सरकार शीघ्र घोषित करे गन्ने का मूल्य
गन्ना पेराई सत्र शुरू होने के बाद भी राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) घोषित नहीं हुआ है, जिस पर भारतीय किसान यूनियन ने नाराजगी जताई है। किसानों का आरोप है कि चीनी मिलें पिछले वर्ष की दर पर गन्ना भुगतान कर...
गन्ना पेराई सत्र शुरू हुए काफी समय बीत जाने के बाद भी राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) घोषित नहीं होने पर भारतीय किसान यूनियन ने नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने सरकार से तुरंत गन्ना मूल्य घोषित करने की मांग की है। राज्य में गन्ना पेराई सत्र शुरू हुए दो सप्ताह से ज्यादा का समय हो चुका है और चीनी मिलों ने गन्ना भुगतान भी करना शुरू कर दिया है। गन्ना मूल्य घोषित नहीं होने पर चीनी मिल गत वर्ष की दर पर ही किसानों को गन्ना भुगतान कर रही है। ऐसे में अब किसान संगठनों में हलचल तेज हो गई है। भारतीय किसान यूनियन के गढ़वाल मंडल अध्यक्ष संजय चौधरी का कहना है कि नियम के अनुसार चीनी मिल के पेराई सत्र शुरू करने से पहले ही किसानों को अपनी फसल का दाम मालूम होना चाहिए, लेकिन हर बार पेराई सत्र शुरू होने के बाद ही गन्ना मूल्य की घोषणा की जाती है। जिससे किसान बगैर अपनी फसल का दाम जाने ही चीनी मिलों को गन्ना देने के लिए विवश है। उनका कहना है कि बीते वर्ष भी गन्ने का भाव 400 रुपये प्रति कुंतल के पार नहीं किया गया, जबकि बढ़ती महंगाई में पांच सौ का भाव भी कम है। किसानों को उनकी मेहनत से उगाई गई फसल का वाजिब दाम मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि गन्ना मूल्य घोषित नहीं होने से किसानों में संशय की स्थिति बन रही है। मंडल अध्यक्ष ने प्रदेश सरकार से जल्द ही गन्ना मूल्य घोषित करने की मांग उठाई है।
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