ग्रामीणों को नहीं मिल रहा बीएसएनएल सेवा का लाभ
तहसील के आठ गांवों में संचार की कमी से ग्रामीण परेशान हैं। मोबाइल नेटवर्क न होने से ऑनलाइन कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं। बीएसएनएल से टॉवर की रेंज बढ़ाने की मांग की गई है, ताकि ग्रामीणों को सीएचसी...
तहसील के आठ से अधिक गांव संचार सुविधा को लेकर परेशान हैं। मोबाइल नेटवर्क न मिलने से ग्रामीणों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बीएसएनएल से मोबाइल टावर के रेंज बढ़ाने की मांग की है। जिससे उन्हें ऑनलाइन कार्यों के लिए सीएचसी सेंटरों की दौड़ न लगानी पड़े। नाचनी के सुंदर सिंह बथ्वाल ने बताया कि बीएसएनएल ने डोकला व समकोट में संचार सेवा के लिए टॉवर लगाए हैं। जिनका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है। इससे लोध, होकरा, क्वीरीजिमिया, गोल्फा, डुंगरी सहित अन्य गांव के लोग निर्भर हैं। वहीं सिग्नल न आने से ग्रामीणों को ऑनलाइन कार्यों के लिए नाचनी व क्वीटी सीएचसी सेंटरों की दौड़ लगानी पड़ रही है। कहा कि सबसे ज्यादा दिक्कत मरीजों के परिजनों को उठानी पड़ रही है। जिससे गांव में किसी के बीमार होने पर ग्रामीण युवा मरीज को कंधे में ढोने को मजबूर हैं। स्थानीय त्रिलोक पवार ने बताया कि डिजीटल युग में संचार सेवा के बाधित होने से एक हजार से अधिक की आबादी को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं लोगों के फोन शोपीस बनकर रह गए हैं। कहा कि सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं के ऑनलाइन होने से वे उनका लाभ नहीं ले पा रहे हैं। इसके साथ ही लोगों को अपने परिजनों से संपर्क साधने में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्होंने बीएसएनएल से टॉवरों की रेंज बढ़ानी की मांग की है।
ग्रामीण क्षेत्रों को संचार सेवा का समुचित लाभ दिलाने के लिए टीम आप्टिमाइजेशन का कार्य कर रही है। शीघ्र ही लोगों को बीएसएनएल संचार सेवा का लाभ मिलेगा।
- आशीष कुमार, मंडल अभियंता, बीएसएनएल, मुनस्यारी।
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