श्रीकृष्ण-वासुदेव की झांकी ने मोहा मन
उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व. मोहन सिंह रावत की वार्षिकी पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में भगवान श्रीकृष्ण की झांकी ने उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। आचार्य डॉ. शांति प्रसाद मैठाणी ने राजा...
उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व. मोहन सिंह रावत गांववासी की वार्षिकी पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में शनिवार को भगवान श्रीकृष्ण तथा वासुदेव की झांकी ने श्रोताओं को मंत्र मुग्ध किया। रुक्मिणी माई धर्मशाला में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में आचार्य डॉ. शांति प्रसाद मैठाणी ने प्रसंग में राजा परीक्षित को शुकदेव द्वारा जीव को संसार में जाने का मार्ग बताया। जीव को कर्म की गति के अनुसार देह को छोड़ना और पुनः कर्म के प्रभाव से जीव बनाने की कथा सुनाई। कहा कि जब परीक्षित को सात दिन बाद मृत्यु का श्राप लग गया तो सुखदेव ने यह प्रसंग सुनकर राजा परीक्षित के भीतर मृत्यु के भय को दूर करने का उपक्रम किया। कहा कि जब पृथ्वी पर अव्यवस्था व्याप्त हो गई और धर्म की हानि होने लगी तो पृथ्वी गो माता का रूप धारण कर ब्रह्मा जी के पास पहुंचीं। जहां सभी देवी-देवताओं ने गो लोक धाम में जहां राधा-कृष्ण का नित्य निवास है। भगवान श्रीकृष्ण ने भू लोक पर कंस का नाश करने के लिए तथा धर्म को स्थापित करने के लिए देवकी के गर्भ से अवतार लिया। कथा में साध्वी प्राची, मोनी बाबा श्रीगुरु चरण महाराज, डॉ. धीरेंद्र रांगड़, प्रकाश सुमन ध्यानी, वीरेंद्र जुयाल, विद्या दत्त रतूड़ी, दीपशिखा भट्ट, बंशीधर पोखरियाल, महंत रवि शास्त्री, ज्योति सजवान, सुषमा रांगड़, लक्ष्मी सजवान, आसाराम व्यास, विशालमणि पैन्यूली, संजीव रौथान, भगवान सिंह रांगड़, सुरेन्द्र केंतुरा, हेमंत नेगी, महेंद्र रावत, रमाबल्लभ भट्ट, द्वारिका बिष्ट, सुशील रावत, प्रमोद कुमार शर्मा, राजीव थपलियाल, घनश्याम झा, रुक्मिणी रौतेला, लक्ष्मी बुड़ाकोटी ने भागवत कथा का रसपान किया।
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