बोले गढ़वाल : पौड़ी बस स्टेशन में हैंडपंप टूटा, पानी की टंकी सूखी
पौड़ी के बस स्टेशन में अव्यवस्थाएं चरम पर हैं। पेयजल संकट, चोक नालियां और लावारिस पशुओं की समस्या यात्रियों को परेशान कर रही है। नगरपालिका ने सुधार के लिए कदम उठाने का आश्वासन दिया है, लेकिन स्थिति में...
पौड़ी में नगर पालिका द्वारा संचालित बस स्टेशन अव्यवस्थाओं का शिकार बना हुआ है। 75 छोटे-बड़े वाहनों की पार्किंग वाले बस स्टेशन में पेयजल किल्लत से यात्रियों के साथ चालक परिचालक और यात्री परेशान हैं। बस स्टेशन में लगी दो पानी की टंकी और हैंडपंप भी शोपीस बना हुआ है। गर्मियों में स्थितियां और ज्यादा खराब हो जाती हैं। लोगों की शिकायत के बावजूद नगर पालिका इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। पौड़ी से अनिल भट्ट की रिपोर्ट...
वर्षों तक आधा अधूरा रहकर किसी तरह बनने के बावजूद भी नगरपालिका द्वारा निर्मित और संचालित नया बस स्टेशन अव्यवस्थाओं का अड्डा बना हुआ है। स्थिति का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि बस स्टेशन में प्यासे यात्रियों, चालक परिचालकों, स्थानीय निवासियों के साथ व्यापारियों के लिये भी किये गए पेयजल इंतजाम शोपीस साबित हो रहे हैं। बस अड्डे के अंदर पर्याप्त लाइट नहीं लगाई गई हैं जिस कारण अंधेरा बना रहता है। बस स्टेशन में अंदर दाखिल होने के लिये नालियों के ऊपर लगाये गए सीमेंटेंड स्लैब्स भी टूटकर नालियों में ही गिरे हुए हैं। बस स्टेशन की नालियां भी सफाई के अभाव में गदंगी से चोक हो रखी हैं। पौड़ी-कोटद्वार नेशनल हाईवे पर मौजूद बस स्टेशन की सड़क के किनारे बनाई गई नालियों के निर्माण में भी मानकों को ध्यान में नहीं रखा गया है। सड़क से 1 फीट तक ऊंची बनाई गई नालियां जहां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हैं तो दूसरी तरफ इस कारण सड़क की चौड़ाई भी कम हो गई है। स्टेशन में 15 बसों की पार्किंग हैं जबकि 60 टैक्सी-मैक्सी जैसे छोटे व्यवसायिक वाहनों की पार्किंग के भी इंतजाम हैं, लेकिन पार्क वाहन जैसे ही सवारियों को लेकर निकलते हैं तो हाईवे पर लम्बा जाम लगने से आम जनता परेशान होती है। बस स्टेशन के आसपास के क्षेत्र में मौजूद बाजार के व्यापारियों की आर्थिकी भी इससे ही जुड़ी हुई है और इससे सटे क्षेत्र की 1000 की आबादी है। लावारिस पशुओं का जमघट स्टेशन के अंदर भी देखने को मिल जाता है। सफाई नहीं होने से यात्रियों और लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है।
सुझाव
1. बस अड्डे में शोपीस बनी दो टंकियों और हैंडपंप को भी ठीक किया जाय।
2. चोक नालियों को खोलकर गंदे पानी की निकासी की जाय।
3. नालियों के ऊपर नये सीमेंटेड ब्लाक्स लगाये जायें जिससे दुर्घटनाओं की आशंका न हो।
4. बस अड्डे के अंदर बिखरी गदंगी और कचरे को नियमित रूप से उठाया जाए।
5. बस स्टेशन के अंदर मौजूद लावारिस पशुओं को हटाकर उनका प्रभावी इंतजाम किया जाय।
शिकायतें
