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बोले हरिद्वार : भीमगौड़ा में 50 लाख खर्च कर बनाई टंकी किसी काम की नहीं

जवाहरलाल नेहरू शहरी नवीनीकरण मिशन के तहत 2012 में बनाई गई पानी की टंकी अब बेकार हो गई है। इसकी मरम्मत की मांग के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। स्थानीय लोग शिकायत कर रहे हैं कि...

Newswrap हिन्दुस्तान, हरिद्वारTue, 18 Feb 2025 05:45 PM
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बोले हरिद्वार : भीमगौड़ा में 50 लाख खर्च कर बनाई टंकी किसी काम की नहीं

जवाहरलाल नेहरू शहरी नवीनीकरण मिशन योजना के तहत वर्ष 2012 में करीब 50 लाख रुपये की लागत से बनी पानी की टंकी शुरू होने से पहले ही टपकने लगी है। लोगों को इसकी जानकारी तब हुई जब वर्ष 2020 में टंकी की टेस्टिंग कराई गई। इससे उपभोक्ताओं को पानी नहीं मिलता। स्थानीय लोगों ने जांच की मांग डीएम से की थी। लेकिन न तो टंकी की मरम्मत हुई और न ही मामले में जांच की गई। हरिद्वार से प्रवीण कुमार पेगवाल की रिपोर्ट... जवाहरलाल नेहरू शहरी नवीनीकरण मिशन योजना के तहत वर्ष 2012 में 50 लाख रुपये खर्च कर भीमगौड़ा में पानी की टंकी का निर्माण किया गया। पांच साल तक पाइप लाइन नहीं डाली गई। स्थानीय लोगों की कड़ी मशक्कत के बाद वर्ष 2015 में केंद्र सरकार की अमृत योजना में भीमगौड़ा कुंड से रामगढ़ तक पाइप लाइनों को डालने का प्रस्ताव दिया गया। वर्ष 2017 में निर्माण का कार्य स्वीकृत हुआ। वर्ष 2018 जनवरी में जल निगम के अमृत योजना में भीमगौड़ा में योजना के तहत टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई। स्थानीय लोगों ने आंदोलन और आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी दी तो 15 अक्तूबर 2020 को भीमगौड़ा कुंड से रामगढ़ तक की प्रत्येक गली मोहल्लों में नई पाइप-लाइन बिछाई गई। लोगों को पानी के कनेक्शन भी दिए गए लेकिन उपयोग में नहीं लाया जा सका है। स्थानीय लोगों का कहना है कि टंकी का उपयोग बूस्टर पंप की मोटर को इसके नीचे स्थापित करके हिल बाईपास रोड एवं प्रेम चंद तिवारी स्कूल के आसपास के क्षेत्रों को पानी की सप्लाई देकर समस्या का निदान किया जा सकता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि पंपिंग स्टेशन पर जल संस्थान की तरफ से एक कर्मचारी की नियुक्ति की गई है। जो सुबह 4 बजे से 11:45 तक भीमगौड़ा गुसाईं गली में पानी की सप्लाई छोड़ता है। जबकि 11:45 से तीन बजे तक दयानंद टैंक तक पानी की आपूर्ति करता है। फिर चार बजे से साढ़े सात बजे तक गुसाईं गली फिर एक घंटे के लिए छयानंद टैंक को सप्लाई होती है। ट्यूबवैल ऑटोमेटिक मोड पर चलाया है। लोगों ने कहा कि गर्मी में पानी की खपत और बढ़ जाएगी। विभाग को इस टैंक को संचालित करना चाहिए।

सुझाव

1. पानी की टंकी को सुचारु करने के लिए बूस्टर पंप की मोटर को इसके नीचे स्थापित किया जाए।

2. 50 नंबर पंप के जर्जर होते पंप हाउस का पुन: निर्माण किया जाए।

3. पानी की टंकी बूस्टर पाइप लाइन से जुड़ती है। तो ऊपरी इलाकों को पर्याप्त पानी मिलेगा।

4. गुसाईं गली, खेमानंद मार्ग, बटुकेश्वर मार्ग को भी पंप खराब होने पर इसका लाभ मिलेगा।

