लेखन से आती है समाज में परिवर्तन और क्रांति: रामनाथ
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि लेखन समाज में परिवर्तन लाता है। थानो के लेखक गांव में स्पर्श हिमालय महोत्सव 2024 का उद्घाटन हुआ। कोविंद ने बताया कि लेखक गांव की अवधारणा 2007 में अटल बिहारी...
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि लेखन समाज में परिवर्तन और क्रांति को लाने का कार्य करता है। भारत का संविधान भी लेखन का आधार स्तंभ है, जिसके शब्दों में असीमित शक्ति है। शुक्रवार को डोईवाला स्थित थानो के लेखक गांव में तीन दिवसीय स्पर्श हिमालय महोत्सव 2024 का आगाज हुआ। महोत्सव में साहित्य, संस्कृति और कला को समर्पित एक विशेष मंच 'लेखक गांव' का विधिवत उद्घाटन किया गया। महोत्सव में पहुंचे मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि लेखन से लेखक अपने आप से जुड़ता है। लेखक गांव की अवधारणा देश की पहले लेखक गांव बनने से पूरी हो रही है। जब डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक उनके पास इस गांव को बनाने की अवधारणा को लेकर आए, तो इस अवधारणा के लिए पूछने पर उन्होंने बताया कि वर्ष 2007 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने साहित्यकारों और लेखकों के भविष्य के प्रति चिंता व्यक्त की थी। इसके बाद उनके मन में लेखक गांव की प्रकल्पना जागृत हुई, जो आज थानो के लेखक गांव के रूप में साकार रूप ले चुका है। यह लेखक गांव भविष्य में लेखन साहित्य कला के साथ-साथ टूरिस्ट डेस्टिनेशन भी बनेगा। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान भी लेखन का आधार और लोकतांत्रिक सभ्यता का स्तंभ है। एक लेखक अपने लेखन के माध्यम से लोगों को प्रभावित करता है, साथ ही लोगों में उमंग का संचार भरता है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।