नारसन से झबरेड़ा मार्ग पर बसों के संचालन की मांग
कस्बे से झबरेड़ा जाने वाले मार्ग पर यातायात की कमी से राहगीरों को भारी परेशानी हुई। स्थानीय लोग इस समस्या को लंबे समय से उठा रहे हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला। पहले इस मार्ग पर बसें चलती थीं, लेकिन...
कस्बे से झबरेड़ा जाने वाले मार्ग पर यातायात की ठोस व्यवस्था नहीं होने से रविवार को राहगीरों को भारी परेशानी हुई। झबरेड़ा मार्ग पर राहगीरों को काफी दिक्कत उठानी पड़ रही है। स्थानीय लोग इस समस्या को लंबे समय से उठा रहे हैं। लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं हुआ। एक दशक पूर्व कस्बे से राहगीरों को इस रुट पर बसों द्वारा वाया झबरेड़ा से पुहाना होते हुए रुड़की पहुंचने की व्यवस्था थी। यह मार्ग प्रदेश के तीस से भी ज्यादा गांव और कुछ छोटे कस्बे को जोड़ता है। इस महत्वपूर्ण मार्ग पर कस्बे से 6 किलोमीटर दूर पड़ने वाले लखनौता चौक से यात्री एक तरफ यूपी के देवबंद तो दूसरी तरफ सीधे मंगलौर मार्ग पर निकल जाते हैं। नारसन बॉर्डर से देवबंद जाने के लिए यह मार्ग ही शॉर्ट पड़ता है। इस रूट पर दैनिक रूप से हजारों की संख्या में लोग आवागमन करते हैं। कस्बा निवासी सूनील सिंह ने बताया कि करीब दो दशक पहले इस रूट पर निजी क्षेत्र की दर्जनों बसें संचालित होती थी। धीरे-धीरे इनकी संख्या घटी और फिर पूरी तरह से बंद हो गई। निजी क्षेत्र की बस बंद हो जाने के बाद परिवहन निगम ने कुछ वर्ष पहले कस्बे से निगम की बसों का संचालन शुरू किया। कस्बे से सीधे देहरादून और रुड़की के लिए कुछ बस सेवा शुरू की गई। लेकिन धीरे-धीरे यह सेवा भी कुछ समय बाद ही बंद हो गई। जिससे अब यात्री बेहद परेशान है। रविवार को भैया दूज के त्योहार पर राहगीरो को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। राहगीर रमेश सिहं, अनुज कुमार, कुसुम देवी, सुभाष सिंह आदि का कहना है कि मार्ग पर ठोस परिवहन साधन उपलब्ध न होने पर मजबूरन ई-रिक्शा आदि में सफर तय करना पड़ रहा है। बसों का संचालन होने से यात्रा सुलभ होगी।
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