पंतनगर एयरपोर्ट मामले में हाईकोर्ट ने राज्य और केंद्र से जवाब मांगा
- पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय की भूमि का मामला, नगला निवासी ने दायर की है जनहित याचिका- अब तक तीन बार अलग-अलग जगह 2000 एकड़ भूमि एयरपोर्ट बनाने के लिए

नैनीताल, संवाददाता। हाईकोर्ट ने पंतनगर विश्वविद्यालय की करीब 2000 एकड़ कृषि भूमि को राज्य सरकार द्वारा नया एयरपोर्ट बनाने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को तीन अलग-अलग जगह भूमि दिए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंदर और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने को कहा है। अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी। मामले के अनुसार, पंतनगर नगला निवासी राकेश शर्मा ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार ने पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय की कई सौ एकड़ कृषि भूमि नया एयरपोर्ट बनाने के लिए दे दी।
पहले राज्य सरकार ने दो एकड़ भूमि वर्ष 2008 में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को दी, जिसमें कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ। अब वह भूमि जंगल में तब्दील हो गई है। इसके बाद सरकार ने करीब पांच सौ एकड़ भूमि दी, उसमें भी एयरपोर्ट अथॉरिटी आफ इंडिया ने कोई निर्माण कार्य नहीं किया। इसके बाद सरकार ने वर्ष 2020 में 1072 एकड़ भूमि पंतनगर के हल्दिया में दे दी, लेकिन उसमें भी कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ। जनहित याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने अभी तक पंतनगर विवि की करीब 2000 एकड़ भूमि एयरपोर्ट अथॉरिटी को विभिन्न जगहों पर दे दी है, लेकिन अभी तक नया एयरपोर्ट निर्माण का कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। जबकि पंतनगर विश्वविद्यालय कृषि शोध संस्थान भी है। बार-बार भूमि दिए जाने पर विवि अपना अस्तित्व खो रहा है। जनहित याचिका में प्रार्थना की गई है कि एक ही जगह पर भूमि दी जाए, ताकि विश्वविद्यालय प्रभावित न हो।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।