Hindi NewsUttarakhand NewsRamnagar NewsVillagers Protest Against Forest Department Policies After Tiger Attacks in Ramnagar

रामनगर के लोग बोले, वन विभाग की नीतियों से हो रहा मानव वन्यजीव संघर्ष

रामनगर में हाल ही में बाघ के हमले में दो लोगों की मौत के बाद ग्रामीणों ने महापंचायत की। उन्होंने वन विभाग की पुरानी नीतियों पर सवाल उठाए और मुख्यमंत्री से बदलाव की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि...

Newswrap हिन्दुस्तान, रामनगरMon, 13 Jan 2025 08:02 PM
share Share
Follow Us on

रामनगर। संवाददाता बीते दिनों रामनगर में एक ही दिन में दो लोगों की बाघ के हमले में मौत से गुस्साए क्षेत्र के ग्रामीणों ने सोमवार को महापंचायत कर वन विभाग की नीतियों पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि 1974 में बनाई गई नीतियों को वन विभाग आज तक थोपते आ रहा है। जल और जंगल के लिए संघर्ष करने वाले ग्रामीणों की जान वन्यजीवों से खतरे में आ गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ग्रामीणों के हस्ताक्षरयुक्त पत्र को भेजकर नीतियों में बदलाव लाने और नए खुल रहे पर्यटन जोनों को बंद करने की मांग की है।

सोमवार को क्यारी इंटर कॉलेज के मैदान में कॉर्बेट व आस-पास से सटे जंगल के करीब 12 गांव के लोगों ने महापंचायत में हिस्सा लिया। लोगों ने कहा कि बीते दिनों सावल्दे और क्यारी गांव में दो लोगों को बाघ ने मार दिया। पहली बार बाघ ने एक ही दिन में दो लोगों को मारा है। आरोप लगाया कि वन विभाग लोगों को जंगल जाने पर जेल भेजने की धमकी दे रहा है। अपनी नीतियां बदलने को तैयार ही नहीं है। मनचाहे पर्यटन जोन खोलकर बाघ व अन्य वन्यजीवों का मूवमेंट प्रभावित किया जा रहा है। वन्यजीवों के अनुकूल जंगलों को अंधाधुंध तरीके से काटा जा रहा है। इससे ही वन्यजीव आबादी में आकर लोगों पर हमला बोल रहे हैं। कहा कि वन विभाग ने चार नए जोन खोलकर ग्रामीणों को आफत में डालने का काम किया है। एक और नया जोन खोलने की तैयारियां की जा रही हैं। इससे ही अचानक बाघों के हमले बढ़े हैं। लोग वर्षों से मवेशियों के लिए घास लेने जंगल जाते रहे हैं। वन्यजीवों के व्यवहार में बदलाव लाने का कारण भी वन विभाग ही है। बताया कि जल्द ही मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए योजनाएं नहीं बनीं तो और भी घटनाएं सामने आ सकती हैं। ग्रामीणों कहा कि मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने की कवायद में हर स्तर पर वन विभाग का सहयोग करेंगे, लेकिन गलत तरीके से ग्रामीणों को दबाने का प्रयास किया गया तो कड़ा विरोध करेंगे। सड़कों पर भी उतरने को बाध्य होंगे। महापंचायत में क्यारी, तेरा, मकनपुर, पावलगढ़, अमगढ़ी, रामनगर, कानिया, सांवल्दे समेत 12 गांव के लोग शामिल हुए। इनमें प्रमुख रूप से क्यारी प्रधान नवीन सती, विनोद बुधानी, नवीन उपाध्याय, योगी बोहरा, मोहित शर्मा, राकेश, हिमांशु, पंकज, हीरा सिंह रावत, मुन्नी देवी, मंजू कांडपाल, दीपा सती, भावना, महेश जोशी, प्रभात ध्यानी, मुनीश आदि मौजूद रहे।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें