आईआईटी ने आईजीएनसीए और यूटीडीबी के साथ हाथ मिलाया
रुड़की, संवाददाता। आईआईटी ने शिल्प, संस्कृति, विरासत एवं पर्यटन को संरक्षित करने, बढ़ावा देने और पुनर्जीवित करने के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर क
आईआईटी ने शिल्प, संस्कृति, विरासत एवं पर्यटन को संरक्षित करने, बढ़ावा देने और पुनर्जीवित करने के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए है। दावा है कि आईआईटी की भूमिका, विशेष रूप से सांस्कृतिक विरासत एवं रचनात्मक अर्थव्यवस्था के महत्व और भूमिका को प्रदर्शित करना रहेगा। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) और उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) के साथ आईआईटी ने तीन महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। जिनका उद्देश्य शिल्प पुनरोद्धार, पर्यटन और सार्वजनिक कला में परिवर्तनकारी पहल को आगे बढ़ाना है। ये सहयोग संस्थान के डिजाइन, प्रौद्योगिकी एवं संस्कृति को एकीकृत करने के व्यापक दृष्टिकोण के साथ संरेखित हैं ताकि सामाजिक प्रभाव पैदा किया जा सके और सतत विकास को बढ़ावा दिया जा सके। डिजाइन विभाग से प्रो. अपूर्वा शर्मा और प्रो. इंद्रदीप सिंह और प्रो. स्मृति सारस्वत की ओर से शुरू किए गए ये तीन समझौता ज्ञापन सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए शिक्षाविदों, सरकार और स्थानीय समुदायों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी रुड़की की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हैं।
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