Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़रुड़कीShri Krishna gave message to save environment by raising Govardhan mountain

भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएं बताई

प्रकृति को बचाना श्री कृष्ण का मुख्य उद्देश्य था। उन्होंने नदियों को बचाने के लिए यमुना से कालिया नाग को यमुना से बाहर निकाला। इसी प्रकार गिरीराज पर्वत को पूजकर जो लीला की उसका उद्देश्य मानव जीवन को...

Newswrap हिन्दुस्तान, रुडकीFri, 27 Dec 2019 10:44 PM
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आशीर्वाद एन्क्लेव में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन कथावाचक आचार्य पंडित रजनीश शास्त्री ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म से लेकर गोलोक धाम जाने तक धरती पर जितनी भी लीलाएं की वह सब वर्तमान कलियुग के मद्देनजर की गई। प्रकृति को बचाना श्री कृष्ण का मुख्य उद्देश्य था।

उन्होंने नदियों को बचाने के लिए यमुना से कालिया नाग को यमुना से बाहर निकाला। इसी प्रकार गिरीराज पर्वत को पूजकर जो लीला की उसका उद्देश्य मानव जीवन को सुरक्षित रखने के लिए प्रकृति को संरक्षित रखना बताया। इन्द्र ने अपनी पूजा न करके गोवर्धन पर्वत की पूजा करने पर क्रोधित होकर ब्रज में मूसलाधार बरसात कर ब्रजवासियों सहित जब मिटाना चाहा। श्री कृष्ण ने ग्वाल बालों सहित गिरीराज पर्वत को अपनी अंगुली पर उठाकर इंद्र का अभिमान चूर-चूर कर दिया।

कथा व्यास आचार्य पंडित रजनीश शास्त्री ने कहा कि नंदबाबा ने गोवर्धन पूजा में भगवान को नैवेद्य लगाने के लिए श्री कृष्ण के कहने पर 56 प्रकार के व्यंजन बनाए थे। जिनको स्वयं गिरीराज महाराज ने प्रकट होकर ग्रहण किया था। दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा में 56 भोग लगाने का विधान भगवान श्री कृष्ण द्वारा ही प्रारंभ किया गया था। इस अवसर पर मुख्य आचार्य के रूप में आचार्य राधेश्याम उनियाल, आचार्य गणेश नौटियाल, प्रकाश सेमवाल, पंडित मुकेश पैन्यूली, पंडित जगदीश प्रसाद भट्ट, सुनील धीमान, राजन आहूजा, विशाल आहूजा, सतीश शिवा, अमित सेन,विजेंद्र माहेश्वरी, संजीव ग्रोवर, विकल जैन, नरेश कुमार गोयल, सचिन राणा, आशीष वर्मा, प्रदीप अवस्थी, अनिल मेटकरी, कामेश्वरी सेमवाल आदि उपस्थित रहे।

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