हमें अपनी संस्कृति को नहीं भूलना चाहिए: आनंद
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विशेष आवासीय विद्यालय अलीपुर में शिक्षा विभाग एवं शास्त्रीय कला संवर्द्धन और संरक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजन में सामाजिक संस्था स्पिक मैके की कलाकार शताब्दी मलिक ने छात्रों को नृत्य की बारीकियों को सिखाने को लेकर विस्तार से बताया गया। उन्होंने कहा कि नवरस, श्रंगार, भक्ति, हास्य, वीभत्स, रौद्र, शांत, वीर, भयानक आदि खेलों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में लेक्चर एवं डेमोंसट्रेशन विधि का प्रयोग किया गया। उन्होंने कहा कि शास्त्रीय नृत्य की आठ प्रमुख शैली हैं। जिनमें कत्थक, कुचीचूड़ी, मणिपुरी, भरतनाट्यम एवं उड़ीसी प्रमुख नृत्य स्वपरिभाषित होता है। मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ. आनंद भारद्वाज ने बताया कि हमें अपनी संस्कृति को नहीं भूलना चाहिए तथा इसके संरक्षण के लिए विशेष प्रयास किया जाना नितांत जरूरी है। ताकि आने वाली नई पीढ़ी हमारी परंपरा विरासत ओर संस्कृति को जान सकें। बल्कि उन्हें अपनाने का प्रयास भी करें। इस दौरान डॉ. संतोष कुमार चमोला, वार्डन बिजेंद्र कुमार, सुबोध सैनी, दिनेश भास्कर, संदीप कुमार आदि शामिल रहे।
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