बोले हरिद्वार : जगजीतपुर में डंपिंग यार्ड से फैल रहा धुआं सेहत के लिए खतरनाक
गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के पीछे फुटबॉल ग्राउंड के पास की खाली भूमि को नगर निगम ने कूड़े के डंपिंग यार्ड में बदल दिया है। इससे आसपास के निवासियों को बदबू और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़...
गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के पीछे फुटबॉल ग्राउंड से सटी खाली पड़ी भूमि को नगर निगम ने डंपिंग यार्ड बना दिया है। सड़क और गलियों से कूड़ा उठाकर खाली भूमि में फेंक दिया जाता है जो आसपास रहने वाले लोगों के लिए मुसीबत बन चुका है। हरिद्वार से प्रवीण कुमार पेगवाल की रिपोर्ट…
सराय स्थित डंपिंग जोन में कूड़ा नहीं डाला जा रहा है। भूमि में फैली गंदगी के कारण लावारिस पशु भी मंडराते रहते हैं। लोगों का कहना है कि सराय में कूड़े के निस्तारण को कंपोेस्ट प्लांट लगा हुआ है। सफाई कर्मी घरों से निकलने वाले कूड़े को वाहनों में भरकर सराय न ले जाकर खाली पड़ी भूमि में डाल रहे हैं। नगर निगम की तरफ से फुटबॉल ग्राउंड और जगजीतपुर क्षेत्र की कॉलोनी में एक भी कूड़ेदान नहीं लगाया गया है। लोगों ने कहा कि आसपास की कॉलोनी में प्रदूषण फैला हुआ है। ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन की योजना निगम में पूरी तरह फेल है। जब निगम के कर्मचारी ही सरकार की बनाई गाइड लाइन की अनदेखी कर रहे हैं तो आम नागरिक क्या करें। गुरुकुल कांगड़ी विवि के चारों तरफ घनी आबादी है और यहां शैक्षणिक संस्थान भी हैं। नगर निगम के अधिकारियों को कई बार इस बारे में जानकारी दी गई, लेकिन निगम के अधिकारी इस तरफ ध्यान नहीं देते हैं। रिहायशी इलाकों के बीचोंबीच खाली पड़ी भूमि में कूड़ा डालने से बदबू से परेशानी हो रही है। जब हवा चलती है तो दिक्कत और बढ़ जाती है। लोगों का कहना है कि घरों का कचरा हो या फिर मरे हुए जानवर सब खाली भूमि में फेंके जा रहे हैं।
लोगों का आरोप है कि जब कचरा बढ़ता है तो रात के अंधेरे में नगर निगम के कर्मचारी कचरे में आग लगा देते हैं। इससे उठने वाला धुंआ लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित कर रहा है। लोगों का कहना है कि कई बार वार्ड के लोग इसे लेकर विरोध भी जता चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। नगर निगम और जिला प्रशासन को लिखित शिकायत कर कचरे को हटाने की मांग कर चुके हैं। आरोप है कि कचरे से निकलने वाली बदबू से बीमारी भी हो रही है। छोटे बच्चों को सांस लेने में काफी परेशानी हो रही है। संक्रमण फैलने का भी खतरा है। मुख्य चिकित्साधिकारी को भी इस संबंध में शिकायत की गई पर विभाग की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया। नगर निगम ने कूड़े का निस्तारण करने की व्यवस्था सराय में की गई है। लेकिन कॉलोनी से हर रोज निकलने वाला कचरा निगम के कर्मचारी जहां-तहां जमा कर उसमें आग लगा रहे हैं। लोगों का कहना है कि कचरे को आबादी के बाहर बने डंपिग जोन में ले जाना चाहिए, ताकि लोगों को परेशानी न हो।
फुटबॉल ग्राउंड के पास खाली पड़ी भूमि है विवादित
फुटबॉल ग्राउंड और आसपास की कॉलोनी राज बिहार, कनखल, कृष्णा नगर, त्रिलोक नगर समेत 10 से ज्यादा कॉलोनी का कूड़ा निगम के कर्मचारी जिस स्थान पर डालते हैं, वह भूमि विवादित है। खाली पड़ी इस विवादित भूमि का प्रकरण उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। उसके बावजूद भी नगर निगम ने इस भूमि पर डंपिंग यार्ड बना दिया है। सुबह से शाम तक 30 से ज्यादा छोटे-बड़े वाहन यहां पर कूड़ा करकट इकठ्ठा करते हैं। कूड़ा इकट्ठा होने पर यहां से हटाया भी जाता है। लेकिन डंपिंग यार्ड को परोपर नहीं हटाया जा रहा है। लोगों का कहना है कि निगम के अधिकारियों से जब शिकायत की जाती है, तो वह इस भूमि को विवादित बताते हैं। लोगों का कहना है कि जब विवादित भूमि है तो इस पर डंपिंग यार्ड क्यों बन जा रहा है। लोगों को इस डंपिंग यार्ड के कारण स्वास्थ्य परेशानी आ रही है। जनहित में डंपिंग यार्ड हटाया जाना चाहिए।
