बोले गढ़वाल : कोटद्वार के जानकीनगर मोहल्ले में पुरानी सीवर लाइन बनी मुसीबत
कोटद्वार के जानकीनगर मोहल्ले में पुरानी सीवर लाइन लोगों के लिए मुसीबत बन गई है। बार-बार चोक होने के कारण गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है जिससे लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। सीवर लाइन के...
नगर निगम क्षेत्र कोटद्वार के जानकीनगर मोहल्ले में पुरानी सीवर लाइन लोगों के लिये मुसीबत बन गई है। बार-बार कचरे और गंदगी से चोक होती सीवर लाइन के कारण कई जगह उससे हो रहा रिसाव सार्वजनिक स्थानों पर फैलकर लोगों की मुसीबतें बढ़ा रहा है। कई स्थानों पर ओवरफ्लो होकर रास्तों में बहते सीवर के कारण क्षेत्रवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं सीवर लाइन के क्षतिग्रस्त चैम्बर और उनके ढक्कनों के कारण लगातार हो रही दुर्घटनाओं में लोग चोटिल हो रहे हैं। इसके साथ सड़क की सतह से कहीं ऊपर तो कहीं धंसे होने की वजह से सीवरलाइन के चैम्बर आवाजाही के दौरान ठोकरों का कारण भी बन रहे हैं। कई बार शिकायत की लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। कोटद्वार से आशीष बलोधी की रिपोर्ट...
छह वर्ष पूर्व बने नगरनिगम कोटद्वार के क्षेत्र अंतर्गत लगभग 1800 की आबादी वाले जानकीनगर मोहल्ले में पुरानी और कम क्षमता की सीवरलाइन अब लोगों के लिए सुविधा की बजाय उनकी मुश्किलें बढ़ा रही है। कम आबादी के मद्देनजर वर्षों पूर्व बनाई गई और क्षेत्र से गुजरती सीवरलाइन अब लगभग दोगुनी से ज्यादा हो चुकी आबादी का बोझ वहन करने में असफल साबित हो रही है। यही कारण है कि बार-बार चोक हो रही सीवरलाइन और उससे होते सीवर के रिसाव के साथ क्षतिग्रस्त सीवरलाइन के चैम्बर्स के कारण लोगों को परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। इतना ही नहीं क्षेत्र में एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं होने के कारण भी आम जनता को दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। क्षेत्र में चरमराया ड्रेनेज सिस्टम भी जनता की कठिनाइयों की वजह बना हुआ है।
बरसात होते ही इसका सुबूत भी तब मिल जाता है जब सड़कें और गलियां तालाब बन जाती हैं। हालांकि सामान्यकाल में भी स्थितियां कमोबेश वहीं हैं, क्योंकि नालियों के चोक होने के कारण कई स्थानों पर उनका गंदा पानी रास्तों पर बहता हुआ दिखाई देता है, जिससे आवाजाही के दौरान लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। कूड़ा निस्तारण व्यवस्था का भी इलाके में हाल बुरा है। पर्याप्त संख्या में कूड़ेदानों की कमी और कागजों पर चलती डोर टू डोर कूड़ा उठान योजना तो इसका कारण है ही लेकिन नियमित सफाई नहीं होना भी इसकी एक वजह है। स्ट्रीटलाइट की बेहद कमी के कारण क्षेत्रवासियों को शाम ढलते ही अंधेरे क्षेत्रों में आवागमन में मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं। आबादीक्षेत्र के ऊपर से गुजरती बिजली की हाईटेंशन लाइनें भी लोगों की जान पर खतरा बनी हुई हैं। कई बार की घटनाओं के घटित होने और शिकायतों के बावजूद भी इस ओर विद्युत विभाग उन्हें हटाने को लेकर कोई कार्यवाही करने को तय्यार नहीं है। मोहल्ले में गंदे पेयजल की आपूर्ति और लावारिस पशुओं के साथ कटखने बंदरों के आतंक ने भी आम जन जीवन को प्रभावित किया हुआ है।
