स्टाइपेंड की मांग को अब 24 घंटे धरना-प्रदर्शन की तैयारी
एम्स ऋषिकेश में एलाइड हेल्थ सांइसेज के छात्रों ने छह दिनों से 11 कोर्स के लिए स्टाइपेंड की मांग को लेकर धरना दिया है। एम्स प्रशासन ने तीन कोर्स में ही स्टाइपेंड देने का हवाला दिया है। छात्रों ने...
एम्स ऋषिकेश में एलाइड हेल्थ सांइसेज (एएचएस) के आंदोलनरत छात्रों की मांग का समाधान नहीं निकल पाया है। छह दिनों से 47 इटर्न छात्र-छात्राएं 11 कोर्स में स्टाइपेंड की मांग के लिए धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने भुवनेश्वर स्थित एम्स में इस तरह का स्टाइपेंड देने को आधार बनाया है। जबकि, एम्स प्रशासन ने सिर्फ तीन कोर्स में ही स्टाइपेंड के प्राविधान का हवाला देते हुए इससे इन्कार कर दिया है। छात्र-छात्राओं ने एम्स प्रशासन पर मांग की अनदेखी का आरोप लगाते हुए अब दिन के अलावा रात में भी धरना-प्रदर्शन करने की तैयारी भी की है। अभी वह सुबह से लेकर शाम तक ही डीन एकेडमिक कार्यालय के बाहर धरना दे रहे हैं। वहीं, एम्स का तर्क है कि भुनेश्वर स्थित एम्स में टेक्नीशियन के पदों में इंटर्न छात्र-छात्राओं से काम लिया जा रहा है, जिसका भुगतान उन्हें स्टाइपेंड के रूप में किया जा रहा है, लेकिन एम्स ऋषिकेश में पहले ही इस तरह के पदों पर आउटसोर्स की भर्ती है, जिसके चलते यह करना मुमकीन नहीं है। एम्स ऋषिकेश जनंसपर्क अधिकारी संदीप कुमार सिंह का दावा है कि छात्रों की मांग का प्रस्ताव बनाकर एम्स की स्टेडिंग फाइनेंस कमेटी को भी भेजा है, लेकिन कमेटी ने इसपर हामी नहीं भरी है। उन्होंने दिल्ली स्थित एम्स की तर्ज पर 14 कोर्स में महज तीन का स्टाइपेंड जारी करने की बात कही है। बताया कि कमेटी की मंजूरी के बगैर इस तरह का स्टाइपेंड एम्स नहीं दे सकता। एलाइड हेल्थ सांइसेज के छात्र-छात्राओं को प्रवेश के दौरान भी इसकी जानकारी दी जाती है।
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