गंदगी के बीच रह रहे आसपास के लोग
नगर निगम की एजेंसी फुटबॉल ग्राउंड ओर आसपास के करीब 10 हजार से ज्यादा घरों से डोर टू डोर कूड़ा उठाव रही है। कहीं-कहीं सड़क किनारे या मोहल्ले में कूड़ादान रखा गया है। लेकिन अधिकांश लोग निगम के कूड़ादान में कचरा डालने के बदले सड़क के किनारे ही डाल देते हैं। कहा कि 24 घंटे कचरे से बदबू निकलती है। उसी बदबू के बीच आसपास के लोग गुजर बसर कर रहे हैं। कूड़े के कारण पूरा वातावरण प्रदूषित हो रहा है। लोगों का तर्क है कि गंदगी-बदबू के कारण सड़क से निकलना मुश्किल हो गया है। इस बदबू के कारण आसपास के घरों में रहने वाले लोग परेशान हैं। गंदगी के कारण बीमारियां फैलने का अंदेशा बना हुआ है। उन्होंने बताया कि कई बार इस मामले में शिकायत की गई, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द समस्या का समाधान करने की मांग की।
कई-कई दिनों तक सुलगता है कूड़ा
फुटबॉल ग्राउंड के पास डंपिंग यार्ड बना कर वहां कूड़े के ढेरों को आग के हवाले किया जाता है। नतीजा क्षेत्र में फैल रहे जहरीले धुएं ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। ताज्जुब है कि यहां शिकायत के बाद भी निगम और प्रशासनिक अधिकारियों को कभी धुआं भी नहीं दिखाई देता है। इस बाग में किसकी अनुमति से डंपिंग यार्ड बनाया गया, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। स्थानीय लोग शिकायत कर थक चुके हैं। बावजूद इसके अधिकारी संज्ञान लेने को तैयार नहीं है। लोगों की माने तो कूड़े के ढेर कई-कई दिनों तक सुलगते रहते हैं। इसमें अधिकांश पॉलिथीन होती है। जिसके जलने से जहरीली हवा वातावरण को जहरीला बना रही है।
सुझाव
1. नगर निगम डंपिंग यार्ड हटाने के लिए बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित करें। ताकि आसानी से इस कूड़े के ढेर को यहां से हटाया जा सकें।
2. निगम अपने कर्मचारियों को सख्त हिदायत दे कि फुटबॉल ग्राउंड से सटे आंवले के बाग में कॉलोनियों से निकला कूड़ा करकट कतई न डालें।
3. निगम लोगों की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करें, आमजन निगम को समस्या होने पर ही शिकायत करते हैं। इससे पहले की समस्या ओर बढ़े उसका निस्तारण किया जाए।
4. निगम ऐसे कर्मचारियों पर विभागीय कार्रवाई करें जो कूड़ा निस्तारण केंद्र में जाने के बजाए सार्वजनिक स्थान पर कूड़ा डाल रहे हैं।
5. निगम के कर्मचारी जिस स्थान पर कूड़े में आग लगाने वालों को चिन्हित करें, उनको सख्त चेतावनी जारी करे कि वो कूड़े में आग न लगाएं। आग लगाने वालों पर कार्रवाई हो।
शिकायतें
1. फुटबॉल ग्राउंड रिहायशी इलाकों के साथ ही शैक्षणिक संस्थान से घिरा हुआ है। यहां पर निगम के कर्मचारियों ने डंपिंग यार्ड बना दिया। यह सरासर गलत है। शिकायत के बावजूद भी संज्ञान ने लेना अधिकारी का उससे भी ज्यादा गैर जिम्मेदाराना है।
2. डंपिंग यार्ड बनाने से लोगों को मक्खी मच्छर और बदबू से दो-चार होना पड़ रहा है। कूड़े में आग लगाना लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहा है। स्थानीय लोगों की शिकायत भी अनदेखी की जा रही है। जनप्रतिनिधि सुनते नहीं तो उच्च अधिकारियों को इसमें संज्ञा लेना चाहिए।
