गो पूजन कर मांगा धन-धान्य
सीमांत में गोवर्धन पूजा का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। पशुपालकों ने गोबर से गोवर्धन की प्रतिमा बनाकर पूजा की और परिवार की खुशहाली की कामना की। गायों को नए कपड़े पहनाकर और रंग लगाकर उनकी पूजा की गई।...
सीमांत में गोवर्धन पूजा का त्योहार परंपरागत ढंग से मनाया गया। शनिवार को जिला मुख्यालय सहित धारचूला, मुनस्यारी, डीडीहाट, गंगोलीहाट, बेरीनाग, थल, झूलाघाट में पशुपालकों ने गोबर से बनी गोवर्धन की प्रतिमा के समक्ष पूजा-अर्चना कर परिवार की सुख समृद्धि की कामना की। नगर में गोवर्धन पूजा का पर्व उत्साह के साथ मनाया गया। पशुपालकों ने श्रद्धा और भक्ति के साथ गाय के गोबर से गोवर्धन की प्रतिमा बनाई। बाद में उन्होंने पशुओं को नहला धुलाकर नये परिधान (ठेका, फुन्ने, मुखाड़ी, गलदामी) पहनाकर और रंग लगाकर उनकी पूजा-अर्चना की। स्थानीय मंजू देवी ने बताया कि हर साल इस दिन पशुओं को टीका लगाकर उनकी पूजा की जाती है। यहां कमेट के घोल में गिलास डुबाकर पशुओं की पीठ में उसके मार्क उकेरे जाते हैं। ऐसा करना उनके स्वास्थ्य के लिए बेहतर माना जाता है। कई अन्य गांवों में भी इस तरह की परंपरा को यहां निभाया जाता है व पशुओं की पूजा अर्चना की जाती है।
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