ड्रेनेज सिस्टम खराब होने से लोग परेशान
जानकीनगर में ड्रेनेज सिस्टम के भी बुरेहाल हैं। स्थिति ये है कि बरसाती पानी की निकासी की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण बरसात में स्थितियां तब बद से बदतर हो जाती हैं जब चोक नालियों से निकलकर गंदा पानी कचरे के साथ रास्तों पर बहने लगता है। कई स्थानों पर तो जलभराव होने के बाद हालात बेहद खराब हो जाते हैं। सामान्य दिनों में भी नालियों की नियमित तौर पर सफाई नहीं होने के कारण वो गदंगी से बजबजाती रहती हैं जिनसे उठती दुर्गंध के बीच लोगों के लिये उनके पास से गुजरना भी आसान नहीं होता। पर्याप्त संख्या में कूड़ेदान नहीं होने के कारण कचरा और गदंगी सार्वजनिक स्थानों पर बिखरी हुई दिखाई देती है जिनकी सफाई के प्रति भी नगरनिगम प्रशासन नजरअंदाजी का रूख लिये हुए है। हालांकि नगरनिगम की कागजों पर दौड़ती घर-घर कूड़ा उठान योजना तो है जिसकी ऐवज में वो प्रति घर से 30 रूपये भी वसूलती है, लेकिन धरातल पर उसके नहीं उतर पाने के कारण, एक अच्छी योजना भी कागजों पर ही दम तोड़ती नजर आ रही है। कूड़ा वाहन भी मुख्य मार्गों से ही कूड़ा उठाता है।
सुझाव
1. इलाके में क्षतिग्रस्त सीवरलाइन के चैम्बरों को ठीक किया जाय और सीवरलाइन के लीकेज को रोका जाय।
2. चोक नालियों को खोलकर गंदे पानी की निकासी की जाय। जलभराव की समस्या का भी हो समाधान।
3. आवासीय भवनों के ऊपर से गुजरती बिजली की हाइटेंशन लाइनों को हटाया जाय।
4. शौचालय के साथ पर्याप्त कूड़ेदानों की व्यवस्था हो। क्षेत्र में नियमित सफाईकर्मी के भी इंतजाम हों।
5. क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में स्ट्रीटलाइट्स लगाई जाएं और लावारिस पशुओं की व्यवस्था हो। शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हो।
शिकायतें
1. क्षेत्र में सीवरलाइन के क्षतिग्रस्त चैम्बर दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं और लीक होती सीवरलाइन से भी परेशानियां।
2. चोक नालियों की वजह से गंदा पानी सड़कों पर बहकर उन्हें खराब कर रहा है। जलभराव से भी दिक्कतें।
3. घरों के ऊपर व किनारों से बेहद नजदीकी से गुजर रही बिजली की हाईटेंशन लाइनों से बना है खतरा।
4. न तो शौचालय हैं और न पर्याप्त कूड़ेदानों के साथ नियमित तौर पर सफाईकर्मी की ही कोई व्यवस्था है।
5. स्ट्रीटलाइट का अभाव, लावारिस पशुओं की समस्या और अशुद्ध पेयजल आपूर्ति भी परेशानी बना हुआ है।
हाईटेंशन लाइनों ने बढ़ाई लोगों की टेंशन
