पर्यावरण संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत
डिग्री कॉलेज कोटद्वार में पर्यावरण संरक्षण पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। प्राचार्य प्रोफेसर डीएस नेगी ने जैव विविधता की सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर चर्चा की। डॉ. नीता भट्ट ने जल, मृदा,...
डिग्री कॉलेज कोटद्वार में पर्यावरण प्रकोष्ठ द्वारा पर्यावरण संरक्षण-आवश्यकता एवं उपाय विषय पर स्नातक एवं स्नातकोत्तर के छात्र छात्राओं हेतु व्याख्यान का आयोजन किया गया। शुभारम्भ करते हुए प्राचार्य प्रोफेसर डीएस नेगी ने कहा कि जैव विविधता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्यावरण संरक्षण का बहुत महत्त्व है। प्रकृति का संरक्षण करना मतलब उसका पूजन करने के समान होता है। बताया कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम संसद में 23 मई 1986 को पारित किया गया और 19 नवंबर 1986 को लागू किया गया था। पर्यावरण प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. राखी डिमरी ने कहा की आज बढ़ती आबादी, औद्योगीकीकरण, प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध इस्तेमाल से समूचे विश्व का तापमान बढ़ रहा है और ग्लैशियर पिघल कर समुद्र में पानी के स्तर को बढ़ा रहे है। पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, ग्रीन हाउस इफ़ेक्ट, ग्लोबल वार्मिंग, ब्लैक होल इफ़ेक्ट आदि को कम करने या कंट्रोल करने के लिए पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता है। डॉ. नीता भट्ट द्वारा जल संरक्षण, मृदा संरक्षण, वन संरक्षण, वन्य जीव सरक्षण एवं जैव विविधता संरक्षण के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में डॉ. सुमन राणा, डॉ. श्वेता कुकरेती, डॉ. रौशनी असवाल, डॉ. मीनाक्षी वर्मा, डॉ. सरिता चौहान एवं डॉ. स्मिता तिवारी उपस्थित रहे।
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