होमस्टे को स्वरोजगार के रूप में अपनाएं छात्र
डिग्री कॉलेज जयहरीखाल में देव भूमि उद्यमिता कार्यक्रम के तहत हिमांशु बड़थ्वाल ने छात्रों को होमस्टे को स्वरोजगार के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया। राज्य सरकार द्वारा उद्यमिता के लिए वित्तीय...

डिग्री कॉलेज जयहरीखाल में आयोजित देव भूमि उद्यमिता कार्यक्रम में उद्यमिता विशेषज्ञ हिमांशु बड़थ्वाल ने छात्रों को होमस्टे को स्वरोजगार के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया। बताया कि राज्य सरकार उद्यमिता शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता और सब्सिडी दे रही है। उन्होंने होमस्टे के कमरों को सजाने के लिए एपण आर्ट के महत्व पर जोर देते हुए सुझाव दिया कि होमस्टे को गूगल मैप पर रजिस्ट्रर करना चाहिए, ताकि इसे वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित किया जा सके। उन्होंने कहा कि होमस्टे मालिक के घर से जुड़ा होना चाहिए। कमरा अच्छा और पारंपरिक रूप से सजाया गया हो और होमस्टे में अधिकतम 6 कमरे होने चाहिए। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. एलआर राजवंशी ने कहा कि यह कार्यक्रम छात्रों को उद्यमिता के क्षेत्र में नए अवसरों और संभावनाओं से अवगत कराने के लिए आयोजित किया गया है। हमारा उद्देश्य छात्रों को स्वरोजगार के प्रति प्रेरित करना और उन्हें उत्तराखंड की संस्कृति और पर्यटन क्षेत्र में योगदान देने के लिए तैयार करना है। इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक रश्मि, डॉ. डीएस चौहान, वरुण कुमार, डॉ. दुर्गा रजक, डॉ. प्रीति रावत, वीके सैनी, डॉ. शुऐब अजीम अंसारी, डॉ. शहजाद, विमल रावत, रूप सिंह आदि मौजूद रहे।
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