हिमार्क प्रयोगशाला नैनोकणों के जैविक निर्माण पर शोध करेगा
बेरीनाग के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की हिमार्क प्रयोगशाला ने नैनोकणों के जैविक निर्माण पर शोध कार्य किया है। इस शोध को अन्तरराष्ट्रीय स्कोपस रेटेड जर्नल में स्थान मिला है। यूकोस्ट देहरादून...
बेरीनाग। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की हिमार्क प्रयोगशाला विभिन्न प्रकार के नैनोकणों के जैविक निर्माण के साथ-साथ उनकी जैविक क्रियाविधि पर भी शोध कार्य कार्य करेगी। मंगलवार को हिमार्क प्रभारी डॉ. बीएस बिष्ट ने यह जानकारी देते हुए बताया कि हिमार्क प्रयोगशाला में पहली बार नैनोटेक्नोलाजी के क्षेत्र में किये गए शोध कार्य को अन्तरराष्ट्रीय स्कोपस रेटेड जर्नल (जर्नल ऑफ वाटर एंड एनवायर्नमेंटल नैनोटेक्नोलाजी) में स्थान मिला है। यूकोस्ट देहरादून की ओर से प्रायोजित शोध कार्य में उच्च हिमालयी सगंध पौधों ने जिंक ऑक्साइड के नैनोकणों का जैविक निर्माण किया है। जिसमें भूगर्भ विज्ञान विभाग नैनीताल व आईआईटी रूड़की के सम्मिलित प्रयासों से नैनोकणों की पहचान हुई है। हिमार्क कि इस उपलब्धि पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. वीएम पांडेय, सहित अन्य प्राध्यापकों ने खुशी जताई है।
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