फैमिली मेडिसिन की बढ़ती आवश्यकता पर जोर
एम्स ऋषिकेश में फैमिली मेडिसिन ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन, जिसमें 11 एम्स के सदस्यों ने भाग लिया। विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर मंथन किया, डॉ. विनोद के पॉल ने फैमिली मेडिसिन की आवश्यकता पर जोर...
एम्स ऋषिकेश में फैमिली मेडिसिन ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन मंगलवार को किया गया, जिसमें देशभर के प्रतिष्ठित 11 एम्स के संकाय सदस्यों ने भाग लिया। इस दौरान देशभर से जुटे विशेषज्ञों ने भारत में स्वास्थ्य व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने पर मंथन किया। मुख्य अतिथि नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद के पॉल ने भारत में फैमिली मेडिसिन की बढ़ती आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि फैमिली मेडिसिन को सही कार्यरूप में अमल में लाने से वर्तमान स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत किया सकता है। बताया कि फैमिली फिजिशियन एक ऐसा विशेषज्ञ होता है, जो कि चिकित्सा को सामाजिक और व्यावहारिक रूप से व्यक्ति और परिवार से जोड़कर रखता है। लिहाजा इन्हीं फैमिली फिजिशियन की देश में सामुदायिक स्तर पर नितांत आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि सभी एम्स में एमडी, फैमिली फिजिशियन विभाग की शुरुआत की जा रही है। ताकि लोगों को इसका समुचित स्वास्थ्य लाभ मिल सके। एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने एम्स ऋषिकेश में भी फैमिली मेडिसिन और प्राइमरी केयर स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारु रूप से संचालित कराने में अपेक्षित सहयोग का भरोसा दिया। संस्थान की डीन अकादमिक प्रो. जया चतुर्वेदी और संकायाध्यक्ष ( हिमालयन इंस्टीट्यूट) प्रो. अशोक देवराडी ने फैमिली मेडिसिन एवं फैमिली फिजिशियन को देश की स्वास्थ्य सेवा के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि देश की स्वास्थ्य सुविधाओं में यह चुनौतीपूर्ण है, लेकिन असंभव नहीं। एएफपीआई के अध्यक्ष रमन कुमार ने कहा कि फैमिली फिजिशियन की आज देश-समाज में मूलभूत आवश्यकता महसूस की जा रही है। स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं और वर्तमान भागदौड़ भरी जिंदगी में हरेक परिवार के लिए फैमिली फिजिशियन की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है। आयोजक सचिव एवं सीएफएम विभाग के अपर आचार्य डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य सेवा से जुड़े इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में देश के विभिन्न 11 एम्स संस्थानों के संकाय सदस्यों ने हिस्सा लिया। मौके पर एम्स अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर संजीव कुमार मित्तल, जनरल मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. रविकान्त, सीएफएम विभाग की प्रो. सुरेख किशोर, गैस्ट्रोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. रोहित गुप्ता, सीएफएम विभाग के डॉ. महेंद्र सिंह गहलौत, जूनियर रेजिडेंट्स आदि ने भाग लिया।
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