नगर निगम की बोर्ड बैठक में पार्षदों ने किया हंगामा, 15 मिनट स्थगित करनी पड़ी
नगर निगम की पहली बोर्ड बैठक हंगामेदार रही। पार्षदों ने बजट की जानकारी न देने पर हंगामा किया और बैठक 15 मिनट के लिए स्थगित हुई। बाद में आय-व्यय बजट सर्वसम्मति से पास किया गया। बैठक में विभिन्न विकास...

नगर निगम की पहली बोर्ड बैठक हंगामेदार रही। पार्षदों ने बजट की जानकारी बैठक से पहले नहीं देने पर हंगामा काटा। इसी मुद्दे को लेकर बैठक को करीब 15 मिनट के लिए स्थगित भी किया गया। नाराज पार्षद सदन से बाहर आ गए। हालांकि, बाद में वह सदन में लोट गए। उन्होंने आय-व्यय बजट को सर्वसम्मति से पास करने पर हामी भरी, जिसके बाद बैठक को सुचारु किया गया। सोमवार सुबह करीब 10:30 बजे से नगर निगम के स्वर्ण जयंती सभागार में मेयर शंभू पासवान की अध्यक्षता में बोर्ड बैठक शुरू हुई। इसमें वित्तीय वर्ष 2025-2026 का 71 करोड़ रुपये का आय-व्यय का बजट पास किया गया है। शाम तक चली बैठक में 40 वार्डों के सड़क, नाली व अन्य निर्माण कार्यों से जुड़े प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया है। इसमें बजट की उपलब्धता के अनुरूप कार्यों को करने से भी सदन में पार्षदों को नगर आयुक्त शैलेंद्र सिंह नेगी ने अवगत कराया। बोर्ड बैठक में नए वेंडिंग जोन के लिए स्थान चिहि्नत करने का प्रस्ताव भी आया। चंद्रभागा, भैरव मंदिर, वीरभद्र, अमितग्राम और योगनगरी रेलवे स्टेशन के आसपास के स्थानों का चिहि्नत करने की बात कही गई। स्ट्रीट लाइटों में बिजली खपत के खर्च से मुक्ति के लिए सौर ऊर्जा लाइट में परिवर्तित करने को लेकर चर्चा हुई।
इंद्रमणि बड़ोनी चौक से देहरादून रोड को ग्रीन बेल्ट विकसित करने की योजना पर भी मंथन हुआ। आस्थापथ पर भी साइकिल ट्रैक विकसित करने को लेकर भी सदन में चर्चा हुई। नगर आयुक्त शैलेंद्र सिंह ने बताया कि वार्षिक बजट पास कर दिया गया है। जबकि, विकास कार्यों से जुड़े प्रस्तावों को भी सदन ने हरी झंडी दी है। वार्डों में अब तेजी के साथ विकास कार्यों को प्रारंभ किया जाएगा, जिसमें सबसे पहले सड़कों की मरम्मत होगी। अन्य विकास कार्य भी जल्द ही वार्डों में होते दिखेंगे।
मौके पर अधिशासी अभियंता दिनेश उनियाल, सहायक नगर आयुक्त चंद्रकांत भट्ट, रमेश रावत समेत वार्डों के पार्षद मौजूद रहे।
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18 करोड़ बढ़ा, 25 करोड़ की वृद्धि का लक्ष्य
नगर निगम ने इस वित्तीय वर्ष में शहर के विकास कार्यों के खर्च के बजट को 18 करोड़ रुपये बढ़ा दिया है। जबकि, बजट में 25 करोड़ रुपये की वृद्धि करने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। यह लक्ष्य निगम के आय के स्रोतों को विकसित कर हासिल करने की योजना है। मेयर शंभू पासवान की मानें, तो वार्षिक बजट में स्थानीय लोगों की बुनियादी सुविधाओं को और ज्यादा विकसित करने पर फोकस किया गया है, जिसमें मुख्यतौर पर साफ-सफाई की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के साथ ही अन्य विकास कार्य शामिल हैं।
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कुंभ के लिए भेजे 90 करोड़ के प्रोजेक्ट
वर्ष 2027 में उत्तराखंड में कुंभ आयोजित किया जाएगा, जिसमें कुंभ मेला क्षेत्र ऋषिकेश में श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए करीब 90 करोड़ रुपये प्रस्ताव नगर निगम प्रशासन ने शासन को भेज दिया है। नगर आयुक्त शैलेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि शासन से कुंभ के तहत ऋषिकेश को यह धनराशि मिलने के बाद विभिन्न विकास कार्यों को किया जाएगा, जिसमें साफ-सफाई के इंतजाम भी और ज्यादा बेहतर हो सकेंगे।
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खोदने वाले ही लेंगे सड़क की जिम्मेदारी
नगर क्षेत्र में कभी पेयजल, तो कभी सीवर और कभी अन्य लाइनों को बिछाने के लिए सड़कों को खोदा जा रहा है, लेकिन इनकी मरम्मत सही समय पर नहीं की जा रही है। नगर आयुक्त शैलेंद्र सिंह नेगी ने बोर्ड बैठक में स्पष्ट किया कि सड़क की खुदाई करने वाली एजेंसी ही उसकी मरम्मत भी करेगी। ऐसा नहीं किया जाता है, तो संबंधित एजेंसी के खिलाफ निगम कड़ा एक्शन लेगा।
निराश्रित पशुओं के लिए भी प्रावधान
नगर निगम प्रशासन ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में निराश्रित पशुओं के रखरखाव के लिए भी बजट का प्रावधान किया है। नगर आयुक्त शैलेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि निराश्रित पशुओं के लिए करीब चार करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है।
नगर आयुक्त के खिलाफ नारेबाजी
नगर निगम सभागार में सोमवार को बोर्ड की बैठक चली, जिसमें बजट को हंगामा हुआ। बैठक स्थगित होने पर ज्यादातर पार्षद चर्चा के लिए बाहर गए। इसी बीच कुछ भाजपा कार्यकर्ता भी स्वर्ण जयंती सभागार के पास पहुंच गए। उन्होंने नगर आयुक्त शैलेंद्र सिंह नेगी के खिलाफ नारेबाजी कर दी। बोले, नगर आयुक्त हटाओ, शहर बचाओ।
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