3. निगम की लापरवाही के कारण लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। बच्चे-बड़े गंदगी के कारण बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग भी इससे अनभिज्ञ है। लापरवाह कर्मचारियों पर निगम कार्रवाई भी नहीं करती है।
4. प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को भी इस संबंध में शिकायत की गई। लेकिन न तो प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड और न ही नगर निगम लोगों की इस गंभीर समस्या पर ध्यान दे रहा है।
5. खाली पड़ी जमीन पर जहां-तहां निगम के कर्मचारी कूड़ा डाल रहे हैं। सराय स्थित निगम का कूड़ा निस्तारण केंद्र बना हुआ है। वहां टनों के डेढ़ लगे हुए हैं। निगम के कर्मचारी इस गंदगी को वहां डालें।
बोले लोग-
फुटबॉल ग्राउंड के पास की कॉलोनियों से उठाया गया कूड़ा निगम के कर्मचारी बाग में डाल रहे हैं। शिकायत के बाद भी नगर निगम कार्रवाई नहीं कर रहा। -अरशद
डंपिंग यार्ड से बदबू और धुंए से परेशानियों के बारे में लिखित शिकायत दी गई है। बावजूद भी डंपिंग यार्ड में पड़े कूड़े में आग लगनी बंद नहीं हुई है। -ब्रजभूषण
निगम की लापरवाही से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। कर्मियो ंसे कूड़ा डालने को लेकर कई बार झड़प हुई है। शिकायत पर निगम करवाई नहीं करता।-मन्नू
खाली पड़े इस स्थान पर निगम की गाड़ियों ने कूड़ा डालना शुरू कर दिया। आज यहां स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। निगम को यहां से कूड़ा हटाना चाहिए। -उदित
डंपिंग यार्ड का लोग कई बार विरोध कर चुके हैं। बावजूद इसके निगम या जिला प्रशासन ने डंपिंग यार्ड को हटाने में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। -विनीत कुमार
रिहायशी इलाकों के बीच खाली पड़ी भूमि पर बड़े पैमाने पर कूड़ा करकट डंप किया गया है। प्रतिदिन कूड़े में आग लगना और भी ज्यादा खतरनाक है। -मनोज शाह
डंपिंग यार्ड से तीन सौ मीटर दूर आवासीय क्षेत्रों में जलती गंदगी का धुआं पहुंचता है। ऐसे में सांस लेना मुश्किल हो जाता है। नगर निगम इस ओर ध्यान दें। -समीर
कूड़ा का ढेर हटाने के लिए स्थानीय लोग डीएम से लेकर मुख्यमंत्री तक पत्राचार कर चुके हैं। बावजूद डंपिंग यार्ड को नहीं हटाया जा रहा है।-मोनू वालिया
निगम अपने कर्मचारियों को यहां कूड़ा डालने पर प्रतिबंध लगाने के साथ सराय स्थित कंपोस्टिंग प्लांट में कूड़े का निस्तारण करने के लिए निर्देश दे। -नीतीश कुमार
कूड़ा करकट जलने और जहरीले धुएं का सीधा नुकसान पशु-पक्षियों के साथ इंसानों के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। यहां से डंपिंग यार्ड हटाया जाए। -विक्की
कर्मचारी शहर से इकट्ठे किए कचरे को डंपिग यार्ड में डालने की जगह फुटबॉल ग्राउंड के पास बाग में डाल रहे हैं। जिससे इलाके के लोग परेशान हैं। - रोबिन रावत
वर्तमान समय मे बड़े-बड़े कूड़े के ढेर कई-कई दिनों तक सुलगते रहते हैं। इसमें पॉलिथीन होती है। जो शहर के पूरे वातावरण को जहरीला कर रही है। -पंकज कुमार
बोले अधिकारी
फुटबॉल ग्राउंड के पास अस्थाई रूप से कूड़े का भंडारण किया जाता है। यहां कोई डंपिंग यार्ड नहीं बनाया गया है। आसपास के क्षेत्र से डोर टू डोर कूड़ा इकट्ठा कर यहां से बड़े वाहनों के माध्यम से नगर निगम के सराय स्थित डंपिंग यार्ड भेजा जाता है। लोगों की शिकायत मिलती है। लेकिन अभी निगम के पास ऐसी कोई भूमि नहीं है, जहां पर इस कूड़े को एक जगह इकट्ठा कर सके। सुपरवाइजर को मौके का निरीक्षण करने को कहा जाएगा, ताकि लोगों को कूड़े से समस्या न हो
-रविंद्र सिंह दयाल, सहायक नगर आयुक्त, हरिद्वार
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