राज्य खेल फुटबॉल को उच्च वरीयता में रखने की मांग
अंतरराष्ट्रीय एस0जी0एफ0आई0 फुटबाल कोच व राइंका कुंभीचौड़ के शारीरिक शिक्षक सुनील रावत ने प्रदेश सरकार से राज्य खेल फुटबॉल को उच्च वरीयता में रखने की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री को...
अंतरराष्ट्रीय एसजीएफआई फुटबाल कोच व राइंका कुंभीचौड़ के शारीरिक शिक्षक सुनील रावत ने प्रदेश सरकार से राज्य खेल फुटबॉल को उच्च वरीयता में रखने की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा। ज्ञापन में कहा गया है कि फुटबॉल का खेल देश के अन्य राज्यों की तरह उत्तराखण्ड में भी बहुत प्रसिद्ध है और लगभग सभी 13 जिलों में खेला जाता है। 2011 में तत्कालीन भाजपा के शासनकाल में फुटबॉल खेल को राज्य खेल का दर्जा दिया गया है। इसके अलावा उत्तराखण्ड ने कई बेहतरीन खिलाड़ी देश को दिये हैं साथ ही राज्य की विद्यालयी टीमों ने कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं जीतकर अपने राज्य का नाम गौरवान्वित किया है। किन्तु अब 2020 में जो खेल नीति प्रदेश सरकार द्वारा संशोधित की जा रही है उसमें फुटबॉल खेल को द्वितीय वरीयता क्रम में रखा गया है। जिससे खेल प्रेमियों और खिलाड़ियों में काफी निराशा एवं असन्तोष पनप रहा है। उन्होंने शासन से राज्य में फुटबॉल खेल की उपलब्धियों के देखते हुए उच्च वरीयता में ही रखने की मांग की है।
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