जानकीनगर मोहल्ला क्षेत्र में विद्युत विभाग भी स्थानीय निवासियों के लिए परेशानियों का सबब बना हुआ है। दरअसल आवासीय भवनों के ऊपर और बगल से नजदीकी दूरी पर गुजर रही बिजली की हाईटेंशन लाइनों ने भी जनता को टेंशन दी हुई है। कई बार के हादसों और प्रभावित जनता के उन्हें हटाने की मांग और शिकायतों के बावजूद भी विद्युत विभाग उन्हें हटाने को तैयार नहीं है। बरसात में तो लोगों की दिक्कतें कई गुना बढ़ जाती हैं जब वो न तो अपनी छतों पर जा सकते हैं और न उनके नीचे से गुजर सकते हैं। कहीं आवासीय भवनों के बीच तो कहीं ऊपर और किनारे से होकर गुजरती इन हाईटेशन बिजली की लाइनों की चपेट में आने से कई बार तो लोग बाल-बाल बच सके हैं। क्षेत्र में घटी कई घटनाओं में तो घरों में मौजूद घरेलू बिजली के उपकरण भी खराब हो चुके हैं। प्रभावित क्षेत्रवासियों का कहना है कि हाईटेंशन लाइनें उनके जीवन के लिए मुसीबत बन गई हैं।
सार्वजनिक शौचालय नहीं होने से लोग परेशान
जनसुविधा के प्रति नगरनिगम प्रशासन किस तरह समर्पित और चिंतित है उसका पता इलाके में 1 भी सार्वजनिक शौचालय के नहीं होने से चलता है। रोज लोगों को इस कारण दिक्कतें तो उठानी पड़ती हैं लेकिन विशेषतौर पर महिलाओं को सर्वाधिक मुश्किलें होती हैं। पहले नगरपालिका और फिर नगरनिगम बनने के 6 वर्षों बाद भी इस मामले पर निगम प्रशासन लापरवाह बना हुआ है। इसके साथ आबादीक्षेत्र में सालों पूर्व बिछाई गई सीवरलाइन भी क्षेत्रवासियों के लिए आफत बनी हुई हैं। दरअसल कम आबादी के लिए बिछाई गई सीवरलाइन अब बढ़ी हुई आबादी के लिये नाकाफी साबित हो रही है जिस वजह से सीवरलाइनों पर बढ़े हुए दबाव की वजह से वो जगह-जगह चोक हो रही हैं। इस कारण कई स्थानों पर सीवरलाइन ओवरफ्लो होने से उनसे रिसता सीवर रास्तों पर बह रहा है जिस वजह से सड़कों के किनारे रह रहे लोगों का दुर्गंध से जीना मुश्किल हो जाता है।
जरूरत के हिसाब से नहीं लगाई हैं स्ट्रीटलाइट
आबादीक्षेत्र में नगरनिगम की जनता को सुविधा देने के प्रति लापरवाही सार्वजनिक स्थानों पर पर्याप्त संख्या में स्ट्रीटलाइट के नहीं होने से भी दिखती है। कई स्थानों पर जहां बेहद उनकी जरूरत है वहां स्ट्रीटलाइट हैं ही नहीं और जहां लगी भी हैं तो उनमें भी कई दिनों तक खराब हो चुकी स्ट्रीटलाइट को बदला ही नहीं जा रहा है। इस कारण लोगों को अंधेरा होते ही आवाजाही के दौरान मुश्किलें उठानी पड़ती हैं। क्षेत्र में जर्जर हो चुकी पेयजल पाइपलाइनों से लगातार हो रहे लीकेज को ठीक करने के प्रति लापरवाह जल संस्थान के कारण लोगों को पर्याप्त मात्रा में पेयजल की आपूर्ति ही नहीं हो पा रही है। स्थितियां तब ज्यादा खराब हो जाती हैं जब लीकेज वाले स्थानों से गदंगी पेयजल लाइनों से होते हुए घरों में पहुंचने लगती है जिससे हर वक्त जलजनित बीमारियों की आशंकाएं बढ़ जाती हैं। बरसात में तो स्थिति और खराब हो जाती है जब सीवर के साथ गंदा पानी भी रास्तों से गुजर रही पेयजल लाइनों के साथ पहुंचने लगता है। इससे भी क्षेत्रवासियों की दिक्कतें बढ़ा रही हैं।
बोले जिम्मेदार
समस्याओं के समाधान के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। स्ट्रीट लाइट खराब होने की शिकायत मिलने पर तत्काल ठीक कराने के लिए कर्मचारी भेजे जाते हैं। इसके अलावा अन्य समस्याओं के स्थाई समाधान पर भी कार्य चल रहा है। जनता अपनी जो भी निगमस्तरीय समस्याएं हैं उन्हें आकर बता सकते हैं।-वैभव गुप्ता, नगर आयुक्त, नगर निगम, कोटद्वार।