1. बस स्टेशन में पेयजल इंतजाम नहीं हैं। दो पानी की टंकियां हैं लेकिन उनमें पानी नहीं हैं और हैंडपंप खराब है।
2. चोक नालियों की वजह से गंदा पानी सड़कों पर बहकर उन्हें खराब कर रहा है।
3. हाईवे किनारे नालियों के ऊपर पड़े सीमेंटेड स्लैब्स टूटकर नालियों के अंदर या बाहर पड़े हैं जिससे दिक्कतें होती हैं।
4. नियमित सफाई नहीं होने से बस स्टेशन में कूड़ा फैला रहता है।
5. बस अड्डे के अंदर लावारिस पशुओं के जमघट दिक्कत है।
समस्याओं को हल किया जा रहा : नगर पालिका
नगर पालिका पौड़ी के अधिशासी अधिकारी एसपी जोशी का कहना है कि पौड़ी बस अड्डे में पानी नहीं आने की समस्या संज्ञान में है। बस स्टेशन पर पानी पर्याप्त व्यवस्था करवाई जा रही हैं। यहां पानी के लिए दो टंकियां रखी गई हैं। किन्हीं कारणों से इन पर पानी नहीं आ रहा है। इसको लेकर जलसंस्थान को भी अवगत कराया जा रहा है। जबकि सड़क की मुख्य नालियों पीडब्ल्यूडी एनएच के अधीन है। नालियों के रखरखाव के लिए एनएच अफसरों को पत्र लिखा जाएगा ताकि ये खुली न रहें। यात्रियों और चालक-परिचालकों को कोई परेशानी ना हो इसका पूरा ध्यान रखने की कोशिश की जा रही है।
पार्किंग सही नहीं होने से चालक परेशान
नगर पालिका द्वारा बहुमंजिले बस स्टेशन तो बना दिया गया लेकिन इसकी पार्किंग को माल रोड की तरफ बना दिया गया है जिससे लोगों को अपने वाहन पार्क करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बसअड्डे के नीचे छोटे वाहनों के लिए पार्किंग बनाई तो गई है लेकिन इस पार्किंग से होकर वाहन सीधे हाईवे पर ही आते है इसलिए यहां कई बार जाम के हालत बने रहते हैं। शहर के सभी छोटे वाहन टैक्सी-मैक्सी का संचालन इसी पार्किंग से ही होता है। एक बार वाहन अंदर जाते है फिर वही वाहन सवारी भरकर बाहर आते है। ऐसे में दो-दो बार वाहनों की आवाजाही होती है और यह सिलसिला सुबह से शाम तक ही लगा रहता है।
पीने के पानी के लिए भटकते रहते हैं यात्री
नगर पालिका द्वारा विभिन्न कारणों से देर में बनाकर शुरू किये गए बस स्टेशन में पेयजल संकट बना हुआ है जिसने हर किसी को परेशान किया हुआ है। गर्मी में तो स्थिति और भी बदतर हो जाती है जब प्यासे यात्री और चालक परिचालक बस स्टेशन के अंदर पानी की तलाश में परेशान होते रहते हैं। ऐसा नहीं है कि नगरपालिका ने बस स्टेशन बनाने के साथ पेयजल आपूर्ति के इंतजाम न किये हों बल्कि दो-दो पानी की टंकियों के साथ हैंडपम्प का भी इंतजाम किया लेकिन कुछ समय बाद ही ये पेयजल आपूर्ति के बजाय ये बिना पानी के शोपीस ही साबित हो रहे हैं।
बस अड्डे की नालियां कूड़े से चोक हो गईं
पौड़ी-कोटद्वार नेशनल हाईवे से सटकर बने बस अड्डे की नालियों की स्थिति भी बेहद खस्ताहाल हैं। नालियों के ऊपर बनाये गए सीमेंटेड स्लैब्स अधिकांश स्थानों पर क्षतिग्रस्त होकर नालियों के अंदर या बाहर पड़े हैं। इस कारण चोक हुई नालियों में बहता पानी कई स्थानों पर ओवरफ्लो होकर सीधे हाईवे पर बहता है, जिससे सड़क भी क्षतिग्रस्त हो रही है। नालियों को बनाते हुए नियमों को भी इस कदर ताक पर रख दिया गया कि वो सड़क से 1 फीट तक ऊंची हो गई हैं जिससे सड़क की चौड़ाई भी कम हो गई है। इन नालियों को सड़क के लेवल पर बनाया जाता तो सड़क की चौड़ाई भी बढ़ती और उनके रखरखाव में भी आसानी होती।
