पिरूल करेगा लोगों की आर्थिकी मजबूत
जिलो में जंगलों की आग रोकने के लिए पिरुल (सूखी चीड़ की पत्तियों) एकत्रीकरण का अभियान चलाया जा रहा है। कार्यालयों, बस्तियों और जंगलों में फैली इन सूखी

जिलों में जंगलों की आग रोकने के लिए पिरुल (सूखी चीड़ की पत्तियों) एकत्रीकरण का अभियान चलाया जा रहा है। कार्यालयों, बस्तियों और जंगलों में फैली इन सूखी पत्तियों को चिह्नित कर बड़े स्तर पर एकत्र किया जा रहा है। प्रशासन का दावा है कि यह पहल न सिर्फ जंगलों को आग की चपेट में आने से बचाएगी, बल्कि वनों में रहने वाले असंख्य जीवों के जीवन को भी सुरक्षित रखेगी। इसके साथ ही लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनने में मदद मिलेगी। जिलाधिकारी ने बताया कि लोग एकत्रित पिरुल को इच्छुक फॉर्म या वन विभाग को 10 रुपए प्रति किलो की दर से बेच सकते हैं, जिससे उनकी आर्थिकी भी सुदृढ़ होगी। रांसी स्टेडियम पौड़ी के पास जिलाधिकारी के नेतृत्व में अफसरों व कर्मचारियों ने लगभग 50 किलो पिरुल एकत्र किया। इससे पूर्व पौड़ी ब्लॉक के समीपवर्ती आबादी क्षेत्रों से भी 60 किलो पिरुल संग्रहित किया गया था। डीएम डा.आशीष चौहान ने कहा कि जंगल हमारे अस्तित्व का आधार हैं, उन्हें बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है। डीएम ने खंड विकास अधिकारियों को भी अपने स्तर पर जिन क्षेत्रों में अत्यधिक मात्रा में पिरुल फैला हुआ है उसे एकत्रित करने के निर्देश दिए । कहा कि एकत्रित पिरुल को इच्छुक फॉर्म को निर्धारित मूल्य पर बेचा जाएगा। इस दिशा में ब्लॉक स्तर पर भी पिरुल एकत्रित किया जा रहा है। कहा कि जंगल केवल प्रकृति की धरोहर नहीं, हमारी सांसों का आधार हैं। इनकी रक्षा करना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है। इस मौके पर जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, मुख्य कृषि अधिकारी विकेश कुमार यादव, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डा. विशाल शर्मा आदि शामिल रहे।
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