प्रेम में समर्पण होना जरूरी: मोरारी बापू
प्रसिद्ध कथावाचक मोरारी बापू ने श्रीराम कथा के नौंवे दिन प्रेम और समर्पण की बात की। उन्होंने भरत मिलाप का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि प्रेम में कोई दबाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने महिलाओं को गृहस्थ जीवन...
प्रसिद्ध कथावाचक मोरारी बापू ने कहा कि प्रेम में समर्पण होता है। जिससे हमारा प्रेम भाव होता है, उसी पर सब छोड़ देना चाहिए। प्रेम में कोई दबाव न हो। उसकी रजा में ही हमारी रजा हो, वो प्रेम परम प्रेम होता है। शुक्रवार को मुनिकीरेती स्थित पूर्णानंद मैदान में चल रही श्रीराम कथा के नौंवे दिन कथा वाचक मोरारी बापू ने भरत मिलाप का प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि अयोध्या के राजा दशरथ के साकेत वास के बाद जब राज्य सभा आयोजित हुई, तो उसमें निर्णय हुआ कि हम सब मिलकर वन चलते हैं और जो राम राज्य संचालन का निर्णय करेंगे, वो ही सर्वमान्य होगा। मोरारी बापू ने सभी बहन बेटियों को गृहस्थ जीवन में सुखी रहने के लिए संदेश देते हुए पांच मंत्र रुपी बातें बताई। उन्होंने कहा कि पहला बेटियां को अपने सास ससुर को अपने माता-पिता के समान प्रेम करते हुए खूब सेवा करें। दूसरा अपने पती को सम्मान दें। तीसरा ननद को सगी बहन का प्यार दें। चौथा बच्चों को संस्कार दें। पांचवां सद्गुरु का ध्यान करो। इसके बाद उन्होंने राज्याभिषेक के साथ राम राज्य की स्थापना तक कथा श्रोताओं को श्रवण कराते हुए कथा को विश्राम दिया।
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