5. हिल बाईपास की पानी की टंकी के आगे सुरक्षा दीवार बनाई जाए।

शिकायतें

1. अधिकारी लोगों की समस्याओं को तवज्जो नहीं देते हैं।

2. वर्ष 2012 से 2020 तक लोगों ने आंदोलन कर पानी की टंकी को बनवाया था। आज स्थिति बेहद खराब हो गई है।

3. पाइप-लाइन तो डायरेक्ट मोटर से चालू हो गई। लेकिन टंकी अधिकारी चलाने को तैयार नहीं।

4. यह सरकारी पैसों का दुरुपयोग है।

5. स्थानीय लोग जल संस्थान में शिकायत लेकर पहुंचे। लेकिन अधिकारी मौके पर आने की जहमत तक नहीं उठा पाते हैं।

बोले जिम्मेदार

उत्तराखंड जल संस्थान के अधिशासी अभियंता विपिन चौहान का कहना है कि पानी की टंकी का प्रकरण संज्ञान में है। कई बार टंकी में पानी स्टोर कर ऊपरी इलाकों में पानी की सप्लाई करके देखी गई। लेकिन पानी की सप्लाई नहीं हो पाई। जिस कारण पानी के टैंक का सदुपयोग सही नहीं हो रहा है। अब दोबारा इस टंकी को चेक कराया जाएगा। जरूरत पड़ी तो इसको सुचारू भी कराया जाएगा।

पुराने पंपिंग स्टेशन समेत तीन ट्यूबवेल से मिलता है पानी

भीमगौड़ा में 10 हजार से ज्यादा आबादी को पीने के पानी की पर्याप्त सप्लाई देने के लिए बनी साढ़े छह लाख लीटर क्षमता वाली टंकी 13 साल से बेकार खड़ी है। टंकी में लीकेज तक होने लगी है। इतने साल में दो बार सफाई करने का बोर्ड लगा दिया गया। हालांकि, पुराने पंपिंग स्टेशन से टंकी की टेस्टिंग तक कराई जा चुकी है। लोगों को पुराने पंपिंग स्टेशन समेत तीन ट्यूबवेल से पानी की आपूर्ति की जा रही है। इन तीनों में से एक भी खराब होने पर ऊंचाई वाले इलाकों में सप्लाई बंद हो जाती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वर्ष 2012 में पानी की समस्या से निपटने के लिए जवाहरलाल नेहरू शहरी नवीनीकरण मिशन योजना के तहत पानी की टंकी का निर्माण कराया गया था। पानी की सप्लाई आटोमेटिक पंपिंग स्टेशन से निचली आधी आबादी को आठ और ऊपरी आधी आबादी को करीब तीन घंटे डायरेक्ट पानी की सप्लाई की जाती है। कभी-कभी दो अन्य ट्यूबवेल के खराब होने से पूरी आबादी में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था ठप हो जाती है। जल संस्थान के पंपिंग स्टेशन पर करीब पांच हजार पानी के कनेक्शन हैं। ग्रामीणों ने पेयजल आपूर्ति व्यवस्था सुचारू कराने की गुहार लगाई है।

जंगली जानवरों से मिले निजात, बनाई जाए दीवार

पानी की टंकी से हिल बाईपास की टंकी पर पानी की सप्लाई की जाती है। वहां पर सुरक्षा दीवार नहीं है। इस सुरक्षा दीवार के ना होने से जंगली जानवर और जहरीले सांप आदि पानी की टंकी में चले जाते हैं। जब कर्मचारी पानी खोलने जाते हैं तो उनकी जान को खतरा रहता है। इस पर सुरक्षा दीवार बनानी बेहद जरूरी है। इसकी मांग काफी समय से होती आ रही है। लेकिन संबंधित विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहा है।