जनता को होने वाली परेशानी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जायेगी। निगम के प्रत्येक कर्मचारी को जिम्मेदारी के साथ ड्यूटी करने को कहा गया है। मैं स्वयं भी प्रत्येक इलाके का निरीक्षण कर रहा हूं। नये बोर्ड के बनने के साथ ही हमने पूरे निगमक्षेत्र में मौजूद समस्याओं के समाधान की दिशा में प्रयास शुरू किये हैं। शैलेंद्र रावत, मेयर, नगर निगम, कोटद्वार।
लोगों की समस्या उनकी जुबानी
मोहल्ले में सफाई व्यवस्था, बंदर, लावारिस पशु तथा हाईटेंशन लाइन लोगों के लिए सिरदर्द बनी हुई है। इसका निदान प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिये। सब लोग परेशान हैं।-सुभाष बंसल
जानकीनगर में अधिकांश समय सीवर लाइन के चैम्बर टूटे रहते हैं। इसके अलावा सांड तथा आवारा कुत्ते स्कूल आने-जाने वाले बच्चों को चोटिल कर रहे हैं। बोलने पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।-सरदार महेन्द्र
लावारिस पशुओं के साथ कटखने बंदरों के आतंक से परेशान हैं। इस कारण जनमानस बुरी तरह प्रभावित हैं। रोजाना कोई न कोई चोटिल हो रहा है। इसका कोई हल निकालना चाहिए।-अनुभव अग्रवाल
मोहल्ले में नियमित सफाई नहीं हो रही है। लावारिस पशु और बंदर लोगों को परेशान कर रहे हैं। ऐसे हालात में यहां रहना मुश्किल हो गया है। नगर निगम को समाधान करना चाहिए।-राजेन्द्र डिमरी
जानकीनगर मोहल्ले में सीवर लाइन की सबसे बड़ी समस्या है। लाइन अक्सर चोक हो जाती है, जिस कारण लोगों को काफी दिक्कतें आती हैं। इसका समाधान किया जाना बेहद जरूरी है।-हाशिम अली
आबादी बढ़ने के बाद अब सीवर लाइन की क्षमता भी बढ़ाई जानी चाहिये। इसके अलावा जलभराव से छुटकारा दिलाने का भी स्थायी समाधान निकाला जाना चाहिए। -बालकृष्ण अग्रवाल
जानकीनगर में लम्बे समय से बंदरों एवं लावारिस पशुओं का आतंक बना हुआ है। बंदर घर में घुसकर हमलावर हो जाते हैं। छोटे बच्चे और महिलाएं इनसे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।-मंजू अग्रवाल
आवासीय भवनों के ऊपर और नजदीक से हाई टेंशन लाइन जा रही हैं। इनकी चपेट में आकर कई हादसे हो चुके हैं। कई बार शिफ्ट करने की मांग कर चुके हैं लेकिन कोई नहीं सुन रहा है।-महेन्द्र अग्रवाल
जानकीनगर क्षेत्र में सफाईकर्मी कई-कई दिन तक नहीं आते हैं। लावारिस पुशु इधर-उधर से गंदगी उठा कर ले आते हैं जिससे पूरे क्षेत्र में दुर्गन्ध का माहौल बना रहता है।-सोहनलाल जखमोला
जानकीनगर में सफाई व्यवस्था ठीक नहीं है। लगातार साफ-सफाई और कीटनाशक का छिड़काव न होने से बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है। निगम को इसे ठीक करना चाहिये।-रुपाली गोयल
जानकीनगर से होकर जाने वाली सड़क पर आवागमन अत्याधिक है। छोटे बच्चे बड़ी संख्या में स्कूल जाते हैं। गंदगी के कारण उन्हें दिक्कतें उठानी पड़ती हैं। नियमित सफाई हो।-हरीश नारंग
हाईटेंशन लाइन यहां की एक बहुत बड़ी समस्या है। कई लोग इनकी चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं। घर के अंदर बिजली के उपकरण आये दिन खराब होते रहते हैं।-रामप्रसाद जिंदल
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