छह माह के गर्भ से जुड़वां ने लिया जन्म
एम्स ऋषिकेश में मात्र छह माह के गर्भ से जुड़वा शिशुओं का जन्म हुआ है। दोनों नवजातों ने अनेक स्वास्थ्य समस्याओं को पार किया है। चिकित्सकीय टीम ने उन्हें बेहतर देखभाल और उन्नत चिकित्सा तकनीकों के साथ...
एम्स ऋषिकेश में मात्र छह माह के गर्भ से जुड़वा शिशुओं ने जन्म लिया है। दोनों नवजातों ने एम्स चिकित्सकों के प्रयास से तमाम स्वास्थ्य संबंधी बाधाओं को पार किया। एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने इस उपलब्धिपूर्ण कार्य के लिए निओनटोलॉजी विभाग की चिकित्सकीय एवं नर्सिंग टीम की सराहना की है। उन्होंने कहा कि संस्थान में मात्र 24 सप्ताह के गर्भ से जुड़वा नवजात शिशुओं ने जन्म लिया। यहां इन जुड़वा नवजात को निओनटोलॉजी विभाग के अंतर्गत एनआईसीयू में रखा गया। जुड़वा नवजात का वजन क्रमशः 592 ग्राम और 670 ग्राम है। उनके निर्धारित समय से बहुत पहले जन्म होने से जीवित रहने की संभावना काफी कम थी। जिसे एम्स के नवजात शिशु रोग विभाग ने चुनौती के साथ लिया और एनआईसीयू में नवजात रोग विशेषज्ञों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों की समर्पित टीम ने नाजुक शिशुओं को चौबीस घंटे बेहतर देखभाल के साथ जरूरी चिकित्सा प्रदान की। एनआईसीयू टीम ने जुड़वा नवजात को बेहतर स्वास्थ्य और स्वस्थ जीवन प्रदान करने के लिए उन्नत चिकित्सा तकनीकों की सहायता ली गई। जिनमें श्वसन सहायता, थर्मोरेग्यूलेशन, पोषण संबंधी सहायता और संक्रमण की रोकथाम आदि तकनीक प्रमुख रूप से शामिल हैं। जुड़वा नवजात के माता-पिता प्रेजिता और अनूप ने शिशु की दिनरात सतत सक्रियता के साथ बेहतर चिकित्सकीय देखभाल के साथ बेहतर परिणाम के मद्देनजर एम्स ऋषिकेश की एनआईसीयू टीम के प्रति आभार व्यक्त किया। चिकित्सकीय टीम में निओनटोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. श्रीपर्णा बसु, एडिशनल प्रो. डॉ. पूनम सिंह, सह आचार्य डॉ. मयंक प्रियदर्शी, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुमन चौरसिया, एएनएस शिनोय आशीष कुमार, एसएनओ सुमन कंवर आदि रहे।
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