गन्ना कटाई न होने से गेहूं बोने में पिछड़ रहे किसान
लक्सर के किसान गेहूं की बुआई में देरी का सामना कर रहे हैं। गन्ना कटाई के लिए चीनी मिल से कम पर्चियां मिल रही हैं, जिससे खेत खाली करने में समय लग रहा है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि गेहूं की पछेती...
लक्सर के किसान गेंहू की बुआई में पिछड़ रहे हैं। फिलहाल उनके खेत में गन्ने की फसल खड़ी है। गन्ना काटने के लिए किसानों को चीनी मिल की पर्चियां बहुत कम मिल रही हैं। गन्ना कटाई के बाद गेहूं बोने के लिए खेत को तैयार करने में भी करीब एक हफ्ते का समय लगेगा। लक्सर क्षेत्र के किसान मुख्य रूप से गन्ना पैदा करते हैं। इसके अलावा यहां रबी के मौसम में गेहूं और खरीफ में धान की पैदावार भी काफी होती है। फिलहाल गेहूं की बुवाई का समय चल रहा है। किसान के जिन खेतों में गन्ने की मूंढा (पेड़ी) फसल खड़ी है, उसमें वे गेहूं की बुवाई करना चाहते हैं। इसके लिए उन्हें पहले गन्ने की कटाई कर खेत खाली करने हैं। परंतु दिक्कत यह है कि उन्हें लक्सर चीनी मिल से जरूरत के मुताबिक गन्ने की पर्चियां नहीं मिल पा रही है। ऊपर से खेत खाली होने के बाद उसे गेहूं की बुआई के लिए तैयार करने भी हफ्ते भर का समय लगता है।
किसान भंवर सिंह, कालूराम, मौहम्मद उस्मान ने बताया कि किसान को गन्ना समिति से कैलेंडर के मुताबिक पर्चियां आवंटित होती हैं। पर कैलेंडर की शुरूआत के पखवाड़े में किसानों की कम पर्चियां लगी हैं। सुरेश शर्मा, नदीम अहमद, राजेश कुमार आदि किसानों ने बताया कि वे गन्ना काटकर चरखी या कोल्हू में भी बेच सकते हैं। मगर वहां गन्ने का भाव चीनी मिल के मुकाबले बहुत कम है। इसलिए वे गन्ना काटने में हिचक रहे हैं। इससे गेहूं की बुवाई लेट हो रही है। कृषि विशेषज्ञ डॉ. जोधसिंह पुंडीर ने बताया कि 20-25 नवंबर के बाद गेहूं बिना हो, तो पछेती प्रजाति के गेहूं की बुआई ठीक होगी। यह फसल सामान्य के मुकाबले कम दिनों में पककर तैयार होती है।
चीनी मिल में 7 नवंबर से पेराई हो रही है। गन्ना समिति ने 4 नवंबर से देहात के केंद्रों पर खरीद शुरू कर दी थी। फिलहाल मिल से गेट व देहात के लिए लगभग 50000 कुंतल गन्ने का इंडेंट आ रहा है। कैलेंडर के मुताबिक पर्ची किसानों को भेजी जा रही हैं।
सूरजभान, प्रभारी सचिव, गन्ना समिति लक्सर
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