बोले हरिद्वार : लघु व्यापारियों को नहीं मिल रहा फेरी नियमावली का लाभ
हरिद्वार में स्ट्रीट वेंडर्स को केंद्र सरकार की फेरी नीति का लाभ नहीं मिल रहा है। 15 वेंडिंग जोन बनाने का वादा किया गया था, लेकिन केवल 3 ही स्थापित हुए हैं। 102 विक्रेताओं को ही दुकानें मिली हैं, जबकि...
धर्मनगरी में सड़क पर सामान बेचने वाले स्ट्रीट वेंडर्स को केंद्र सरकार की फेरी नीति के तहत कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। हरिद्वार में इनके लिए 15 वेंडिंग जोन बनने थे लेकिन अब तक केवल तीन वेंडिंग जोन ही स्थापित हो पाए हैं। इनमें भी केवल 102 लोगों को ही दुकानें आवंटित की गई हैं। स्ट्रीट वेंडर्स का आरोप है कि नगर निगम प्रशासन उनकी सुध नहीं ले रहा है। यही कारण है कि सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। हरिद्वार से प्रवीण कुमार पेगवाल की रिपोर्ट... हरिद्वार में गंगा घाटों और मठ मंदिरों के आसपास, बाजारों में, सड़कों पर लघु व्यापार करने वाले स्ट्रीट वेंडर्स की संख्या करीब 10 हजार है। हरिद्वार नगर निगम में 2,555 पंजीकृत फुटपाथ स्ट्रीट वेंडर्स हैं। इनको केंद्र सरकार के 2014 स्ट्रीट वेंडर एक्ट के तहत वेंडिंग जोन बनाकर दुकानें आवंटित करनी थी। वर्ष 2016 में उत्तराखंड में नियमावली बनी। टाऊन वेंडिंग कमेटी की बैठक में 15 वेंडिंग जोन बनाने का प्रस्ताव पास किया गया और जिलाधिकारी ने अधिसूचना जारी की। नगर निगम ने वर्ष 2021 में तीन वेंडिंग जोन बनाए।
ललतारौ पुल के पास पहला वेंडिंग जोन बनाकर 50 पंजीकृत विक्रेताओं को दुकानें आवंटित की गई। पुल जटवाड़ा के वेंडिंग जोन में 18 और सेक्टर-2 बैरियर के पास बने वेंडिंग जोन में 34 फुटपाथ विक्रेताओं को दुकानें आवंटित की गईं। रोड़ीबेलवाला में एक पिंक वेंडिंग जोन बनाया गया। यह जोन राज्य सरकार की योजना के तहत बनाया गया है। इसमें केवल महिलाओं को ही दुकानें आवंटित की गईं। स्ट्रीट वेंडर्स ने बताया कि एक साल से ज्यादा समय हो गया है। टाऊन वेंडिंग कमेटी की बैठक नहीं बुलाई गई है। जो वेंडिंग जोन स्थापित किए गए उनमें भी लाभार्थियों को न तो लाइसेंस मिले और न ही वेंडिंग जोनों में पानी, शौचालय, पार्किंग आदि जैसी सुविधाएं दी गई हैं। वेंडिंग जोन न होने से मेला क्षेत्र में छोटे सामान बेचने वाले स्ट्रीट वेंडर्स को कभी अतिक्रमण के नाम पर उजाड़ दिया जाता है तो कभी पुलिस की कार्रवाई का शिकार होना पड़ता है। आरोप है कि सरकार योजनाएं बनाती हैं लेकिन स्थानीय स्तर पर अधिकारी उनका सही ढंग से क्रियान्वयन नहीं करते हैं।
सुझाव
1. पहले से ही पंजीकृत 2450 स्ट्रीट वेंडर्स को योजना का लाभ अविलंब दिया जाए।
2. जो 12 वेंडिंग जोन स्थापित नहीं किए गए है। उन्हें जल्द स्थापित करना चाहिए।
3. अतिक्रमण हटाओ अभियान के नाम पर छोटे व्यापारियों नहीं उजाड़ना चाहिए।
4. चलती फिरती रेहड़ी और ठेली लगाने वाले व्यापारियों को लाइसेंस मिले।
5. सरकार समीक्षा कर टाऊन वेंडिंग कमेटी की बैठा बुलाए।
शिकायतें
1. एक साल से ऊपर हो गया है अभी तक टाऊन वेंडिंग की कमेटी नहीं बुलाई गई।
