जर्जर पुल से आवाजाही को मजबूर ग्रामीण
पौड़ी जनपद के रिखणीखाल व नैनीडांडा ब्लॉक के कई गावों के लोगों को शासन-प्रशासन की उदासिनता चलते जान जोखिम में डालकर पैनों पट्टी व बूंगी पट्टी के सीमांत क्षेत्र में मंदाल नदी पर धार-खदरासी के बीच...
पौड़ी जनपद के रिखणीखाल व नैनीडांडा ब्लॉक के कई गावों के लोगों को शासन-प्रशासन की उदासिनता चलते जान जोखिम में डालकर पैनों पट्टी व बूंगी पट्टी के सीमांत क्षेत्र में मंदाल नदी पर धार-खदरासी के बीच खस्ताहाल हो चुके पैदल झूला पुल से आवाजाही करनी पड़ रही है। यह पुल इतना जर्जर हो चुका है कि किसी भी समय टूटकर मंदाल नदी में समा सकता है। उक्त पुल का निर्माण सत्तर के दशक में रिखणीखाल विकासखंड के दियोड़, जवाड़ियूंरौल, कांडा नाला, तैड़िया, पांड, बसुसेरा आदि गांवों को लाभान्वित करने के लिए किया गया था, लेकिन वर्तमान में इस पुल की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है, ग्रामीण जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने आवाजाही के लिए जुगाड़ करके पुल के दोनों ओर लकड़ी के डंडे बांधे हैं, लेकिन बार-बार आवाजाही से वे भी ढीले पड़ गये हैं। ग्रामीण सरोज देवी, पुष्पा नेगी, बृजमोहन कुमार, सतीश, दिवाकर आदि का कहना है कि समीपवर्ती गांव के लोग दवा लेने के लिए पुल के रास्ते राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय खदरासी आते हैं, वहीं तेडिया, तूणी चौड़, कांडानाला आदि गांवों के बच्चे पुल के रास्ते जनता इंटर कॉलेज खदरासी में पढ़ने जाते हैं। यदि राहगीरों के पैर पुल पर जरा भी टेढ़े पड़े जाए तो किसी भी क्षण हादसा हो सकता है। वहीं बरसात में पुल में फिसलन होने से पुल पर से आवाजाही करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। कहा कि वे कई बार इस पुल की मरम्मत की गुहार लगा चुके है, लेकिन शासन-प्रशासन में से कोई ध्यान देने को राजी नहीं है।
इनका कहना है..
लैंसडौन विधायक दिलीप रावत का कहा है कि इस पुल की जिम्मेदारी जिला पंचायत की है, पुल को ठीक करवाने के लिए जिला पंचायत से निवेदन किया जायेगा।
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