व्यक्ति को भगवान से जोड़ता है गुरू: जया किशोरी
प्रसिद्ध कथावाचक जया किशोरी ने कहा कि गुरु का कार्य व्यक्ति को भगवान से जोड़ना है, न कि खुद को। उन्होंने यह भी बताया कि समान शिक्षा से पुरुष और महिला की सोच में समानता लाई जा सकती है। योग चिकित्सा के...

प्रसिद्ध कथावाचक जया किशोरी ने कहा कि गुरु का काम व्यक्ति को भगवान से जोड़ने का है न कि खुद से, लेकिन आज गुरु स्वयं को भगवान से ज्यादा समझने लगे हैं। यह स्थिति धर्म और अध्यात्म के लिए खतरनाक है। गुरु कभी भी ईश्वर से बड़ा नहीं हो सकता। यह बात अलग है कि ईश्वर से मिलने की राह वही दिखाता है। यह बातें प्रसिद्ध कथा वाचक जया किशोरी ने मंगलवार को मुनिकीरेती में जीएमवीएन की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में साधकों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई भी बात नई नहीं है। केवल उन बातों को बताने का तरीका अलग-अलग और नया हो सकता है। गुरु केवल उस ज्ञान पर धूल की परत हटाने का काम करता है। बात केवल इतनी सी है, जो जल्दी समझ गया वह दूसरों को समझने में मदद करे। महिला और पुरुष की समानता पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि दोनों की सोच में अन्तर उन की परवरिस के कारण होता है। यदि बचपन में ही लड़के और लड़कियों को समान शिक्षा और संस्कार दिए जाएं, तो दोनों की सोच एक जैसी हो सकती है। जिस प्रकार लड़कियों को विनम्रता ओढ़ने की सलाह दी जाती है, उसी प्रकार लड़कों को भी बचपन से विनम्र और दूसरे के प्रति सहिष्णु होने के संस्कार दिए जाएं तो समाज में महिलाओं के प्रति आये दिन हो रहे अपराधों में कमी आ सकती है।
साधकों को योग चिकित्सा का दिया ज्ञान
दूसरे सत्र में उत्तराखंड संस्कृत विवि के योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. लक्ष्मी नारायण जोशी ने योग प्रतिभागियों को योग चिकित्सा के बारे में बताया। बताया कि वात कि विकृति से 80 प्रकार के रोग, पित की विकृति से 40 प्रकार के रोग और कफ की विकृत से 20 प्रकार के रोग होते हैं। योग चिकित्सा के माध्यम से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
योग की विभिन्न क्रियाओं का किया अभ्यास
योगा हॉल में योगिनी उषा माता द्वारा योग साधकों को आयंगर योग का प्रशिक्षण दिया गया। कहा कि योग क्रियाओं का अभ्यास करने से कई असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है। कहा कि गलत खान-पान व व्यवहार के कारण कैन्सर जैसी घातक बीमारी लोगों के अमूल्य जीवन को नष्ट कर रही है। हमें खाना बनाने के लिए एल्यूमिनियम के बर्तनों को प्रतिबंधित कर देना चाहिए। वहीं गुरु राम राय विवि की डॉ. सरस्वती काला ने आयुर्वेदिक एक्यूप्रेशर के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सुई की नोक के समान सूक्ष्म बिन्दु पर दबाव देकर उपचार करना ही एक्यूप्रेशर है।
ये रहे मौजूद
एमडी जीएमवीएन विशाल मिश्रा, महाप्रबंधक प्रशासन विप्रा त्रिवेदी, महाप्रबंधक पर्यटन दयानन्द सरस्वती, सहायक प्रधान प्रबंधक एसपीएस रावत, वरिष्ठ प्रबंधक कार्मिक विश्वनाथ बेंजवाल, वित्त एवं लेखाधिकारी चिंतामंणी भट्ट, रघुवीर सिंह राणा, दीपक रावत, गिरवीर सिंह रावत, विमला रावत, अनिता मेवाड, भारत भूषण कुकरेती, कैलाश कोठारी, आरपी ढौंडियाल, मुकेश उनियाल, विजय नेगी, विनोद राणा, मेहरबान सिंह रांगड़, आशुतोष नेगी, मुकेश बेनीवाल, अजयकांत शर्मा, ओमप्रकाश भट्ट, विरेन्द्र सिंह रावत आदि उपस्थित रहे।
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