2. छोटे व्यापारियों को भारत सरकार और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं दिया जा रहा है।
3. स्नान पर्व और बड़े आयोजनों के दौरान सड़क किनारे बैठे व्यापारियों का उत्पीड़न होता है।
4. नगर निगम प्रशासन शिकायत के बावजूद सुनवाई नहीं करता है।
5. सरकारें तो योजना बना देती है पर अधिकारियों की लापरवाही से उनका क्रियान्वयन नहीं हो रहा है।
नगद भुगतान के बाद भी नहीं मिली दुकान
हरिद्वार में सेक्टर 2 के पास स्थापित वेंडिंग जोन में 34 व्यापारियों को ही दुकानें आवंटित की गई हैं। अभी भी 26 व्यापारी दुकानें मिलने का इंतजार कर रहे हैं। तीन साल पहले इन सभी दुकानदारों ने संबंधित कंपनी को एक लाख 40 हजार प्रति दुकान के हिसाब से नकद भुगतान भी कर दिया था। लेकिन न तो अतिरिक्त दुकानें लगाई गई और न ही पैसा लौटाया गया।
अधिसूचना के बावजूद नहीं मिली जगह
हरिद्वार में हरकी पौड़ी, मनसा देवी और चंडी देवी मंदिर के आसपास काफी संख्या में छोटे व्यापारी फल, फूल, प्रसाद और खाने का समान बेचने का काम करते हैं। इन छोटे व्यापारियों को संगठित करने के लिए जिलाधिकारी ने पूर्व में 15 वेंडिंग जोन बनाने का नोटिफिकेशन जारी किया था। लेकिन अभी तक केवल तीन वेंडिंग जोन ही बनाए गए हैं।
तीन वेंडिंग जोनों में नहीं हैं सुविधाएं
हरिद्वार के ललतारौ पुल, सेक्टर 2 बैरियर और जटवाड़ा पुल के पास तीन वेंडिंग जोन स्थापित किए गए हैं। सभी वेंडिंग जोनों में 102 दुकानें आवंटित की हैं। बड़ी संख्या में यहां लोग खरीदारी करने आते हैं लेकिन यहां मूलभूत सुविधाओं की कमी है। यहां शौचालय, पीने के पानी, पार्किंग न होने की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार प्रशासन से लिखित शिकायत देकर मांग की है लेकिन सारे प्रयास बेअसर साबित हुए।
वेंडिंग जोन के व्यापारियों को भी नहीं मिले लाइसेंस
लघु व्यापारी कई बार लाइसेंस जारी करने की मांग को लेकर नगर निगम कार्यालय परिसर में धरने प्रदर्शन कर चुके हैं। लेकिन छोटे व्यापारियों को लाइसेंस नहीं दिए गए। जो व्यापारी वेंडिंग जोन में दुकानें चला रहे हैं, उन्हें भी लाइसेंस नहीं दिए गए। इसके अलावा जो व्यापारी ठेली रेहड़ी पर सामान बेचने का काम करते हैं, उन्हें भी लाइसेंस जारी नहीं किए जाते है। लाइसेंस न होने पर व्यापारियों को विभागीय कार्रवाई के दौरान चालान के रूप में जुर्माना भुगतना पड़ता है।
टाउन वेंडिंग कमेटी में शामिल कई अधिकारी
टाउन वेंडिंग कमेटी छोटे व्यापारियों की सुख सुविधाओं के लिए गठित की गई है। इस कमेटी में प्रशासन, नगर निगम, हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, ट्रैफिक, सिंचाई और लीड बैंक के अधिकारी शामिल होते हैं। इसके अलावा व्यापारी संगठनों से जुड़े प्रतिनिधियों को शामिल किया जाता है। विचार विमर्श के बाद प्रस्ताव पास किए जाते हैं और शहर के सौंदर्यीकरण के साथ विकास की योजनाओं में छोटे व्यापारियों को शामिल किया जाता है।
