योग और अध्यात्म से जुड़ रहे देशी विदेशी साधक
परमार्थ निकेतन में 37वें अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन हो रहा है। दूसरे दिन अद्वितीय आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत हुई, जिसमें एमसी योगी ने संगीत के माध्यम से योगियों का ध्यान आकर्षित किया। 57 से...

परमार्थ निकेतन में आयोजित 37वें सात दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के दूसरे दिन की शुरुआत अद्वितीय आध्यात्मिक यात्रा के साथ हुई। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार एमसी योगी ने अपने संगीत से सभी योगियों का ध्यान अपनी ओर खींचा। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि योग का अनुभव केवल शरीर को ही नहीं, बल्कि हमारे आत्मीय केंद्र को भी होता है। संगीतमय योग भावना और विचारों के पार जाने की प्रक्रिया है, जो हमें आपने अस्तित्व से जोड़ता है। डॉ. साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि आज की दुनिया में हर दिन नए विवाद, संघर्ष और विभाजन के समाचार सुनने को मिलते हैं। अगर हम खुद को पृथ्वी से अलग मानते हैं, तो हम न केवल खुद को, बल्कि पूरी सृष्टि को कष्ट पहुंचाते हैं। योग वह आंतरिक साधना है, जो हमें इस विभाजन से ऊपर उठाकर, परमात्मा से हमारे संबंध को पुनः स्थापित करती है। गौरांग दास प्रभु ने कहा कि योग का वास्तविक उद्देश्य केवल शारीरिक स्वास्थ्य नहीं है, बल्कि यह आत्मा का परम ब्रह्म से मिलन का एक दिव्य मार्ग है। योगाचार्य डॉ. एन. गणेश राव ने कहा कि हमारा स्वास्थ्य एक गतिशील प्रक्रिया है।
योगाचार्य गुरमुख कौर खालसा ने कहा कि यह दुनिया भर के योग प्रेमियों के लिए एक अद्वितीय अनुभव है, जो आत्मा की गहराइयों में उतरने का अवसर प्रदान करता है। योगाचार्य स्टीवर्ट गिलक्रिस्ट ने कहा कि योग का असली सार भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म में निहित है, जिसे परमार्थ निकेतन गंगा तट पर अनुभव किया जा सकता है। यह आपको न केवल शारीरिक स्वास्थ्य, बल्कि आत्मिक उन्नति का मार्ग भी दिखाता है। योगाचार्य एरिका काफमैन ने कहा कि परमार्थ निकेतन आकर हम सब एक स्रोत से जुड़ते हैं और जीवन की सच्चाई से रूबरू होते हैं। महोत्सव में 1000 से अधिक देशी विदेशी साधक योग, ध्यान व अध्यात्मिक गतिविधियों में लिप्त हैं।
57 से अधिक योगाचार्य दे रहे मार्गदर्शन
महोत्सव में योगाचार्य साध्वी आभा सरस्वती, योगाचार्य गुरमुख कौर, गुरुशब्द सिंह, टॉमी रोसेन, किया मिलर, एरिका राचेल कौफमैन, सियाना शर्मन, संदीप देसाई, योगाचार्य, आनंद मेहरोत्रा, इरा त्रिवेदी, हरी सिंह खालसा, स्टीवर्ट गिलक्रिस्ट, मारिया अलेजांद्रा अवचारियन, निकोलस जियाकोमिनी, आदील पल्खिवाला, आर्विका गुप्ता, अक्षय जैन, अमिश शाह, एंड्रयू सीली, अनुराधा रमनोवा, आयुष गुप्ता, ब्रैंडन बेज, दासा दास, डॉ. एडिसन विक्टर दे मेलो, डॉ. गणेश रावजी, डॉ. कृष्ण पंकज नाराम, डॉ. विग्नेश देवराज, डॉ. योगऋषि विश्वकेतु, गंगा नंदिनी, हर्षवर्धन सराफ, जानवी क्लेयर मिसिंघम, योगाचार्य जय हरी सिंह, कृष्णाप्रिया, कुमारजी बगड़िया, मीराबाई स्टार, राधिका दास, राधिका गुप्ता, रोहिनी मनोहर, रुजुता दिवाकर, सांद्राबार्न्स, शिवा रिया, स्वामी स्वात्मानंदजी, सुबाह सराफ, रामकुमार, जैक बुश, डॉ. इंदु शर्मा, मिका एला एर्रॉयो, डॉ. पद्मनायनी गधीराजू, मोहन भंडारी, राधिका नागरथ, गायत्री, योगीराज स्वामी जयंत सरस्वती, हंसा जयदेवजी, दर्शना, निशि भट्ट, डॉ. आशीष गिलहोत्रा आदि योगाचार्य अपना मार्गदर्शन दे रहे हैं।
इन देशों से पहुंचे योग साधक
अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव परमार्थ निकेतन में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेलारूस, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, क्रोएशिया, डेनमार्क, इक्वाडोर, फ्रांस, जर्मनी, घाना, ग्रीस, आइसलैंड, आयरलैंड, इजराइल, इटली, जापान, लेबनान, लिथुआनिया, मेक्सिको, नीदरलैंड्स, न्यूजीलैंड, पेरू, पुर्तगाल, रोमानिया, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, तुर्की, यूक्रेन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, उरुग्वे, नार्वे आदि देशों के प्रतिभागियों की उपस्थिति देखने को मिल रही है।
इन योग मुद्राओं का हुआ अभ्यास
परमार्थ निकेतन में विभिन्न सत्रों में प्रातः 4:30 बजे से रात 9:30 बजे तक विशेष योगाभ्यास में हो रहा है। जिसमें प्रमुख रूप से अष्टांग योग, आयंगार योग, हठ योग, राज योग, भक्ति योग, गंगा योग, ध्यान, मुद्रा, वैदिक मंत्र, संस्कृतवाचन, आयुर्वेद, रेकी, लीला योग, विन्यास योग, कुण्डलिनी योग, जीवमुक्ति योग, सिन्तोह योग, सेमैटिक योग, डीप योग, नाड़ी योग एवं भारतीय दर्शन, डॉस आफ प्राण, द रूट आफ यम, योग राग, सूर्योदय नाद, श्रीकृष्ण बांसुरी राग, कास्मिक हार्ट संगीत योग की विभिन्न विधाएं करवाई जा रही हैं।
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