Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़नैनीतालHC asked detailed answer in case of marriage of gupta brothers in auli

औली में गुप्ता बंधुओं की शादी के मामले में हाईकोर्ट ने विस्तृत जवाब मांगा

हाईकोर्ट ने औली में एनआरआई गुप्ता ब्रदर्स के बेटों की शाही शादी के मामले में दायर जनहित याचिका बुधवार को सुनवाई...

हिन्दुस्तान टीम नैनीतालWed, 17 July 2019 05:24 PM
share Share

हाईकोर्ट ने औली में एनआरआई गुप्ता ब्रदर्स (अजय गुप्ता और अतुल गुप्ता) के बेटों की शाही शादी के मामले में दायर जनहित याचिका में बुधवार को सुनवाई की। अदालत ने प्रदेश सरकार के साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और डीएम चमोली से मामले में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। यही नहीं याची की मांग पर एफआरआई, वॉडिया इंस्टीट्यूट, निम और जीएसआई को पक्षकार बनाने पर सहमति दे दी है।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की संयुक्त खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से अदालत में बुधवार को रिपोर्ट पेश की गई। बोर्ड के सदस्य सचिव भी कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट में पेश रिपोर्ट में कहा गया है कि औली में शादी से पहले और बाद तक करीब दो सौ मजदूर रहे थे। उनके लिए कोई शौचालय आदि की व्यवस्था नहीं थी। उनके स्तर से पैदा हुई गंदगी बारिश के चलते बह कर सीधे धौली गंगा में चली गई है। प्रदूषण नियंत्रण की रिपोर्ट में शादी में पॉलीथिन से बनी वस्तुओं के उपयोग की भी जानकारी दी गई है। क्षेत्र में जेसीबी मशीनों का उपयोग भी किया गया है। अदालत ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से यहां पैदा हुए 320 टन कूड़े के निस्तारण की भी जानकारी मांगी। कहा कि क्या यहां जैविक और अजैविक कूड़ा अलग-अलग निस्तारित किया गया। औली के इस आयोजन से धौली गंगा सहित उसके आसपास के जल स्रोतों पर असर की रिपोर्ट तलब की है। अदालत ने दोबारा जांच कर स्पष्ट करने को कहा है कि पर्यावरण को कितना नुकसान हुआ है और इसकी भरपाई की लागत क्या होगी। कोर्ट ने बकायदा इसका बिल जिला अधिकारी चमोली को देने के निर्देश दिए हैं। इधर याचिकर्ता ने कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र देकर एफआरआई, वाडिया इंस्टीट्यूट, निम व जीएसआई को पक्षकार बनाने की मांग की थी। इस पर कोर्ट ने सहमति व्यक्त की है। याची का कहना है कि इन संस्थाओं के माध्यम से यह पता लगाया जा सकेगा कि औली बुग्याल हैं या नहीं तथा शादी से पर्यावरण को हुए नुकसान की सही जानकारी भी सामने आ सकेगी।

काशीपुर निवासी रक्षित जोशी की ओर से इस मामले में जनहित याचिका दायर की गई थी। इसमें कहा गया कि औली में शादी समारोह में पर्यावरण नियमों का उल्लंघन होने का खतरा है। औली बुग्याल है। हाईकोर्ट ने पिछले आदेश में समुद्र तल से ढाई हजार मीटर से ऊपर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगा रखी है, जबकि औली 3 हजार मीटर ऊंचाई में है। अदालत को जेसीबी लगाकर भूमि समतल करने की भी जानकारी दी गई। विवाह स्थल में जनरेटर सहित अन्य हीटिंग उपकरणों से पर्यावरण के लिए खतरा हो सकता है। संयुक्त खंडपीठ ने पहले हुई सुनवाई में शादी पर रोक से इनकार कर दिया था। वहीं गुप्ता बंधुओं को तीन करोड़ रुपये डीएम चमोली के यहां जमा करने के निर्देश दिये थे।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें