जो लोग पंजीकरण नहीं कराएंगे, उन्हें सभी प्रकार की सरकारी सुविधा, अनुदान से वंचित रहना पड़ेगा।
बताया कि यूसीसी में बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया सरल कर दी गई। इसमें अब मुस्लिम महिलाएं भी बच्चा गोद ले सकेंगी। इसके अलावा पति की मृत्यु पर पत्नी यदि पुनर्विवाह करती है, तो पहले पति की मृत्यु पर मिलने वाले मुआवजे में उसके माता-पिता का भी हिस्सा होगा। जबकि पत्नी की मृत्यु होने पर उसके मां-बाप यदि बेसहारा हैं, तो उनकी जिम्मेदारी पति पर होगी। पति-पत्नी के विवाद में उनके नाबालिग बच्चों की कस्टडी उसके दादा-दादी को देने का भी इसमें प्रावधान किया गया है। बताया कि सरकार ने यूसीसी का पोर्टल और ऐप तैयार कराया है। उन्होंने पोर्टल पर आईडी बनाने और इसे संचालित करने का तरीका भी बारीकी से अधिकारियों को विस्तार से बताया। शिविर में तहसीलदार लक्सर प्रताप सिंह चौहान, बीडीओ लक्सर पवन सैनी, बीडीओ खानपुर जगेंद्र सिंह राणा, लक्सर नपा ईओ मौहम्मद कामिल, ईओ सुल्तानपुर नपं प्रियंका मौजूद थे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।