सबसे पहले सुखदेव मुनि राजा परीक्षित को सुनाई थी श्रीमद्भागवत कथा: पवन कृष्ण शास्त्री
कनखल स्थित श्री दारिद्र भंजन महादेव मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने कथा का श्रवण कराया। उन्होंने बताया कि राजा परीक्षित ने कलयुग को चार स्थानों पर रहने की अनुमति...
हरिद्वार, संवाददाता। कनखल स्थित श्री दारिद्र भंजन महादेव मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने कथा का श्रवण कराया। बताया कि सबसे पहले सुखदेव मुनि ने शुक्रताल में राजा परीक्षित को श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण कराया था। उन्होंने बताया कि राजा परीक्षित को जब पता चला कि पृथ्वी पर कलयुग का आगमन हो चुका है तो वे कलयुग को ढूंढते हुए गंगा के तट पर पहुंचे। कलयुग से भेंट होने पर राजा परीक्षित ने उसे पृथ्वी से जाने के लिए कहा। तब कलयुग ने राजा परीक्षित से कहा कि सतयुग, त्रेता युग और द्वापर युग की तरह उसे भी भी रहने के लिए जगह दो। तब राजा परीक्षित ने कलयुग को जहां जुआ खेला जाता हो। जहां निरपराध पशुओं की हत्या की जाती हो। जहां शराब पी जाती हो और जहां पराई स्त्री के साथ दुर्व्यवहार किया जाता हो, ऐसे चार स्थानों पर कलयुग को रहने के लिए कहा।
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