पौड़ी के ऊंचाई वाले हिस्सों में बर्फबारी
बुधवार को भी मौसम का मिजाज बदला रहा। जिले के धुमाकोट, भरसार, चौरीखाल, दीवा, जड़ाऊखांद और बीरोंखाल से...
बुधवार को भी मौसम का मिजाज बदला रहा। जिले के धुमाकोट, भरसार, चौरीखाल, दीवा, जड़ाऊखांद और बीरोंखाल से सटे इलाकों आदि में बर्फबारी हुई है। नैनीडांडा, सतपुली और थलीसैंण में ओलावृष्टि भी हुई। बर्फबारी और ओलावृष्टि के कारण मौसम खासा सर्द हो गया है। मौसम के मिजाज के कारण पारा भी लुढ़का। मौसम के इस मिजाज के कारण आम जनजीवन बुधवार को भी अस्त-व्यस्त रहा। बर्फबारी से नेशनल हाइवे काशीपुर-बुआखाल भी एक बार फिर कई स्थानों पर बंद रहा। हाइवे पर कई वाहन सुबह से ही फंसे रहे। सतपुली, थलीसैंण, नैनीडांडा और बीरोंखाल में बारिश के साथ ही ओलावृष्टि भी हुई। पौड़ी मुख्यालय में भी दिनभर बारिश के साथ हल्की ओलावृष्टि हुई। मौसम ने दोपहर बाद कुछ राहत दी और बारिश पड़नी बंद हुई। हालांकि मौसम पूरी तरह साफ नहीं हुआ और आसमान बादलों से घिरा ही रहा। बर्फबारी के साथ ही कई स्थानों पर हुई ओलावृष्टि को लेकर कृषि और उद्यान महकमों ने भी फील्ड से रिपोर्ट लेनी शुरू की है। मुख्य कृषि अधिकारी पौड़ी डीएस राणा ने बताया है कि ओलावृष्टि से केवल सरसों की फसल को कुछ नुकसान हो सकता है बाकी फसलों को कोई नुकसान नहीं है। जेडी गढ़वाल मंडल डा. रतन कुमार ने बताया है कि शीतोष्ण सभी बागवानी के लिए बर्फबारी और बारिश ठीक हो गई है। मटर आदि ऐसी कुछ फसलें हैं जो ओला गिरने से खराब हो सकती है। महकमा सभी जिलों से इसकी रिपोर्ट लेगा। जेडी के मुताबिक अब ओलावृष्टि से यदि किसी फसल को नुकसान होता है तो यह भी बीमे में कवर किया जा रहा है। बुधवार को पौड़ी तहसील में सबसे अधिक 30 एमएम तो सबसे कम चाकीसैंण तहसील में सबसे कम 6 एमएम बारिश रिकार्ड की गई। श्रीनगर और यमकेश्वर तहसीलों में 21-21 , सतपुली व थलीसैंण में 20-20, धुमाकोट में 10 तो लैंसडौंन तहसील में 12 एमएम सहित चौबट्टाखाल तहसील क्षेत्र में 17 एमएम बारिश हुई है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।