चार माह बाद मुनस्यारी मिलम सड़क खुलने से राहत
मुनस्यारी में मिलम पैदल मार्ग खुलने से कई माइग्रेशन गांवों के लोग राहत महसूस कर रहे हैं। वे अपने मवेशियों के साथ यहां आने का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। गर्मियों में ये लोग तराई से हिमालय के...

कई माइग्रेशन गांवों के लोग मुनस्यारी मिलम पैदल मार्ग मं आवाजाही शुरू होने से राहत महसूस कर रहे हैं। वे अपने मवेशियों के साथ पैदल मार्ग खुलने का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। तराई के क्षेत्रों से 8हजार से अधिक भेड़ बकरियों को लेकर यहां पहुंचे लोग मार्ग खुलने के इंतजार में नगर के आसपास डेरा डाले हुए थे। हर साल गर्मी के मौसम में ये लोग तराई से हिमालय के बुग्यालों की ओर आते हैं। ग्रीष्म काल में उच्च हिमालयी क्षेत्रों में खेती करने वाले 200 से अधिक किसान पैदल मार्ग बंद रहने से आगे नहीं जा पा रहे थे।
इस समय यहां आसपास के गांवों के लोग माइग्रेशन गांव मिलम, बर्फ़ू, बिल्जु ,टोला, मर्तोली,मापा, गनघर,लासपा सहित कई गांवों में अपनी भेड़ बकरियों, घोड़े,पालतू जानवर को लेकर जाते हैं। मल्ला जोहार विकास समिति के अध्यक्ष राम सिंह के अनुसार लवा, पाछु ,टोला के पैदल पुल भी टूटे हैं। जिससे ग्रामीण समय पर माइग्रेशन नहीं कर पा रहे हैं। कई अन्य लोगों ने कहा है कि वे कई बार मार्ग खोलने की मांग कर चुके हैं, इसके बाद भी उनकी अनदेखी हो रही है। रड़गाड़ी से आगे मार्ग में दिक्कत है, इसे ठीक किया जा रहा है। शीघ्र मार्ग बेहतर आवाजाही के लायक बना दिया जाएगा। - मनोज नाथ, उपखंड अधिकारी, लोनिवि, मुनस्यारी।
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