मलिन बस्ती में पालिका की उपेक्षा सेनेटाजेशन नहीं, घरों में दुबके लोग
विशेषज्ञ कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों को संक्रमण बढ़ने की चेतावनी दे चुके हैं। सरकार भी दावा कर रही है कि इससे निपटने की तैयारियां शुरूकर दी गई...
नैनीताल। कोविड के प्रति संवेदनशीलता के प्रशासन व पालिका की ओर से भले ही प्रबल दावे किए जाएं। लेकिन कई बार धरातल पर हालात देखकर इनकी पोल खुल जाती है। प्रतिकूल हालात में नैनीताल नगर पालिका की लापरवाही उजागर हुई है। कोविड से हुई मौत के बाद भी पलिका दो दिन में इस क्षेत्र में सेनेटाइजेशन तक नहीं करा पाई है।
बीते दिवस हरिनगर में सुलभ शौचालय के समीप रहने वाले व्यक्ति के कोविड के चलते मौत हो गई थी। हालांकि यह मृत्यु हल्द्वानी में हुई, लेकिन मृतक के परिजनों के उस समय तक हरिनगर में होने तथा बाद में भाई के दुर्गापुर में स्थित मकान में चले जाने से क्षेत्र के लोग डरे हुए हैं। एक कमरे किचन सरीखे भवन में रहने वाले लोग पालिका की उपेक्षा के चलते दो दिनों से घरों में कैद हैं। उनका कहना है कि यदि क्षेत्र में सेनेटाइजेशन हो जाए तो ही वह स्वयं बाहर आएंगे और बच्चों को बाहर भेजेंगे। मलिन बस्ती में रहने वाले गरीब लोग शिकायत पर उनके साथ होने वाली मारपीट के चलते किसी को कुछ नहीं बता रहे। उक्त लोगों के घरों से बाहर न निकलने के कारण कई घरों में बर्तन झाडू की दिक्कत के बाद कोरोना से मृत्यु व सेनेटाइजेशन की मांग सार्वजनिक हुई। संबंधित के द्वारा पालिका को सेनेटाइजेशन के लिए सूचित करने के बाद सूचना समाचार पत्रों में भी दी। जो अखबार की सुर्खियां भी बना। लेकिन शुक्रवार को भी उक्त क्षेत्र में सेनेटाइजेशन नहीं हो पाया तथा लोग घरों में दुबके हुए हैं। मामले में पूछे जाने पर पालिका अधिशासी अधिकारी अशोक वर्मा ने बताया कि संबंधित कर्मी को सूचना देकर सेनेटाइज करने को कहा था। ईंद के चलते सेनेटाइजेशन नहीं हो पाएगा। शनिवार को करा दिया जाएगा। अब देखना है कि उक्त गरीब बस्ती तक पालिका की दृष्टि पहुंचती है या नहीं।
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