संस्कृत भाषा के बिना दूनिया की कल्पना भी नहीं की जा सकती: प्रो. सुब्रह्मण्यम
उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में पांच दिवसीय अनुवाद कार्यशाला का समापन हुआ। मुख्य अतिथि प्रो. पीवीबी सुब्रह्मण्यम ने संस्कृत भाषा के महत्व पर जोर दिया और कहा कि यह वैश्विक भाषा है। उन्होंने संस्कृत...

उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित पांच दिवसीय अनुवाद कार्यशाला के समापन पर मुख्य अतिथि केंद्रीय संस्कृत विवि के प्रो. पीवीबी सुब्रह्मण्यम ने कहा कि संस्कृत भाषा पूरे विश्व की भाषा है। संस्कृत भाषा के बिना दुनिया की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। संस्कृत भाषा के प्रचार के लिए उत्तराखंड की सभी संस्कृत संस्थाओं को एक होकर कार्य करना होगा। प्रो. सुब्रह्मण्यम ने कहा कि राज्य में 13 संस्कृत ग्राम बनाये गए हैं। इसीलिए संस्कृत संस्थाओ के सभी अधिकारियों को एक साथ मिलकर काम करना होगा। कहा कि आज पूरे विश्व में संस्कृत भाषा की विशेषताएं पूरे जान मानस को प्रभावित कर रही है। वसुधैव कुटुम्बकम की भावना संस्कृत भाषा में ही है। यही कारण है कि सरकार भी संस्कृत भाषा के प्रचार के लिए प्रयास कर रही है।
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