बच्चों में जन्मजात के लक्षण और बचाव को किया जागरूक
एम्स ऋषिकेश में पीडियाट्रिक सर्जरी डे पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। बाल शल्य चिकित्सक ने बच्चों में मूत्र संबन्धी समस्याओं के बारे में जानकारी दी। चिकित्सा अधीक्षक प्रो. सत्या श्री ने माता-पिता...
एम्स ऋषिकेश में पीडियाट्रिक सर्जरी डे पर रविवार को जनजागरूकता के कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। बच्चों में मूत्र संबन्धी समस्याओं के लिए बाल शल्य चिकित्सक की भूमिका विषय थीम पर कार्यक्रम हुआ। पीडियाट्रिक सर्जन विशेषज्ञों द्वारा रोगी और उनके तीमारदारों को इस मामले में विभिन्न लाभकारी जानकारियां दी गईं। पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग की हेड और चिकित्सा अधीक्षक प्रो. सत्या श्री ने बाल रोगियों के तीमारदारों को बताया कि प्रत्येक मां-बाप को अपने बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील रहकर बीमारियों के लक्षणों के प्रति जागरूक रहना होगा। उन्होंने बच्चों की जन्मजात बीमारियों के बाबत तीमारदारों द्वारा पूछे गए सवालों का जबाव देकर उन्हें जागरूक किया। उन्होंने कहा कि यदि छोटे बच्चों में किसी कारणवश कैंसर के लक्षण हो तो इससे घबराने की जरूरत नहीं है। समय रहते सही इलाज करने से उसे जड़ से खत्म किया जा सकता है। कार्यक्रम के दौरान बच्चों में होने वाली सामान्य सर्जिकल बीमारियां जैसे बच्चे का बार-बार पेशाब करना, रात के समय सोते वक्त बिस्तर गीला करना, बच्चों की जन्मजात अंडकोषों की समस्याएं, उनमें मूत्र मार्ग और लिंग संबन्धी जन्मजात बीमारियां, हर्निया, हाइड्रोसिल, पेशाब में रूकावट होने, पेशाब में संक्रमण और जलन होने आदि के लक्षणों, सावधानियां बरतने और समय रहते आवश्यक उपचार करने के बारे में बाल सर्जन विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा कई लाभप्रद जानकारियां दी गईं। एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि प्रति वर्ष 29 दिसम्बर को पीडियाट्रिक सर्जरी डे मनाया जाता है। इस दिन बच्चों की जन्मजात बीमारियों और सर्जरी के माध्यम से उनके निदान के प्रति लोगों को जागरुक किया जाता है। मौके पर पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग की डॉ. इनोनो योशू, डॉ. बिजय कुमार, डॉ. शौर्या, डॉ. दीपक, डॉ. हिमांशु, डॉ. जगदीश, डॉ. प्रशांत, डॉ. सौम्या, डॉ. रोहन, डॉ. योगेश, डॉ. पन्ना आदि उपस्थित रहे।
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