मोटर खराब होने पर सप्लाई हो जाती है ठप

स्थानीय लोगों को कहना है कि भीमगौड़ा और उसके आसपास में करीब 15 हजार की आबादी निवास करती हैं। इस आबादी में पानी की पूर्ति तीन दिशाओं से की जाती है। तीनों दिशाओं से आने वाले एक भी मोटर खराब हो जाएं तो पानी की आपूर्ति इलाकों में जाने से रुक जाती है। लोगों का कहना है कि पानी की टंकी सुचारू होगी तो यहां पानी स्टोर हो जाएगा। प्रेशर के साथ लोगों के घरों तक पहुंच सकेगा। स्थानीय लोगों ने बताया कि मुख्य सप्लाई 50 नंबर ट्यूबवेल से होती है। दो नंबर आइवेल चमगादड़ टापू से की जाती है। तीसरा पंप कृष्णा गली खड़खड़ी का पानी भी यहां तक सप्लाई होता है।

जनता बोली, कब सुधरेगी हालत

हमारी जल संस्थान से सिर्फ एक ही मांग है कि वह पानी के टैंक को जल्दी-जल्दी सुचारू बनाएं। क्योंकि आगामी समय में गर्मी आने वाली है। पानी की जरूरत पहले की अपेक्षा डबल हो जाएगी। -लखन लाल सिंह चौहान

2012 में बनी टंकी का 13 साल बाद भी प्रयोग में नहीं लाना सरकारी पैसे का दुरुपयोग साफ दिख रहा है। उच्च अधिकारियों को इसमें संज्ञान लेना चाहिए। ताकि जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई हो सकें। -अनुज गिरि

सरकारी पैसे का दुरुपयोग करना गलत है। जिस काम के लिए पानी की टंकी बनाई है। उसको उसी में प्रयोग किया जाना चाहिए। अधिकारी को इस पर काम करना होगा। -विकास गुप्ता

तीन दिशाओं से पानी की सप्लाई लोगों तक न पहुंचे तो पानी का संकट खड़ा हो जाए अधिकारी को इस समय पानी के टैंक को चलना चाहिए। पानी की टंकी चलेगी तो पानी स्टोर होगा। -महेंद्र सैनी

जल संस्थान अगर इसका निर्माण नहीं करता तो कमरा पानी के मोटर पर गिरता है तो पानी की सप्लाई कभी भी बंद हो सकती है। -ऋतिक

कई बार उत्तराखंड जल संस्थान के कर्मचारियों के साथ पानी की टंकी सुचारू रूप से चलाने के लिए कहासुनी हो चुकी है। लेकिन अधिकारी काम करने को तैयार नहीं है। उन्हें पानी की टंकी को गर्मी शुरू होने से पहले चलानी चाहिए। क्योंकि गर्मी में अतिरिक्त पानी की जरूरत पड़ती है। -सुंदर

स्थानीय लोगों ने कई बार इस समस्या को जल संस्थान के अधिकारियों के सामने रखा। लेकिन अधिकारी ने इस समस्या पर कोई सटीक जवाब तक नहीं दिया है। लोग कहां जाएं। -श्रवण

पुराने पानी के ट्यूबवेल से डायरेक्ट पानी की सप्लाई की जा रही है अगर पानी का टैंक सुचारू किया जाता है। तो लोगों को काफी हद तक समस्या का समाधान हो सकता है। -अभिषेक

उत्तराखंड जल संस्थान की सुस्ती के कारण पानी के टंकी को 13 साल बाद भी सुचारू नहीं कर पाए हैं। जबकि स्थानीय लोग लगातार इसकी मांग करते आ रहे हैं। -मुकेश अग्रवाल

शहरी इलाकों में सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाएं चल रही है। जल संस्थान सरकार इन योजनाओं में भी प्रस्ताव देकर पानी का टैंक चला सकता है। कोई बड़ी धनराशि खर्च नहीं हो रही है। - राजू ठाकुर

लोगों की समस्या पीने के पानी की है। मूलभूत सुविधाओं में शामिल इस समस्या को देखते हुए अधिकारी गंभीरता से निर्णय लेकर पानी की टंकी को सुचारू करें। -प्रशांत शर्मा

अधिकारी स्वंम बोल चुके है कि पानी की टंकी को सुचारू रूप से चलाने के लिए केवल एक मोटर लगानी है। इसमें इतना बड़ा खर्च भी नहीं आ रहा है। तो पानी की टंकी क्यों नहीं चलाई जा रही है। -मयंक भट्ट

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