Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़ऋषिकेशPower employees protest against privatization of power sector

पावर सेक्टर के निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

ऊर्जा क्षेत्र को निजी हाथों में देने के फैसले का ऊर्जा निगम के अधिकारी और कर्मचारियों ने पुरजोर विरोध किया है। कर्मचारियों ने बुधवार को खंड कार्यालय...

Newswrap हिन्दुस्तान, रिषिकेषWed, 3 Feb 2021 05:30 PM
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ऋषिकेश। हमारे संवाददाता

ऊर्जा क्षेत्र को निजी हाथों में देने के फैसले का ऊर्जा निगम के अधिकारी और कर्मचारियों ने पुरजोर विरोध किया है। कर्मचारियों ने बुधवार को खंड कार्यालय में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। एक स्वर में सरकार से निजीकरण का फैसला वापस नहीं लेने पर कामकाज ठप करने की चेतावनी दी है।

बुधवार को बिजली अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले ऊर्जा निगम के अधिकारी और कर्मचारी शैल विहार स्थित खंड कार्यालय में एकत्रित हुए। यहां सरकार के पावर सेक्टर को निजी हाथों में देने के फैसले का विरोध करते हुए नारेबाजी की और धरने पर बैठ गए।

आक्रोशित कर्मचारियों ने कहा कि निजीकरण कर्मचारियों के साथ अन्याय है। उपभोक्ताओं का शोषण है। प्राइवेट कंपनियां मनमाने दाम वसूलेगी, जिससे आम उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। सरकार के इस फैसले के खिलाफ सामूहिक रूप से लोगों को आगे आना चाहिए।

समिति शाखा अध्यक्ष अरविंद नेगी ने आंदोलनरत कर्मियों से एकजुट होकर संघर्ष करने का आह्वान किया। मंडल अध्यक्ष संजय कुमार ने कहा कि निजीकरण के विरोध के साथ समयबद्ध वेतनमान की बहाली की मांग को लेकर निगम कर्मी आंदोलन की राह पर हैं। समयबद्ध वेतनमान यूपी में दिया जा रहा है, लेकिन उत्तराखंड में बंद कर दिया गया है। जल्द मांगें पूरी नहीं हुई तो उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। धरना प्रदर्शन में प्रांतीय उपाध्यक्ष कुंवर सिंह भंडारी, एसडीओ प्रवीण सिंह, राकेश ममगाईं, देवमुनि राम, सुदेश शर्मा, विद्युत प्रभा, सुनैना राय, संजय रावत, ब्रह्मपाल सिंह, जसवंत सिंह आदि मौजूद रहे।

फोटो कैप्शन 04 आरएसके 05 बुधवार को निजीकरण के विरोध में धरना प्रदर्शन करते ऊर्जा निगम कर्मचारी।

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