स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट 2014 और प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना जैसी तमाम योजनाएं होने के बावजूद लघु व्यापारी परेशान हैं। -संजय चोपड़ा, अध्यक्ष, लघु व्यापार एसोसिएशन
कई बार धरने प्रदर्शन कर चुके हैं लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं होती। नगर निगम प्रशासन को जल्द से जल्द टाऊन वेंडिंग कमेटी की बैठक बुलानी चाहिए। -मनोज
हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र में 15 वेंडिंग जोन स्थापित होने हैं। टाऊन वेंडिंग कमेटी की बैठक में शासनादेश भी जारी हुआ था। मगर 3 वेंडिंग जोन बनाकर कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। -मोहन
जो तीन वेंडिंग जोन स्थापित किए गए हैं, उनमें भी मूलभूत सुविधाएं नहीं दी गई हैं। न ही अस्थाई रूप से बनी दुकानों की मेंटीनेंस की गई। -नईम, लघु व्यापारी
वेंडिंग जोन बनाकर दुकानें मिल जाती हैं तो हमें स्नान पर्व जैसे बड़े आयोजनों में अतिक्रमण की कार्रवाई का शिकार नहीं होना पड़ेगा। -श्याम सिंह
हरिद्वार में छोटे व्यापारियों की संख्या ब् ज्यादा है। जो आए दिन पुलिस की कार्रवाई का सामना करते हैं। स्थाई रूप से दुकानें मिल जाती तो उत्पीड़न बंद हो जाता। -जय सिंह बिष्ट
वेंडिंग जोन में महिलाओं को भी दुकानें दी जानी हैं। वेंडिंग जोन में महिलाएं सुरक्षित रूप से अपनी आजीविका चला सकती हैं, लेकिन नगर निगम प्रशासन वेंडिंग जोन ही नहीं बना रहा है। - सुमन गुप्ता
नगर निगम प्रशासन द्वारा महिलाओं के लिए अलग से वेंडिंग जोन बनाए जाने चाहिएं ताकि महिलाएं सुरक्षित माहौल में अपना रोजगार कर सकें। -मंजू पाल
कोरोना काल में छोटे व्यापारियों ने ही घर घर खाने पीने का समान पहुंचाया। लेकिन कोरोना काल बीत जाने के बाद शासन, प्रशासन सब उन्हें भूल गए। -सुनीता चौहान
सरकारें तो हमारे लिए योजनाएं बनाती हैं लेकिन अधिकारियों के ढीले रवैये के चलते उन योजनाओं का लाभ हमें नहीं मिल पाता है। -मुन्ना लाल
वेंडिंग जोन न होने के कारण उन्हें ठेली रेहड़ी पर ही अपना रोजगार करना पड़ता है। वेंडिंग जोन से वो भी स्थाई रूप से बिना परेशान हुए अपना काम कर सकेंगे। -राम कुमार
टाऊन वेंडिंग कमेटी की बैठक बुलाई जाए। अधिकारियों के साथ लघु व्यापारियों को भी बैठक में शामिल कर बाकी बचे वेंडिंग जोन की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। -ओम प्रकाश
बोले जिम्मेदार
सहायक नगर आयुक्त रविंद्र दयाल का कहना है कि वेंडिंग जोन कमेटी की बैठक काफी समय से नहीं बुलाई गई है। तीन जगह वेंडिंग जोन स्थापित किया गया है। भगत सिंह चौक (सेक्टर दो) पर स्थापित वेंडिंग जोन पूरा विकसित नहीं हो सका है। तात्कालीन समय में वेंडिंग जोन से संबंधित दिक्कत को लेकर पुलिस ने पत्र लिखा, स्थानीय व्यापारियों ने प्रदर्शन किया। इस कारण वेंडिंग जोन का काम रुका पड़ा है। नए भूमि का चयन भी होना है। मामले में उच्च अधिकारियों से वार्ता की जाएगी। समस्या का समाधान करने के लिए काम किया जाएगा।
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