लावारिस पशुओं का लगा रहता है जमावड़ा
बस स्टेशन पर लावारिश पशुओं के झुंड भी आसानी से देखे जा सकते हैं। पर्याप्त इंतजाम नहीं होने के कारण बसअड्डे के अंदर घूमते लावारिस पशुओं के मल-मूत्र से गदंगी भी फैली रहती है जिस कारण यात्रियों के साथ आम जनता को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बस स्टेशन में खुले में पड़े कचरे को लावारिस पशु खाने की चाह में इधर उधर भी बिखेर देते हैं। हालांकि नगरपालिका के सफाई कर्मचारी एक वक्त तो यहां से कूड़ा उठाने की रस्म अदायगी तो कर देते हैं लेकिन उसके कुछ देर बाद ही फिर से गदंगी के ढेरों को साफ करने के प्रति वे लापरवाह ही रहते हैं।
बोले लोग
स्टेशन पर सड़क से ऊंची नालियां बनी हैं। नालियों के ऊपर सीमेंट के ढक्कन खुले हुए हैं जो आवाजाही में खतरा बने रहते हैं। -मनवर सिंह नेगी, व्यापारी
बस अड्डे पर ट्रैफिक जाम को लेकर परेशानी आती है। छोटे और बड़े वाहनों के लिए एक ही स्थान है। इसे ठीक होना चाहिए। -शैलेंद्र, व्यापारी
बस अड्डे पर लगे हैंडपंप से भी लंबे समय से पानी नहीं आ रहा है इससे लोगों को पेयजल को लेकर काफी दिक्कत होती है। -मानवेंद्र रावत, व्यापारी
बस अड्डे के अंदर तक लावारिश पशु काफी गंदगी कर देते हैं, रोज नियमित अंतराल पर सफाई करने की जरूरत है। -कांता प्रसाद, व्यापारी
पौड़ी बस अड्डे की नालियां खुली पड़ी हैं। इस कारण इनके अंदर कूड़ा चला जाता है। इससे बदबू आती रहती है। इन्हें बंद किया जाना चाहिए। -वसीम, व्यापारी
शहर के सबसे जरूरी जगह बस अड्डे पर पेयजल को लेकर कोई व्यवस्था नहीं है। यहां टंकियां तो है लेकिन इनसे पानी की सप्लाई ठप है। -महफूज हुसैन, व्यापारी
बस स्टेशन पर निजी वाहनों के लिए पार्किंग नहीं होने से काफी दिक्कत हैं, लोग अपने वाहन खड़े करने के लिए जगह खोजते रहते हैं। -सुरेंद्र सिंह, व्यापारी
बस स्टेशन पर पार्किंग की जगह कम हो गई है। कुछ जगहों पर छोटी दुकानों ने भी जगह घेर ली है। इस कारण सब लोग परेशान हैं। -सुरेंद्र भंडारी, व्यापारी
अधिकतर नालियों के बंद होने से ड्रेनेज सिस्टम ठीक नहीं रहता, बारिश के समय ज्यादा ही दिक्कत हो जाती है। सड़क पर पानी बहता है। -करन बिष्ट, व्यापारी
बस अड्डे पर स्टीट लाइटें कभी जलती है कभी नहीं। बस अड्डे के अंदर भी रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। इससे सब परेशान हैं। -शादीक, व्यापारी
शहर में सीवरेज सिस्टम नहीं होने से परेशानी है। सड़क से नीचे की तरफ की दुकानों में तेज बारिश का पानी घुस जाता है। -आरिफ, व्यापारी
बस अड्डे पर अक्सर लावारिस पशु लोगों के लिए परेशानी का सबब बनते है। दुकानों के बाहर भी यह गंदगी करते हैं। -दीपक भट्ट, व्यापारी
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