रेजिडेन्ट्स डॉक्टरों को दी कार्डियक और वस्कुलर सर्जरी की जानकारी
एम्स ऋषिकेश के सीटीवीएस विभाग ने शनिवार को हृदय की शरीर रचना और जटिलताओं को समझने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया। मुख्य अतिथि प्रो. अनिल टेण्डोल्कर ने रेजिडेन्ट्स डॉक्टरों को शल्य चिकित्सा की...
एम्स ऋषिकेश के सीटीवीएस विभाग के तत्वावधान में शनिवार को शरीर रचना और उनकी जटिलताओं को समझने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के दौरान रेजिडेन्ट्स डॉक्टरों को कार्डियक और वस्कुलर सर्जरी के बारे में विभिन्न प्रकार की लाभदायक जानकारियां दी गईं। शनिवार को एम्स ऋषिकेश में आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि किंग एडवर्ड मेमोरियल (केम)अस्पताल मुंबई के सीटीवीएस विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल टेण्डोल्कर ने हृदय की शरीर रचना विज्ञान और उनकी जटिलताओं से अवगत कराया। उन्होंने रेजिडेन्ट्स डॉक्टरों को शल्य चिकित्सा की बारीकियां भी समझाईं। साथ ही हृदय रोग के बारे में भी विभिन्न लाभप्रद जानकारियां दीं।
एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाओं से रेजिडेन्ट्स डॉक्टरों को अनुभव हासिल करने का अवसर मिलता है। युवा डॉक्टरों को चाहिए कि वह इसका लाभ उठाएं। कार्यक्रम संयोजक प्रो. नम्रता गौर ने सभी स्पेशलिटी डॉक्टरों के लिए वस्कुलर सर्जरी की उपयोगिता बताई। उन्होंने कहा कि खून की धमनी का सही तकनीक से मरम्मत करने पर मरीज की जान बचायी जा सकती है। मौके पर डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. सत्या श्री, सीटीवीएस विभाग के हेड प्रो. अंशुमान दरबारी, डा. राजा लहरी, डा. अनीश गुप्ता, प्रो. लतिका मोहन, प्रो. एसपी बासु, प्रो. संजीव कुमार मित्तल, प्रो. भानु दुग्गल, प्रो. शालिनी राव, डॉ. रश्मि मल्होत्रा, डॉ. अंकुर मित्तल, डॉ. मोंडल, डॉ. बरुन कुमार, डा. दानिश्वर मीणा, डा. प्रदीप कुमार, डा. अवनीश कुमार, डॉ. भावना गुप्ता, डॉ. सुनीता, डॉ. लोकेश, डॉ. मथूरिया, डॉ. अबीशो, डॉ. ईशान, डॉ. शुभम, डॉ. पलक आदि उपस्थित रहे।
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